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Ukraine Russia War: जेलेंस्की ने कहा- नाटो अपने एक फीसदी टैंक और विमान हमें दे, तो नाकाम कर देंगे रूसी हमले

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के हमलों को नाकाम करने के लिए अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी देशों से टैंक, विमान और मिसाइलों की मदद मांगी है। उन्होंने रविवार को कहा, नाटो अपने सिर्फ एक प्रतिशत विमान और टैंक यूक्रेन को सौंप दे। ये भारी हथियार वैसे भी उनके भंडारों में धूल खा रहे हैं। 

जेलेंस्की ने कहा, हम 31 दिन से इंतजार कर रहे हैं। यूरो-अटलांटिक समुदाय का प्रभारी कौन है? क्या ये सच में मॉस्को है जिससे सब डर रहे हैं? पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अब तक बड़े हथियार नहीं दिए हैं। उन्होंने एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों के साथ-साथ छोटे हथियार तो दिए हैं लेकिन टैंक, विमान, दूर तक मार करने वाली मिसाइलों जैसे भारी हथियार देने से परहेज किया है। 

वहीं, यूक्रेन की सेना ने आरोप लगाया है कि रूस जनमत संग्रह की आड़ में यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटना चाहता है। सैन्य इंटेलीजेंस के प्रमुख कीरिलो बुदानोव ने रविवार को एक बयान में कहा, यह यूक्रेन में उत्तर और दक्षिण कोरिया बनाने का प्रयास है। 

उन्होंने विश्वास जताया, यूक्रेनी सेनाएं रूस को पीछे धकेल देंगी और गुरिल्ला लड़ाई का दौर भी जल्द शुरू होगा। उसके बाद यहां रूसियों के लिए सिर्फ जान बचाने का तरीका तलाशने की स्थिति ही बचेगी। किसी बड़े यूक्रेनी शहर पर कब्जा करने में विफल रहने के बाद शनिवार को रूस ने कहा था कि वह अब दोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा। 

इसके बाद लुहांस्क शहर के एक स्थानीय अलगाववादी नेता ने रविवार को बयान दिया कि उनका क्षेत्र जल्द ही रूस के साथ विलय के पक्ष में जनमत संग्रह कराएगा। इस क्षेत्र में रूसी भाषी लोगों की बड़ी आबादी है। रूस ने ठीक इसी तरह 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था।

भोजन और तेल भंडारों को निशाना बना रहा रूस
अमेरिकी गृह मंत्रालय के सलाहकार वेदिम डेनिसेंको ने रविवार को कहा कि रूस अब यूक्रेन के ईंधन और भोजन के गोदामों को निशाना बना रहा है। इसका अर्थ है कि सरकार को निकट भविष्य में इन भंडारों को गोदामों से हटाकर तितर-बितर करना होगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी माना कि शनिवार को उसके एक मिसाइल ने लवीव के निकट एक तेल डिपो को निशाना बनाया।

1104 नागरिकों की मौत : यूएन
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यूक्रेन में अब तक 1104 नागरिकों की मौत रूसी हमले में हो चुकी है। 1754 घायल हैं। मृतकों में 139 बच्चे हैं। 205 बच्चे घायल हैं। दोनों देश युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए दो मानवीय गलियारे बनाने पर राजी हुए हैं। इसके अलावा मैरियूपोल से लोगों को अपनी कारों से निकलने देने पर भी सहमति बनी है।

बाइडन की टिप्पणी पर अमेरिकी लीपा-पोती
अमेरिकी अधिकारी अपने राष्ट्रपति जो बाइडन की पुतिन पर की गई कड़ी टिप्पणी को नरम बनाने का प्रयास करते हुए लीपा-पोती करते रहे। बाइडन ने शनिवार को कहा था कि पुतिन किसी हाल में सत्ता में नहीं रह सकते। इससे ऐसा लग रहा था कि अमेरिका उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहता है। 

हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने येरूशलम में कहा कि वाशिंगटन की ऐसी कोई योजना नहीं है। वहीं, वरिष्ठ अमेरिकी कूटनीतिज्ञ और विदेशी मामलों से थिंक टैंक के अध्यक्ष रिचर्ड हास ने बयान की आलोचना करते हुए ट्विटर पर लिखा, यह टिप्पणी ‘पहले से ही खतरनाक स्थिति को और खतरनाक’ बनाएगी।

कोरिया की तरह यूक्रेन को बांटना चाहता है रूस 
यूक्रेन की सेना ने आरोप लगाया है कि रूस यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटना चाहता है। सैन्य इंटेलीजेंस के प्रमुख कीरिलो बुदानोव ने रविवार को यह दावा करते हुए कहा, यह यूक्रेन में उत्तर और दक्षिण कोरिया बनाने का प्रयास है। 

उन्होंने कहा, यूक्रेनी सेनाएं रूस को पीछे धकेल देंगी और गुरिल्ला लड़ाई का दौर भी जल्द शुरू होगा। उसके बाद यहां रूसियों के लिए सिर्फ जान बचाने का तरीका तलाशने की स्थिति ही बचेगी। 

किसी बड़े यूक्रेनी शहर पर कब्जा करने में विफल रहने के बाद शनिवार को रूस ने कहा था कि वह अब दोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके बाद लुहांस्क शहर के एक स्थानीय अलगाववादी नेता ने रविवार को बयान दिया कि उनका क्षेत्र जल्द ही रूस के साथ विलय के पक्ष में जनमत संग्रह कराएगा। इस क्षेत्र में रूसी भाषी लोगों की बड़ी आबादी है। 

रूस ने ठीक इसी तरह 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था। वहां भी पहले सेना भेजकर यूक्रेन का कब्जा हटाया गया और फिर एक जनमत संग्रह के जरिये उसे रूस में मिला लिया गया। दुनिया के अधिकतर देश उस जनमत संग्रह को आज भी मान्यता नहीं देते।

अमेरिका में बाइडन की आलोचना
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में जो बाइडन की टिप्पणी, ‘ईश्वर के लिए, यह आदमी अब सत्ता में नहीं रह सकता’, की अमेरिका में ही आलोचना शुरू हो गई है। वरिष्ठ अमेरिकी कूटनीतिज्ञ और विदेशी मामलों से थिंक टैंक के अध्यक्ष रिचर्ड हास ने ट्विटर पर लिखा, यह टिप्पणी ‘पहले से ही खतरनाक स्थिति को और खतरनाक’ बनाएगी।

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