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इमरान के बुरे दिन आ रहे!: 28 मार्च को साझा विपक्ष ला रहा अविश्वास प्रस्ताव, जनरल बाजवा रहेंगे तटस्थ

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Fri, 18 Mar 2022 01:31 PM IST

सार

पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौजूदा सियासी संकट के दौरान तटस्थ रहने का फैसला कर पीएम इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। 

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पाकिस्तान राजनीतिक संकट की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। साझा विपक्ष पाक नेशनल असेंबली ‘संसद’ में उनके खिलाफ 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है। इसे देखते हुए इमरान भड़कने लगे हैं। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से पहले 27 मार्च को 10 लाख लोगों के साथ इस्लामाबाद के ‘डी चौक’ में प्रदर्शन का एलान कर दिया है। 

उधर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौजूदा सियासी संकट के दौरान तटस्थ रहने का फैसला कर पीएम इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार इमरान खान की मुसीबत इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि  साझा विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (PTI) से अलग हुआ धड़ा भी इसका समर्थन कर रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि इमरान की उल्टी गिनती शुरू होने का वक्त आ गया है। रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय भी इस बार देश के ताजा सियासी संकट के दौरान चुप्पी साधे रखेगा। इससे लगता है कि पीएम इमरान खान यह घाटी पार नहीं कर सकेंगे। 

दो विकल्पों पर विचार कर रहा पाकिस्तान का विपक्ष
पीएम इमरान खान के तमाम झांसों और जोड़-तोड़ के बीच पाकिस्तान से आ रही खबरों से संकेत मिलता है कि विपक्ष दो विकल्पों पर विचार कर रहा है। एक तो यह कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) शहबाज शरीफ के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाए और आम चुनावों का आह्वान किया जाए। दूसरा पांच साल के लिए राष्ट्रीय सरकार बनाना, क्योंकि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। समझा जाता है कि शाहबाज के भाई और निर्वासित नेता नवाज शरीफ जल्द चुनाव के पक्ष में हैं।

सियासी संकट के बीच इमरान खान हताश होकर भड़कने लगे हैं। उन्होंने साझा विपक्ष के नेताओं को भी भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि वह अविश्वास प्रस्ताव के एक दिन पहले 27 मार्च को 10 लाख लोगों के साथ इस्लामाबाद के ‘डी चौक’ (डेमाक्रेसी चौक) में प्रदर्शन करेंगे। 

विस्तार

पाकिस्तान राजनीतिक संकट की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। साझा विपक्ष पाक नेशनल असेंबली ‘संसद’ में उनके खिलाफ 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है। इसे देखते हुए इमरान भड़कने लगे हैं। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से पहले 27 मार्च को 10 लाख लोगों के साथ इस्लामाबाद के ‘डी चौक’ में प्रदर्शन का एलान कर दिया है। 

उधर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौजूदा सियासी संकट के दौरान तटस्थ रहने का फैसला कर पीएम इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार इमरान खान की मुसीबत इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि  साझा विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (PTI) से अलग हुआ धड़ा भी इसका समर्थन कर रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि इमरान की उल्टी गिनती शुरू होने का वक्त आ गया है। रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय भी इस बार देश के ताजा सियासी संकट के दौरान चुप्पी साधे रखेगा। इससे लगता है कि पीएम इमरान खान यह घाटी पार नहीं कर सकेंगे। 

दो विकल्पों पर विचार कर रहा पाकिस्तान का विपक्ष

पीएम इमरान खान के तमाम झांसों और जोड़-तोड़ के बीच पाकिस्तान से आ रही खबरों से संकेत मिलता है कि विपक्ष दो विकल्पों पर विचार कर रहा है। एक तो यह कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) शहबाज शरीफ के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाए और आम चुनावों का आह्वान किया जाए। दूसरा पांच साल के लिए राष्ट्रीय सरकार बनाना, क्योंकि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। समझा जाता है कि शाहबाज के भाई और निर्वासित नेता नवाज शरीफ जल्द चुनाव के पक्ष में हैं।

सियासी संकट के बीच इमरान खान हताश होकर भड़कने लगे हैं। उन्होंने साझा विपक्ष के नेताओं को भी भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि वह अविश्वास प्रस्ताव के एक दिन पहले 27 मार्च को 10 लाख लोगों के साथ इस्लामाबाद के ‘डी चौक’ (डेमाक्रेसी चौक) में प्रदर्शन करेंगे। 

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