बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 07 Feb 2022 11:47 AM IST
सार
Special Ways To Get Out Of Debt: कई बार आपात स्थिति या किसी दूसरी वजह से हम वित्तीय संकट में फंस जाते हैं। इसके बाद क्रेडिट कार्ड के बिल, कार, होम लोन की मासिक किस्त अदा करना मुश्किल हो जाता है। धीरे-धीरे हम कर्ज के जाल में फंसते चले जाते हैं। ऐसे में कुछ खास उपाय आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं और आप इस मुसीबत से निजात पा सकते हैं।
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विस्तार
बचत और प्रॉपर्टी की मदद लें
कर्ज के जाल में फंसने के बुरे समय में आपके पास नया कर्ज लेकर पुराने लोन के जाल से बाहर आने का रास्ता भी नहीं होता, क्योंकि आपकी सिबिल रिपोर्ट तब तक खराब हो चुकी होती है। ऐसे में संपत्ति हमेशा वित्तीय संकट से निपटने में मदद करती है। आप अपनी बचत का इस्तेमाल भी कर्ज चुकाने के लिए कर सकते हैं। वहीं, प्रॉपर्टी को बंधक रखकर या फिर बेचकर बड़े लोन चुका सकते हैं। अगर आपके पास शेयर हैं, तो इक्विटी की मदद से कर्ज संकट से छुटकारा पा सकते हैं।
कर्ज की अवधि को बढ़ाएं
दूसरा उपाय यह है कि आप बैंक कर्मचारियों के साथ चर्चा करके उन्हें अपनी मौजूदा आर्थिक हालात के बारे में बताएं और कर्ज चुकाने के लिए उनसे अतिरिक्त समय की मांग करें। इस तरह आप ईएमआई का दबाव कम कर पाएंगे। इसके साथ ही अधिक समय मिलने से आप कमाई के लिए और विकल्प की खोज सकेंगे। जो कि आपको कर्ज के भंवरजाल से बाहर निकालने के लिए फायदेमंद साबित होगा।
गोल्ड लोन के जरिए पाएं छुटकारा
तीसरे उपाय के तौर पर कर्ज के जाल में फंसने की स्थिति में आप गोल्ड लोन के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप सोने के आभूषणों व सिक्कों के बदले कर्ज ले सकते हैं। यह आपकी संपत्ति के इस्तेमाल का सबसे बेहतर और तेज विकल्प है। इस तरह के कर्ज पर करीब 08 से 15 फीसदी सालाना का ब्याज देना होता है। इसलिए अगर आपके ऊपर ऊंची ब्याज दर वाला कोई लोन है तो इससे मिलने वाली राशि से पहले उसे चुका सकते हैं।
ऊंचे ब्याज पर लोन भुगतान पहले करें
अगर आप कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस गए हैं तो अपने लोन व बिलों के भुगतान की रणनीति बेहद समझदारी से बनाएं। अपने सभी बकाया कर्जों की एक सूची बनाएं। फिर यह तय करें कि आप सबसे पहले कौन सा कर्ज खत्म करना चाहते हैं। सभी लोन को इसी तरह प्राथमिकता के आधार पर बांटें। आपकी रणनीति यह होनी चाहिए कि सबसे महंगे कर्ज का भुगतान सबसे पहले हो। जैसे क्रेडिट कार्ड के भुगतान। क्योंकि इन पर आमतौर पर सालाना 40 फीसदी तक ब्याज देना पड़ता है।
