न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 10 Apr 2022 08:01 AM IST
सार
उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में जहां लू चलने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं वहीं कुछ राज्यों में मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना है। आइए जानते हैं आज के मौसम का ताजा हाल…
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विस्तार
इन राज्यों में भी लू
राजस्थान के अधिकांश हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की स्थिति देखी जा रही है। राजस्थान के अलवर, गंगानगर, फलोदी और चुरू जिले और गुजरात के कांडला हवाई अड्डा 45 डिग्री को पार कर चुके हैं। बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर और जोधपुर में लू का असर अभी भी तेज रहेगा। अप्रैल की पहली छमाही में तापमान 45 डिग्री तक बढ़ जाना चिंता का विषय है। उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी अधिकतम 43 से 44 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है। पश्चिमी यूपी में लू के थपेड़ों के बीच तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। गर्म हवाओं से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर में बाजारों में भी लोग कम ही निकले। वहीं स्कूली बच्चों को भी मुसीबत झेलनी पड़ी। इसी तरह शनिवार को भी सुबह से ही चुभने वाली धूप और गर्म हवाओं से लोग परेशान हुए। दोपहर तक आसमान से जैसे आग बरसने लगी है। वहीं बिहार के गया, औरंगाबाद और सासाराम में अधिक तापमान होने के कारण लू चलने की भी संभावना है।
इन राज्यों में बारिश के आसार
पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम और मेघालय में अगले पांच दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में रविवार को भी भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में लगभग एक सप्ताह से बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार निचले क्षोभमंडल स्तरों पर बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर राज्यों तक तेज दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव में, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम में गरज के साथ व्यापक वर्षा होने की संभावना है। 10 और 13 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में, 10 अप्रैल को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल-सिक्किम में, 12 अप्रैल को असम और मेघालय में अलग-अलग भारी वर्षा होने की संभावना है।
इन कारणों से पड़ रही है गर्मी
इस लू का कारण मार्च और अप्रैल की शुरुआत के दौरान लंबे समय तक शुष्क रहने के साथ-साथ बलूचिस्तान, मध्य पाकिस्तान और राजस्थान के थार रेगिस्तान से चलने वाली शुष्क और गर्म हवाओं को माना जा सकता है। मार्च और अप्रैल के पहले सप्ताह के दौरान पश्चिमी हिमालय पर कोई सक्रियता विक्षोभ नहीं था। उत्तर पश्चिमी भारत में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति और मानसून पूर्व गतिविधियां भी देश के उत्तर पश्चिमी और मध्य भागों में इस भीषण गर्मी के लिए जिम्मेदार हैं।