वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सिओल
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 24 Mar 2022 02:46 PM IST
सार
दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को पड़ोसी देश द्वारा आईसीबीएम मिसाइल दागे जाने का दावा किया। जापान के अधिकारियों का अनुमान है कि यह करीब 1100 किलोमीटर चली। एक घंटे से ज्यादा समय बाद यह मिसाइल जापान के समुद्र में गिरी।
रूस-यूक्रेन जंग में परमाणु खतरे व तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के बीच दुनिया के सामने नया खतरा आया है। उत्तर कोरिया ने गुरुवार को प्रतिबंधित अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) दाग दी। 2017 के बाद पहली बार उसने यह कदम उठाया है।
दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को पड़ोसी देश द्वारा आईसीबीएम मिसाइल दागे जाने का दावा किया। जापान के अधिकारियों का अनुमान है कि यह करीब 1100 किलोमीटर चली। एक घंटे से ज्यादा समय बाद यह मिसाइल जापान के समुद्र में गिरी। आईसीएम मिसाइल निश्चित पथ पर हजारों किलोमीटर तक का सफर कर सकती है। इस तरह अमेरिका भी उत्तर कोरिया की मिसाइल की जद में आ सकता है।
पता नहीं क्यों उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में अपनी मिसाइलों का परीक्षण अचानक तेज कर दिया है। अमेरिका व दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया के हाल के कुछ परीक्षण आईसीबीएम प्रणाली के परीक्षण थे। इनके बारे में प्योंगयांग ने दावा किया था कि ये उपग्रह से किए गए थे। जापानी अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को दागी गई मिसाइल 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गई।
उत्तर कोरिया की इस हरकत से सबसे लंबी दूरी की अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों के परीक्षण का नया दौर शुरू हो सकता है। इस पर 2017 में पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन उत्तर कोरिया बार-बार मिसाइल परीक्षण कर ऐसी पाबंदियों को धता बताता रहा है।
विस्तार
रूस-यूक्रेन जंग में परमाणु खतरे व तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के बीच दुनिया के सामने नया खतरा आया है। उत्तर कोरिया ने गुरुवार को प्रतिबंधित अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) दाग दी। 2017 के बाद पहली बार उसने यह कदम उठाया है।
दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को पड़ोसी देश द्वारा आईसीबीएम मिसाइल दागे जाने का दावा किया। जापान के अधिकारियों का अनुमान है कि यह करीब 1100 किलोमीटर चली। एक घंटे से ज्यादा समय बाद यह मिसाइल जापान के समुद्र में गिरी। आईसीएम मिसाइल निश्चित पथ पर हजारों किलोमीटर तक का सफर कर सकती है। इस तरह अमेरिका भी उत्तर कोरिया की मिसाइल की जद में आ सकता है।
पता नहीं क्यों उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में अपनी मिसाइलों का परीक्षण अचानक तेज कर दिया है। अमेरिका व दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया के हाल के कुछ परीक्षण आईसीबीएम प्रणाली के परीक्षण थे। इनके बारे में प्योंगयांग ने दावा किया था कि ये उपग्रह से किए गए थे। जापानी अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को दागी गई मिसाइल 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गई।
उत्तर कोरिया की इस हरकत से सबसे लंबी दूरी की अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों के परीक्षण का नया दौर शुरू हो सकता है। इस पर 2017 में पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन उत्तर कोरिया बार-बार मिसाइल परीक्षण कर ऐसी पाबंदियों को धता बताता रहा है।
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