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एनएसई को-लोकेशन मामला: चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने सात दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेजा

एनएसई को-लोकेशन मामला: चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने सात दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेजा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 07 Mar 2022 03:57 PM IST

सार

एनएसई को-लोकेशन मामले में रविवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सोमवार को विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें बड़ा झटका लगा है। दरअसल, अदालत ने रामकृष्ण को सात दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। 

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, उन्हें रविवार को गिरफ्तार किया गया था और आज विशेष अदालत के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें सात दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम की सीबीआई हिरासत 9 मार्च तक बढ़ा दी है। उन्हें 25 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।  

14 दिन की मांगी थी रिमांड
गौरतलब है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अदालत के समक्ष पेश किया था और एनएसई को-लोकेशन मामले में उनकी 14 दिन की हिरासत की मांग की थी। गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने कहा था कि सीबीआई ने रामकृष्ण से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की और उनके आवास पर तलाशी ली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने कहा कि वह उचित जवाब नहीं दे रही थीं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी लीं, जिन्होंने भी उनसे पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि एजेंसी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

चित्रा पर लगे हैं गंभीर आरोप
चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी। गौरतलब है कि चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है। इस संबंध में बीते दिनों सीबीआई ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वही हिमालयन योगी हैं। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वह एनएसई के कामकाज में दखल देते थे। इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। 

क्या है को-लोकेशन स्कैम?
शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था। धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड को इस संबंध में एक अज्ञात सूचना मिली। इसमें आरोप लगाया गया था कि एनएसई के अधिकारियों की मदद से कुछ ब्रोकर पहले ही जानकारी मिलने का लाभ उठा रहे हैं। एनएससी में खरीद-बिक्री तेजी को देखते हुए घपले की रकम पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

विस्तार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, उन्हें रविवार को गिरफ्तार किया गया था और आज विशेष अदालत के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें सात दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम की सीबीआई हिरासत 9 मार्च तक बढ़ा दी है। उन्हें 25 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।  

14 दिन की मांगी थी रिमांड

गौरतलब है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अदालत के समक्ष पेश किया था और एनएसई को-लोकेशन मामले में उनकी 14 दिन की हिरासत की मांग की थी। गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने कहा था कि सीबीआई ने रामकृष्ण से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की और उनके आवास पर तलाशी ली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने कहा कि वह उचित जवाब नहीं दे रही थीं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी लीं, जिन्होंने भी उनसे पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि एजेंसी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

चित्रा पर लगे हैं गंभीर आरोप

चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी। गौरतलब है कि चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है। इस संबंध में बीते दिनों सीबीआई ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वही हिमालयन योगी हैं। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वह एनएसई के कामकाज में दखल देते थे। इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। 

क्या है को-लोकेशन स्कैम?

शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था। धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड को इस संबंध में एक अज्ञात सूचना मिली। इसमें आरोप लगाया गया था कि एनएसई के अधिकारियों की मदद से कुछ ब्रोकर पहले ही जानकारी मिलने का लाभ उठा रहे हैं। एनएससी में खरीद-बिक्री तेजी को देखते हुए घपले की रकम पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

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