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ईडी ने कसा शिकंजा: यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक चंद्रा बंधु गिरफ्तार, मुंबई की जेल से दिल्ली लाए गए 

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 21 Dec 2021 10:46 PM IST

सार

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब दोनों तिहाड़ जेल के अंदर थे तब भी जेल कर्मचारियों की मदद से वे अपना कारोबार चला रहे थे।

पूर्व यूनिटेक प्रमोटर गिरफ्तार
– फोटो : Social Media

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प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शिकंजा कसते हुए यूनिटेक समूह के पूर्व प्रवर्तक भाइयों संजय चंद्रा एवं अजय चंद्रा को गिरफ्तार किया है। ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दोनों को हिरासत में लेकर मुंबई की अलग अलग जेलों से दिल्ली लाया गया है। दोनों को दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में ईडी को इन्हें हिरासत में लेकर फिर से पूछताछ करने की अनुमति दी थी। ईडी का दावा है कि उसे कुछ नए साक्ष्य मिले हैं और अब दोनों से इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ होगी। 

जेल से चला रहे थे कारोबार
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब दोनों तिहाड़ जेल के अंदर थे तब भी जेल कर्मचारियों की मदद से वे अपना कारोबार चला रहे थे। जेल में एक अंडरग्राउंड ऑफिस का भी पता लगाया गया था जिसे यूनिटेक संस्थापक और दोनों के पिता रमेश चंद्रा चला रहे थे। संजय और अजय चंद्रा जब पैरोल या जमानत पर थे तब उस दफ्तर में आते-जाते रहते थे। इसके बाद ही दोनों आरोपियों को मुंबई की अलग अलग जेलों में भेजने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। तब एक को आर्थर रोड और दूसरे को तलोजा जेल में रखा गया था।

चंद्रा बंधु अगस्त 2017 से जेल में हैं और इन पर घर खरीदारों के 2000 करोड़ रुपये से अधिक के हेर-फेर का आरोप है। ईडी ने इस साल की शुरुआत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की थी। अक्तूबर में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा, संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा और कार्नोस्टी समूह के राजेश मलिक को गिरफ्तार किया था। ईडी अब तक इस मामले में 690 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर चुका है। 
 

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शिकंजा कसते हुए यूनिटेक समूह के पूर्व प्रवर्तक भाइयों संजय चंद्रा एवं अजय चंद्रा को गिरफ्तार किया है। ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दोनों को हिरासत में लेकर मुंबई की अलग अलग जेलों से दिल्ली लाया गया है। दोनों को दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में ईडी को इन्हें हिरासत में लेकर फिर से पूछताछ करने की अनुमति दी थी। ईडी का दावा है कि उसे कुछ नए साक्ष्य मिले हैं और अब दोनों से इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ होगी। 

जेल से चला रहे थे कारोबार

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब दोनों तिहाड़ जेल के अंदर थे तब भी जेल कर्मचारियों की मदद से वे अपना कारोबार चला रहे थे। जेल में एक अंडरग्राउंड ऑफिस का भी पता लगाया गया था जिसे यूनिटेक संस्थापक और दोनों के पिता रमेश चंद्रा चला रहे थे। संजय और अजय चंद्रा जब पैरोल या जमानत पर थे तब उस दफ्तर में आते-जाते रहते थे। इसके बाद ही दोनों आरोपियों को मुंबई की अलग अलग जेलों में भेजने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। तब एक को आर्थर रोड और दूसरे को तलोजा जेल में रखा गया था।

चंद्रा बंधु अगस्त 2017 से जेल में हैं और इन पर घर खरीदारों के 2000 करोड़ रुपये से अधिक के हेर-फेर का आरोप है। ईडी ने इस साल की शुरुआत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की थी। अक्तूबर में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा, संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा और कार्नोस्टी समूह के राजेश मलिक को गिरफ्तार किया था। ईडी अब तक इस मामले में 690 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर चुका है। 

 

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