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अहमदनगर अग्निकांड: 11 मरीजों की मौत के बाद डॉक्टरों-नर्सों के खिलाफ कार्रवाई का आईएमए ने किया विरोध

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Wed, 17 Nov 2021 11:00 PM IST

सार

महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में आग लगने से हुई मरीजों की मौत के बाद अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने निंदा की है।

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महाराष्ट्र के अहमदनगर में बीते दिनों एक सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी। इस दौरान यहां कोविड-19 से संक्रमित 11 मरीजों की मौत हो गई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को शोक व्यक्त किया और डॉक्टरों व नर्सों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा की। आईएमए ने कहा कि इससे पेशेवरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

आईएमए ने कहा कि सरकारी अस्पताल में आग लगने की घटना सरकार, प्रशासन, इंजीनियरिंग से संबद्ध विभाग और रखरखाव की सामूहित जिम्मेदारी को सामने लाती है। इसने कहा कि यह जानकर बहुत दुख का अनुभव हो रहा है कि आईसीयू में मरीजों की मेडिकल देखभाल करने में शामिल रहे चिकित्सकों और नर्सों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया गया है।

‘डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई पेशेवरों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है’
एक बयान में आईएमए ने कहा कि डॉक्टरों और नर्सों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 304ए के तहत आरोप लगाना सवाल उठाता है कि लोकतांत्रिक देश में पेशेवरों की सुरक्षा की स्थिति क्या है। आईएमए ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और ऐसे कदम उठाए जाएं कि इस तरह की घटनाएं भविष्य मे फिर न घटित हों।

अस्पताल में आग लगने की घटना में राज्य सरकार ने की ये कार्रवाई
अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से 11 कोविड मरीजों की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने अहमदनगर जिला सिविल सर्जन व तीन अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और दो नर्सों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। बाद में लापरवाही से मौत के आरोप में एक महिला चिकित्सा अधिकारी और तीन नर्सों को गिरफ्तार किया गया था।

विस्तार

महाराष्ट्र के अहमदनगर में बीते दिनों एक सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी। इस दौरान यहां कोविड-19 से संक्रमित 11 मरीजों की मौत हो गई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को शोक व्यक्त किया और डॉक्टरों व नर्सों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा की। आईएमए ने कहा कि इससे पेशेवरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

आईएमए ने कहा कि सरकारी अस्पताल में आग लगने की घटना सरकार, प्रशासन, इंजीनियरिंग से संबद्ध विभाग और रखरखाव की सामूहित जिम्मेदारी को सामने लाती है। इसने कहा कि यह जानकर बहुत दुख का अनुभव हो रहा है कि आईसीयू में मरीजों की मेडिकल देखभाल करने में शामिल रहे चिकित्सकों और नर्सों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया गया है।

‘डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई पेशेवरों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है’

एक बयान में आईएमए ने कहा कि डॉक्टरों और नर्सों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 304ए के तहत आरोप लगाना सवाल उठाता है कि लोकतांत्रिक देश में पेशेवरों की सुरक्षा की स्थिति क्या है। आईएमए ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और ऐसे कदम उठाए जाएं कि इस तरह की घटनाएं भविष्य मे फिर न घटित हों।

अस्पताल में आग लगने की घटना में राज्य सरकार ने की ये कार्रवाई

अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से 11 कोविड मरीजों की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने अहमदनगर जिला सिविल सर्जन व तीन अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और दो नर्सों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। बाद में लापरवाही से मौत के आरोप में एक महिला चिकित्सा अधिकारी और तीन नर्सों को गिरफ्तार किया गया था।

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