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क्रिप्टोकरेंसी से डरा पाकिस्तान: कमेटी ने की पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की सिफारिश

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 20 Jan 2022 08:21 PM IST

सार

जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की अपनी सरकारी डिजिटल करेंसी जारी करने की कोई योजना नहीं है। इसके विपरीत स्टेट बैंक की समिति ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की सलाह दी है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी वेबसाइटें भी शामिल हैं…

पाकिस्तान क्रिप्टोकरेंसी
– फोटो : Agency (File Photo)

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पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने देश में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। बैंक की एक समिति ने कहा है कि बिटकॉइन और ऐसी दूसरी करेंसियों से जितना लाभ हो रहा है, उसकी तुलना में कई गुना ज्यादा जोखिम पैदा हो रहे हैं। बैंक की ‘रिस्क बेनिफिट एनालिसिस’ (लाभ-हानि विश्लेषण) कमेटी ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा है। साथ ही इससे कई तरह की अवैध वित्तीय गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।

पाकिस्तान की एक अदालत के आदेश पर इस कमेटी ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव का विश्लेषण किया। कमेटी में वित्त, सूचना तकनीक, दूरसंचार और मुद्रा विनिमय के जानकार अधिकारी शामिल थे। समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि इन करेंसियों पर पूरी तरह रोक लगा दी जानी चाहिए। समिति ने ध्यान दिलाया है कि भारत में भी इस तरह के कदम उठाने पर विचार चल रहा है। इस सिलसिले में भारत सरकार के क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल क्रिप्टोकरेंसी बिल का जिक्र किया गया है।

फिलहाल के कानून लचर

लेकिन जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की अपनी सरकारी डिजिटल करेंसी जारी करने की कोई योजना नहीं है। इसके विपरीत स्टेट बैंक की समिति ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की सलाह दी है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी वेबसाइटें भी शामिल हैं। समिति ने कहा है कि पाकिस्तान में अभी जो कानून हैं, वे क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोकने के लिहाज से सक्षम नहीं हैं।

वेबसाइट एशिया टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंध का सुझाव आने के बाद पाकिस्तान में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कारोबारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस पर रोक लगाने के बजाय सरकार को सरकारी डिजिटल करेंसी जारी करने की तैयारी करनी चाहिए। इन कारोबारियों का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

कुल निवेश स्टेट बैंक की विदेशी मुद्रा से भी ज्यादा

फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का अनुमान है कि इस समय पाकिस्तान के लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में 20 बिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है। ये निवेश स्टेट बैंक के पास मौजूद कुल विदेशी मुद्रा से भी ज्यादा है। इसके बावजूद कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष माजिद अजीज ने कहा है कि कोई जोखिम सामने आने पर सीधे प्रतिबंध लगाने की सोच गलत दिशा में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रतिबंध के नतीजों का पूरा जायजा नहीं लिया है।

दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी रोक लगा चुके हैं। इनमें चीन, बांग्लादेश, सऊदी अरब, मिस्र, इराक, कतर, ओमाल, मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनिशिया शामिल हैं। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने इस पर आंशिक प्रतिबंध लगाया है। उन देशों में बैंकों और डिजिटल संपत्तियों की क्रिप्टोकरेंसी के जरिए खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है। इन देशों में पाकिस्तान के अलावा बहरीन और बोलिविया भी शामिल हैं।

अब पाकिस्तान में बनी समिति इस नतीजे पर पहुंची है कि आंशिक प्रतिबंध कामयाब नहीं हुआ है। इसलिए उसने पूरी रोक लगाने की सिफारिश की है।

विस्तार

पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने देश में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। बैंक की एक समिति ने कहा है कि बिटकॉइन और ऐसी दूसरी करेंसियों से जितना लाभ हो रहा है, उसकी तुलना में कई गुना ज्यादा जोखिम पैदा हो रहे हैं। बैंक की ‘रिस्क बेनिफिट एनालिसिस’ (लाभ-हानि विश्लेषण) कमेटी ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा है। साथ ही इससे कई तरह की अवैध वित्तीय गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।

पाकिस्तान की एक अदालत के आदेश पर इस कमेटी ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव का विश्लेषण किया। कमेटी में वित्त, सूचना तकनीक, दूरसंचार और मुद्रा विनिमय के जानकार अधिकारी शामिल थे। समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि इन करेंसियों पर पूरी तरह रोक लगा दी जानी चाहिए। समिति ने ध्यान दिलाया है कि भारत में भी इस तरह के कदम उठाने पर विचार चल रहा है। इस सिलसिले में भारत सरकार के क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल क्रिप्टोकरेंसी बिल का जिक्र किया गया है।

फिलहाल के कानून लचर

लेकिन जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की अपनी सरकारी डिजिटल करेंसी जारी करने की कोई योजना नहीं है। इसके विपरीत स्टेट बैंक की समिति ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की सलाह दी है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी वेबसाइटें भी शामिल हैं। समिति ने कहा है कि पाकिस्तान में अभी जो कानून हैं, वे क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोकने के लिहाज से सक्षम नहीं हैं।

वेबसाइट एशिया टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंध का सुझाव आने के बाद पाकिस्तान में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कारोबारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस पर रोक लगाने के बजाय सरकार को सरकारी डिजिटल करेंसी जारी करने की तैयारी करनी चाहिए। इन कारोबारियों का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

कुल निवेश स्टेट बैंक की विदेशी मुद्रा से भी ज्यादा

फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का अनुमान है कि इस समय पाकिस्तान के लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में 20 बिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है। ये निवेश स्टेट बैंक के पास मौजूद कुल विदेशी मुद्रा से भी ज्यादा है। इसके बावजूद कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष माजिद अजीज ने कहा है कि कोई जोखिम सामने आने पर सीधे प्रतिबंध लगाने की सोच गलत दिशा में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रतिबंध के नतीजों का पूरा जायजा नहीं लिया है।

दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी रोक लगा चुके हैं। इनमें चीन, बांग्लादेश, सऊदी अरब, मिस्र, इराक, कतर, ओमाल, मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनिशिया शामिल हैं। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने इस पर आंशिक प्रतिबंध लगाया है। उन देशों में बैंकों और डिजिटल संपत्तियों की क्रिप्टोकरेंसी के जरिए खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है। इन देशों में पाकिस्तान के अलावा बहरीन और बोलिविया भी शामिल हैं।

अब पाकिस्तान में बनी समिति इस नतीजे पर पहुंची है कि आंशिक प्रतिबंध कामयाब नहीं हुआ है। इसलिए उसने पूरी रोक लगाने की सिफारिश की है।

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