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पंजाब के अमृतसर के मियादी कलां गांव की रहने वाली 25 साल की गुरजीत के परिवार का हॉकी से कुछ लेना-देना नहीं था। लेकिन कुछ सालों पहले हॉकी खेलने वाली गुरजीत ने महिला हॉकी में वो कर दिखाया है, जिसके लोग सिर्फ सपने देखते हैं इन्होंने देश के लिए 100 मैच खेलने का रिकॉर्ड बनाया। अपने बेहतरीन प्रदर्शन से कई बार इन्होंने टीम को जीत भी दिलाई है। इनके ओलंपिक में किए गए प्रदर्शन को देश कभी भूला नहीं पाएगा।
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पंजाब के अमृतसर के मियादी कलां गांव की रहने वाली 25 साल की गुरजीत के परिवार का हॉकी से कुछ लेना-देना नहीं था। लेकिन कुछ सालों पहले हॉकी खेलने वाली गुरजीत ने महिला हॉकी में वो कर दिखाया है, जिसके लोग सिर्फ सपने देखते हैं इन्होंने देश के लिए 100 मैच खेलने का रिकॉर्ड बनाया। अपने बेहतरीन प्रदर्शन से कई बार इन्होंने टीम को जीत भी दिलाई है। इनके ओलंपिक में किए गए प्रदर्शन को देश कभी भूला नहीं पाएगा।
एमसी मैरी कॉम एक ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से भारत का नाम रोशन किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि वो इस धरती की सबसे दिलचस्प एथलीटों में से एक हैं। हिंदुस्तान के एक गरीब परिवार में जन्मी मैरी कॉम का जीवन संर्घषपूर्ण रहा है। अपने परिवार की मदद करने के लिए वह उनके साथ काम करती थीं। साल 2001 में महिला बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखने के बाद आज भी इनका जलवा कायम है।
द ग्रेट खली ने पहलवानी में भारत का नाम रोशन कर सबसे ऊंचा स्थान दिलाया है। पूरी दुनिया में महाबली खली के नाम से जाने जाने वाले खली ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और आज उस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि उनके रिकॉर्ड को तोड़ना काफी मुश्किल हो गया है। खली का बचपन काफी गरीबी में बीता सुनिए इनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक जानकारियां
प्रदीप नरवाल प्रो कबड्डी लीग के सबसे कामयाब खिलाड़ियों में से हैं. उन्होंने पटना को इस लीग का चैंपियन भी बनाया है. वे रेडर के रूप में खेलते हैं, प्रदीप नरवाल को डुबकी किंग के नाम से भी जाना जाता है। वो देश के लिए भी कब्बडी में कई बार बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं।
अभिनव बिंद्रा भारत के ओलिंपिक इतिहास को सुनहरा अध्याय देने वाले शख्स हैं। देश को ओलिंपिक खेलों में पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा ने अपने करियर में हर वो कामयाबी हासिल की जो कई लोगों के लिए महज सपना होता है। अभिनव देश के पहले गोल्डन बॉय थे, जब उन्होंने बीजिंगओलिंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था।
लिएंडर पेस एक भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं, वह पहले भारतीय थे जिन्होंने 1996 में अटलांटा ओलंपिक खेलों में टेनिस की एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने 8 युगल और 10 मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। सुनिए लिएंडर पेस के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
पॉकेट डायनेमो के नाम से मशहूर खाशाबा दादासाहेब जाधव स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट हैं, जिसने भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाया। इन्होंने साल 1952 में व्यक्तिगत स्पर्धा 54 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। हालांकि इससे पहले 1948 लंदन ओलंपिक में वो मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो पाये थे।
कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलिंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह भारत के लिए ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी थीं। ऐतिहासिक उपलब्धि ने कर्णम मल्लेश्वरी को देश के घर-घर में पहचान दिलाई और उन्हें ‘द आयरन लेडी’ बुलाया जाने लगा।
भारतीय फुटबॉल की ‘दुर्गा’ के नाम से प्रसिद्ध ओनम बेमबेम देवी पद्मश्री पाने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर हैं। इन्होंने 21 सालों तक फुटबॉल में देश का प्रतिनिधित्व किया है, ये शुरुआती दिनों में नाम बदलकर लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थीं ताकि इन्हें इस खेल में महारत हासि हो सके और लड़के उन्हें टीम से ना नकालें। इन्हें साल 2017 में अर्जुन अवॉर्ड और 2021 में पद्मश्री पुरुस्कार से नवाजा जा चुका है।
जवागल श्रीनाथ के नाम बतौर भारतीय गेंदबाज सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप खेलने का रिकॉर्ड है। वो साल 1992, 1996,1999 और साल 2003 में हुए 50-50 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा रहे हैं। इंजीनियर से क्रिकेटर बने श्रीनाथ ने साल 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ वन-डे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। सुनिए उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें।
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