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अफगानिस्तान: तालिबान तोड़ रहे पूर्व फौजियों की कब्रें , पढ़िए दुनिया की महत्वपूर्ण खबरें

अफगानिस्तान में सैकड़ों पूर्व फौजियों और अधिकारियों की हत्याओं के बाद तालिबान ने क्रूरता की हदें पार करते हुए अफगानिस्तान के सैनिकों और जनरलों की कब्रों को नष्ट करना शुरू कर दिया है।

गंधारा की रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 के दशक में तालिबान से जंग लड़ने वाले अफगान कमांडरों की याद में बने स्मारकों को आतंकी बर्बाद कर रहे हैं। हालांकि तालिबान ने इसकी जिम्मेदारी से इनकार किया है। तालिबानी आतंकियों पर 26 दिसंबर को  पाकतिका प्रांत में पूर्व पुलिस कमांडर दराया खान तलाश के मकबरे को बम से उड़ाने का आरोप लगा है। तलाश की साल 2020 में तालिबान की ओर से लगाए बम में विस्फोट से मौत हो गई थी।

पाक में रिफाइनरी लगाने से सऊदी अरब का इनकार
सऊदी अरब ने पाकिस्तान में एक और निवेश से हाथ पीछे खींच लिया है। सऊदी अरब पाकिस्तान में रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना में 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के निवेश से हाथ पीछे खींच लिये हैं। सऊदी अरब प्रशासन ने पाकिस्तान को सूचना दे दी है।

सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने साल 2019 में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान ग्वादर बंदरगाह पर सऊदी अरामको रिफाइनरी स्थापित करने की इच्छा जताई थी। इसी साल भारत ने भारत के पेट्रोलियम, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेश का एलान भी किया था। पिछले साल रियाद ने भारत में निवेश की योजनाओं के पटरी पर होने की पुष्टि की थी। एजेंसी

पाक में नौसेना का क्लब ध्वस्त करने का आदेश
पाकिस्तानी नौसेना के एक नौकायन क्लब के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह की पीठ ने शुक्रवार क्लब को गैरकानूनी घोषित कर तीन सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का आदेश दिया है। इस्लामाबाद के पास रावल बांध के किनारे पर बने नेवी सेलिंग क्लब को लेकर अदालत ने बृहस्पतिवार को फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत ने आदेश में कहा कि नौसेना के पास अचल संपत्ति के उद्यम का अधिकार नहीं है और ऐसी गतिविधियों के लिए संस्थान के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एजेंसी

एटमी युद्ध टालने के पी-5 देशों के प्रस्ताव का स्वागत
नई दिल्ली। एटमी युद्ध टालने के पी5 देशों के संयुक्त प्रस्ताव का भारत ने शुक्रवार को स्वागत किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के समूह पी-5 में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन हैं। सदस्य देशों ने सोमवार को एटमी हथियारों के प्रसार को रोकने का प्रण लिया और दोहराया कि वह सार्वभौमिक, गैर-भेदभावपूर्ण और सत्यापन योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा,  भारत इन हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने के सिद्धांत पर कायम है। एजेंसी

चीनी विदेश मंत्री की यात्रा के बीच कोमोरॉस पहुंचा भारतीय युद्धपोत
भारतीय युद्धपोत आईएनएस केसरी ने हिंद महासागर के द्वीप देश कोमोरॉस पहुंचकर उनके तटरक्षक बल की तकनीकी समस्याओं को दूर किया।

भारतीय नौसेना का युद्धपोत कोमोरॉस तटरक्षक बल के अनुरोध पर वहां पहुंचा था। खास बात यह रही कि आईएनएस केसरी के कोमोरॉस पहुंचने के समय चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी उस देश की यात्रा पर थे।

एंतानारारिवो स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट करके बताया कि आईएनएस केसरी ने शुक्रवार को कोमोरॉस के मोरानी बंदरगाह पहुंचकर वहां के तटरक्षकों की कुछ तकनीकी समस्याएं सुलझाईं। भारतीय नौसैनिक इंजीनियरों ने खराब पड़े गश्ती पोत पी002-एम कोंबोजी की मरम्मत की। हाल ही में गोवा में हुए समुद्री सम्मेलन में सीसीजी ने इसके लिए अनुरोध किया था। 

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