एजेंसी, बैंकॉक।
Published by: योगेश साहू
Updated Thu, 20 Jan 2022 07:29 AM IST
अफगानिस्तान।
– फोटो : प्रतीकात्मक
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से देश में पांच लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन चुकी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। महिलाओं व सरकारी कर्मचारियों के अलावा कृषि, समाज सेवा और भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन क्षेत्रों में काम करने वालों को बड़ी संख्या में या तो रोजगार गंवाना पड़ा है अथवा उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कंपनियां अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए जूझ रही हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में अफगान नागरिक रोजाना देश छोड़ रहे हैं। अनुमान है कि देश में लगातार गहराते संकट के बीच जून तक रोजगार गंवाने वालों की संख्या सात से नौ लाख के बीच हो जा सकती है।
पाकिस्तान : विदेशी व घरेलू कर्ज के साझा बोझ से जूझ रही अर्थव्यवस्था
पाक अर्थव्यवस्था बाहरी और घरेलू कर्ज कते साझा बोझ, बढ़ती मुद्रास्फीति और तेजी से गिरते रुपये के चलते जबरदस्त संघर्ष कर रही है। इस्लाम खबर ने एक रिपोर्ट में बताया, अब पाक के पास विदेशी मदद के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। लेकिन एक तरफ सरकार आईएमएफ से खैरात मांग रही है जिसमें कड़ी शर्तें हैं और दूसरी तरफ वह चीन को तारणहार होने की उम्मीद लगाए बैठी है।
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से देश में पांच लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन चुकी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। महिलाओं व सरकारी कर्मचारियों के अलावा कृषि, समाज सेवा और भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन क्षेत्रों में काम करने वालों को बड़ी संख्या में या तो रोजगार गंवाना पड़ा है अथवा उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कंपनियां अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए जूझ रही हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में अफगान नागरिक रोजाना देश छोड़ रहे हैं। अनुमान है कि देश में लगातार गहराते संकट के बीच जून तक रोजगार गंवाने वालों की संख्या सात से नौ लाख के बीच हो जा सकती है।
पाकिस्तान : विदेशी व घरेलू कर्ज के साझा बोझ से जूझ रही अर्थव्यवस्था
पाक अर्थव्यवस्था बाहरी और घरेलू कर्ज कते साझा बोझ, बढ़ती मुद्रास्फीति और तेजी से गिरते रुपये के चलते जबरदस्त संघर्ष कर रही है। इस्लाम खबर ने एक रिपोर्ट में बताया, अब पाक के पास विदेशी मदद के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। लेकिन एक तरफ सरकार आईएमएफ से खैरात मांग रही है जिसमें कड़ी शर्तें हैं और दूसरी तरफ वह चीन को तारणहार होने की उम्मीद लगाए बैठी है।
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