बृषभ राशि- 2022
ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो।
स्वभाव और चुनौतियां
आपका आकर्षक व्यक्तित्व, क्षमाशील, कुशलवाणी त्यागी, धैर्यवान और मित्रों से प्रेम रहने वाले हैं। सभी भोगों को भोगने वाले, स्त्री प्रेमी और घरेलू पशुओं के शौकीन होते हैं। इस राशि के लोग मेहनत करने वाले और कृषि कार्य में दक्ष होते हैं। वर्ष के आरंभिक ग्रह गोचर कार्य-व्यापार की दृष्टि से बेहतरीन सफलता दिलाने वाले रहेंगे। भाग्योन्नति के साथ-साथ आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। अपनी ऊर्जाशक्ति के बल पर कठिन परिस्थितियों पर भी आसानी से विजय प्राप्त करेंगे। नौकरी में भी पदोन्नति तथा मान-सम्मान की वृद्धि होगी। 13 अप्रैल से बृहस्पति के मीन राशि में गोचर करने से संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी। नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग बनेंगे। 12 अप्रैल को राहु के मेष और केतु के तुला राशि में आने के परिणामस्वरूप कोर्ट कचहरी के मामलों में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा ऐसे में व्यर्थ भागदौड़ और आर्थिक तंगी का शिकार होनेसे बचें। वर्षपर्यंत सफलताओं का ग्राफ 80 प्रतिशत से भी अधिक रहेगा। विस्तार से जानने के लिए पढ़ें- वृषभ राशिफल 2022
फरवरी- विदेश यात्रा योग, अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी, व्यापार में सफलता, नए अनुबंध की प्राप्ति।
मार्च- शीर्ष नेतृत्व का सहयोग, मान-सम्मान की वृद्धि, माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें।
अप्रैल- सरकारी विभागों में टेंडर के लिए आवेदन सफल रहेगा, व्यर्थ विवादों से बचें, आय में वृद्धि।
मई- कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता के योग, नेत्र संबंधी विकार से बचें वरिष्ठ सदस्यों से सहयोग।
जून- आय में निरंतर वृद्धि, नौकरी में पदोन्नति और स्थान परिवर्तन, मकान-वाहन के क्रय का योग।
जुलाई- लाभ मार्ग प्रशस्त होगा, वैवाहिक वार्ता भी सफल रहेगी, शासन सत्ता का पूर्ण सहयोग मिलेगा।
अगस्त- ऊर्जाशक्ति की वृद्धि होगी, लिए गए निर्णय की सराहना होगी, प्रेम संबंधोंमें प्रगाढ़ता आएगी।
सितंबर- स्वभाव में उग्रता आएगी, अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, मानसिक कष्ट रहेगा।
अक्टूबर- कार्य योजनाओं को अंतिम रूप दें, जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखें, संतान सुख में वृद्धि।
नवंबर- पारिवारिक कलह के कारण मानसिक अशांति, यात्रा देशाटन का लाभ, गुप्त शत्रुओं से बचें।
दिसंबर- वैवाहिक वार्ता सफल रहेगी, साझा व्यापार करने से बचें, अधिक कर्ज के लेन-देन से भी बचें।
उपाय- अशुभ ग्रहों का दुष्प्रभाव कम हो तथा शुभ ग्रहों की शुभता में और वृद्धि हो, इसके लिए भगवान शिव का पंचामृत, गन्ने के रस अथवा गौदधि (गायकी दही) से रुद्राभिषेक कराएं।
20 अप्रैल से 21 मई
इन तारीखों के मध्य जन्म लेने वाले लोग बृषभ राशि के अंतर्गत आते हैं जिसके स्वामी शुक्र हैं। ऐसे लोगों पर हमेशा चन्द्र, शुक्र और शनि का प्रभाव रहता हैं। इस राशि पर गोचर करते हुए चंद्रमा अत्यधिक प्रभावशाली माने गए हैं, यह ऐसी राशि है जिस पर गोचर करते हुए शनिदेव भी हमेशा योगकारक होते हैं। आगामी वर्ष का मूलांक भी 06 है जिसके स्वामी भी शुक्र ही हैं अतः आपके लिए यह वर्ष कई तरह के अप्रत्याशित सुखद परिणाम देगा। विलासितापूर्ण वस्तुओं के कार्य, फिल्म उद्योग, गीत-संगीत, कृषि कार्य, सुगंधित पदार्थों का व्यापार, समुद्री वस्तुओं का व्यापार तथा हीरे जवाहरात का कार्य करके व्यापार में अच्छी सफलता हासिल कर सकते हैं। सरकारी विभागों में रुके हुए कार्यभी संपन्न होंगे।
शुभ अंक– 6
शुभ तारीखें- 6, 15 और 24
शुभ माह- मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर
शुभ दिन- बुधवार, शुक्रवार, शनिवार
शुभरत्न- हीरा, नीलम
लेखक: पं जयगोविंद शास्त्री, ज्योतिषाचार्य