एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 20 Jan 2022 06:46 AM IST
सार
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने बजट पूर्व रिपोर्ट में कहा कि नए वित्त वर्ष की बेहतर शुरुआत के लिए जरूरी है कि चालू वित्त वर्ष में एलआईसी की शेयर बिक्री को पूरा किया जाए। यह काफी अधिक दबाव वाले बही-खाते को दुरुस्त करने में मददगार होगा।
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विस्तार
बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने बजट पूर्व रिपोर्ट में कहा कि नए वित्त वर्ष की बेहतर शुरुआत के लिए जरूरी है कि चालू वित्त वर्ष में एलआईसी की शेयर बिक्री को पूरा किया जाए। यह काफी अधिक दबाव वाले बही-खाते को दुरुस्त करने में मददगार होगा। इससे 2022-23 में राजकोषीय घाटा को 6.3 फीसदी के निचले स्तर पर लाने में मदद मिलेगी क्योंकि नए वित्त वर्ष की शुरुआत सरकारी खजाने में कम-से-कम तीन लाख करोड़ के नकद अधिशेष के साथ होगी। बजट में राजकोषीय घाटे को 0.3 से 0.4 फीसदी से अधिक की कमी पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि ज्यादातर क्षेत्रों को समर्थन की जरूरत है।
अन्य टैक्स लगाने से नुकसान
घोष ने कहा कि बजट में राजकोषीय मजबूती पर धीरे-धीरे कदम बढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए। 2022-23 के लिए चालू वित्त वर्ष के मुकाबले राजकोषीय घाटे में कमी 0.3 से 0.4 फीसदी तक सीमित रहनी चाहिए। उन्होंने इस समय संपत्ति कर या अन्य कर लगाए जाने को लेकर भी आगाह करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे लाभ के बजाय नुकसान ज्यादा होगा।
डिजिटल भुगतान में रिकॉर्ड 40 फीसदी तेजी
देश में डिजिटल भुगतान में सितंबर, 2021 तक सालाना आधार पर रिकॉर्ड 40 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि लोग ऑनलाइन लेनदेन को तेजी से अपना रहे हैं। इससे डिजिटल भुगतान में तेजी आई है। सितंबर, 2021 में आरबीआई का डिजिटल पेमेंट इंडेक्स बढ़कर 304.06 पहुंच गया, जो मार्च, 2021 में 270.59 और सितंबर, 2020 में 217.74 था।