प्रतीक बब्बर ने साल 2007 में आई फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ के जरिए बतौर सहायक अभिनेता बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि, इतना समय गुजर जाने के बाद एक्टर ने अपने डेब्यू को लेकर एक बड़ा रोज खोला है। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में प्रतीक ने खुलासा किया कि निर्देशक संजय लीला भंसाली उन्हें अपनी फिल्म ‘सांवरिया’ में कास्ट करना चाहते थे। दुर्भाग्य से उस समय रिहैब में होने की वजह से वह इस फिल्म का हिस्सा बनने से चूक गए।
इसके बाद ‘सांवरिया’ से रणबीर कपूर और सोनम कपूर ने बॉलीवुड में डेब्यू किया। फिल्म में रानी मुखर्जी ने अहम किरदार निभाया था। वहीं सलमान खान कैमियो में नजर आए थे। Fyodor Dostoevsky’s की 1848 की शॉर्ट कहानी व्हाइट नाइट्स पर आधारित इस फिल्म को समीक्षकों ने पसंद नहीं किया गया था। इसका असर फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर भी देखने को मिला था। सांवरिया फिल्म ने ऐवरेज बिजनेस किया था। हाल ही में एक बातचीत में प्रतीक ने कहा, ‘वास्तव में मेरी एक मजेदार कहानी है। जब मैं 18 साल का था और और रिहैब में था तब सांवरिया के लिए संजय लीला भंसाली ने मेरे घर पर फोन किया था। तब मैं बहुत छोटा था और रिहैब में था इसलिए यह फिल्म नहीं कर सका।’ उन्होंने कहा कि यह बात उनके दादा-दादी ने कुछ साल के बाद बताई थी।
बातचीत के दौरान प्रतीक ने स्पष्ट किया कि सांवरिया में काम न करने का उन्हें मलाल नहीं हुआ क्योंकि उस समय वह एक्टर नहीं बनना चाहते थे। बता दें कि प्रतीक के माता-पिता दोनों ही जाने माने अभिनेता हैं। उनके पिता राज बब्बर को 80 के दशक के एक सफल एक्टर हैं जबकि उनकी मां स्मिता पाटिल को हिंदी फिल्म जगत में सबसे महान अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। इतने बड़े कलाकारों के घर में जन्म के बाद भी वह एक्टर नहीं बनना चाहते थे।
प्रतीक ने कहा, मैं कभी अभिनेता नहीं बनना चाहता था। मैं बस किस्मत से एक्टर बन गया। उन्होंने बताया कि मेरे माता- पिता अच्छे अभिनेता थे, लेकिन मैं उस समय एक्टिंग की दुनिया से दूर, एक रॉकस्टार बनना चाहता था। मैं अपने बाल बड़े करना चाहता था, चेहरे पर मेकअप कर स्टेज पर चीखना चाहता था। इससे पहले, मैं एक क्रिकेटर बनना चाहता था।’
गौरतलब है कि प्रतीक की अपकमिंग बच्चन पांडे में रिलीज होने जा रही है। इसमें उन्होंने सहायक अभिनेता के रूप में काम किया है। फरहाद सामजी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ जैकलीन फर्नांडिस, कृति सैनन और अरशद वारसी मुख्य भूमिका में हैं।