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युद्ध : यूक्रेन पर कब्जे की योजना से पीछे हटा रूस, अब कहा- सिर्फ दोनबास की मुक्ति पर जोर, जानें ताजा हाल

सार

रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 24 फरवरी से अब तक 1,587 यूक्रेनी टैंक और इसी तरह के लड़ाकू वाहनों को नष्ट किया जा चुका है। रूसी सशस्त्र बलों द्वारा हेलीकॉप्टर और ड्रोन सहित 112 सैन्य विमानों को कार्रवाई से बाहर कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने रूस के लड़ाकू नुकसान पर भी एक अपडेट जारी किया है जिसके अनुसार युद्ध में 3,825 सैनिक घायल हुए हैं।

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यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा अब तक टला नहीं है। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया, रूस ने उत्तर अटलांटिक इलाके में कई परमाणु पनडुब्बियां तैनात की हैं। ये पनडुब्बियां एक साथ 16 परमाणु मिसाइलें ले जाने में सक्षम हैं। इस बीच, सैन्य अभियान विफल रहने के बाद रूस ने राजधानी कीव समेत पूरे यूक्रेन पर कब्जे की योजना से पीछे हटने के संकेत दिये हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, कि वह अब सिर्फ दोनबास इलाके को मुक्त कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

अमेरिकी अधिकारी ने रूसी इरादों पर कहा कि वह जॉर्जिया के रास्ते दोनबास में सेना तैनाती बढ़ा रहा है। हालांकि कितनी सेना इस इलाके में तैनात की गई है इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। अधिकारी ने यह भी बताया कि रूसी सेना ने फिलहाल कीव में हमले रोक दिए हैं और बढ़त वाले इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। रूस ने भी शनिवार को संकेत दिए कि वह यूक्रेन के बाकी इलाकों को छोड़कर दोनबास को मुक्त कराने पर ध्यान केंद्रित करेगा। 

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सर्गेई रुदस्कोई ने कहा कि यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान का पहला चरण पूरा हो गया है और उसने यूक्रेन की सैन्य क्षमता को तकरीबन नष्ट कर दिया है। दोनबास के दोनेस्क और लुहांस्क में बड़ी संख्या में रूसीभाषी लोग रहते हैं और ये यूक्रेन से अलग होने का अभियान चला रहे हैं। 24 फरवरी को इस इलाके को मुक्त कराने के नाम पर ही  पुतिन ने सैन्य अभियान शुरू किया था।

रूस 2014 से ही इस इलाके को यूक्रेन से काट कर अलग करना चाहता है। हालांकि रूस ने स्पष्ट नहीं किया है कि बाकी यूक्रेन से वह सेना वापस लेगा या नहीं। अब भी उसके हजारों सैनिक कीव, खारकीव, जैपोरिझिया, सुमी, मैरियूपोल, मेलितोपोल, खेरसान में मौजूद हैं। मैरियूपोल पर कब्जे के लिए रूस प्रयास कर रहा है क्योंकि लुहांस्क, दोनेस्क से जमीनी रास्ते से मैरियूपोल होते हुए क्रीमिया तक पहुंचा जा सकता है जो पहले ही रूस के कब्जे में है।

दावा : 1,587 यूक्रेनी टैंक, वाहन नष्ट किए
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 24 फरवरी से अब तक 1,587 यूक्रेनी टैंक और इसी तरह के लड़ाकू वाहनों को नष्ट किया जा चुका है। रूसी सशस्त्र बलों द्वारा हेलीकॉप्टर और ड्रोन सहित 112 सैन्य विमानों को कार्रवाई से बाहर कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने रूस के लड़ाकू नुकसान पर भी एक अपडेट जारी किया है जिसके अनुसार युद्ध में 3,825 सैनिक घायल हुए हैं।

31 दिन में यूक्रेन पर किए गए 72 बड़े हमले
रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 31 दिन से जारी जंग में रूस यूक्रेन पर 72 बड़े हमले कर चुका है। इन हमलों में उसने स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ नागरिक, सैन्य व हवाई ठिकानों को निशाना बनाया।  

  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हमलों में 58 अस्पताल, 11 परिवहन ठिकाने और एक गोदाम को निशाना बनाया गया। कई डॉक्टर, मरीज और कर्मचारी हताहत हुए हैं।
  • हालांकि रूस की सेना अब तक राजधानी कीव पर कब्जा करने में नाकाम रही है और इसीलिए उसने 31वें दिन रणनीति बदली है। लेकिन अब तक हुए हमलों में यूक्रेन के कुछ शहर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
  • द कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक, अब यूक्रेन में अमेरिका व यूरोपीय देशों से नई खेप पहुंचना शुरू हो गई है। इनमें जर्मनी से 1,500 मिसाइलें और 100 मशीनगनें पहुंची हैं। 3,50,000 खाद्य पैक, 50 चिकित्सा परिवहन वाहन और चिकित्सा आपूर्ति वितरित की गई है।
चेर्नोबिल संयंत्र के करीबी कस्बे पर भी कब्जा किया
रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के कस्लेवुटिच कस्बे पर कब्जा कर लिया है। यहां मुख्यत: चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में काम करने वाले लोग रहते हैं। हालांकि स्थानीय लोग कब्जे का विरोध कर रहे हैं। कीव के गवर्नर ने यह जानकारी दी है। चेर्नोबिल संयंत्र पहले से ही रूस के कब्जे में है।

अब तक 136 बच्चे मारे गए
रूसी हमले में यूक्रेन में अब तक 136 बच्चे मारे गए हैं। देश के महा लोकअभियोजक ने शनिवार को यह जानकारी साझा की। इनमें 64 कीव क्षेत्र में मारे गए हैं। 199 बच्चे घायल हैं। साथ ही दस लाख से ज्यादा बच्चों को युद्ध के कारण देश छोड़ना पड़ा है।

एक और रूसी जनरल की मौत
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि युद्ध में एक और रूसी जनरल की मौत हो गई है। खेरसान के पास चोर्नोबैव्का एयरबेस पर रॉकेट हमले में लेफ्टिनेंट जनरल याकोव रेजान्त्सेव की मौत हो गई। इस जंग में मारे जाने वाले वे दूसरे लेफ्टिनेंट जनरल हैं। अब तक सात रूसी जनरल मारे जा चुके हैं।

यूक्रेन का दावा : रूसी रक्षामंत्री को पड़ा दिल का दौरा
यूक्रेन के गृहमंत्री एंटोन गेराशचेंको ने दावा किया है कि रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ तीखी नोकझोंक के बाद दिल का दौरा पड़ा था। मंत्री ने कहा कि पुतिन ने सैन्य नाकामी के लिए उन्हें दोषी ठहराया था जिस वजह से दोनों के बीच मतभेद बढ़ गया। यूक्रेन के मंत्री ने कहा, यही कारण है कि युद्ध के दूसरे मास्टरमाइंड सर्गेई को 11 मार्च के बाद से नहीं देखा गया। 24 मार्च को, रूसी रक्षामंत्री टीवी पर दिखे, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि फुटेज नया था या पुराना।

परमाणु हमले का खतरा हमेशा बरकरार : मेदवेदेव
रूस ने कहा कि नाटो के साथ परमाणु युद्ध का खतरा हमेशा बना रहता है, लिहाजा जिम्मेदार नीति लागू करना जरूरी है। समाचार एजेंसी स्पुतनिक से पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, नाटो के परमाणु हथियारों का लक्ष्य रूसी केंद्र हैं तो यूरोप और अमेरिकी टार्गेट रूस के निशाने पर हैं। ऐसे में परमाणु युद्ध का खतरा हमेशा बना रहता है। मेदवेदेव के मुताबिक, मौजूदा संकट शीतयुद्ध से भी खराब है। उस दौर में रूसी उद्योगों, कृषि और व्यक्तियों पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। अगर रूस ने गैर जिम्मेदाराना रुख दिखाया होता तो वह न्यू स्टार्ट संधि से बाहर हो सकता था।

तेल आपूर्ति में कमी की भरपाई के लिए बढ़ाएं उत्पादन : जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कतर के दोहा फोरम में तेल-गैस संपन्न राष्ट्रों से उत्पादन बढ़ाने की अपील की, ताकि रूसी ऊर्जा आपूर्ति की कमी को पूरा किया जा सके। शनिवार को फोरम में औचक वीडियो उपस्थिति से चौंकाने वाले जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व शक्तियों से यूक्रेन की सहायता के लिए आगे आने का आह्वान किया। 

उन्होंने रूसी हमलों में मैरियूपोल के विनाश की तुलना सीरियाई जंग में तबाह हुए अलेप्पो शहर से की। जेलेंस्की ने कहा, रूस हमारे बंदरगाहों को नष्ट कर रहा है। यूक्रेन से निर्यात न होने से कई देशों को झटका लगेगा और यूक्रेनी गेहूं को नुकसान के कारण मिस्र जैसे मध्य पूर्व के देश तो पहले से चिंतित हैं। जेलेंस्की ने कतर जैसे देशों से महत्वपूर्ण ऊर्जा निर्यात बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी को लेकर रूस की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, रूस जानबूझकर यह धमकी दे रहा है लेकिन इसने वैश्विक परिदृश्य में परमाणु लड़ाई की आशंका को बढ़ा दिया है। जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेनी मुसलमानों को रमजान के आगामी पवित्र महीने में भी दुश्मन से लड़ना होगा। जेलेंस्की ने एक अन्य वीडियो संदेश में रूस से युद्ध को खत्म करने के लिए फिर से बातचीत करने की अपील की है।

पोलैंड में बाइडन ने कहा, कसाई हैं पुतिन, सत्ता में नहीं रहना चाहिए
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को पोलैंड की यात्रा कर वहां यूक्रेनी शरणार्थियों से भेंट की। इन शरणार्थियों से यूक्रेन की वास्तविक स्थिति जानने के बाद बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कसाई करार दिया। उन्होंने कहा, इस आदमी को एक मिनट भी सत्ता में नहीं रहना चाहिए। बाइडन की पोलैंड में मौजूदगी के दौरान उसकी सीमा से लगते लवीव के बाहरी इलाकों में रूस ने राकेट बरसाए। लवीव के गवर्नर ने बताया, तीन भीषण धमाके सुने गए हैं।

विस्तार

यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा अब तक टला नहीं है। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया, रूस ने उत्तर अटलांटिक इलाके में कई परमाणु पनडुब्बियां तैनात की हैं। ये पनडुब्बियां एक साथ 16 परमाणु मिसाइलें ले जाने में सक्षम हैं। इस बीच, सैन्य अभियान विफल रहने के बाद रूस ने राजधानी कीव समेत पूरे यूक्रेन पर कब्जे की योजना से पीछे हटने के संकेत दिये हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, कि वह अब सिर्फ दोनबास इलाके को मुक्त कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

अमेरिकी अधिकारी ने रूसी इरादों पर कहा कि वह जॉर्जिया के रास्ते दोनबास में सेना तैनाती बढ़ा रहा है। हालांकि कितनी सेना इस इलाके में तैनात की गई है इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। अधिकारी ने यह भी बताया कि रूसी सेना ने फिलहाल कीव में हमले रोक दिए हैं और बढ़त वाले इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। रूस ने भी शनिवार को संकेत दिए कि वह यूक्रेन के बाकी इलाकों को छोड़कर दोनबास को मुक्त कराने पर ध्यान केंद्रित करेगा। 

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सर्गेई रुदस्कोई ने कहा कि यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान का पहला चरण पूरा हो गया है और उसने यूक्रेन की सैन्य क्षमता को तकरीबन नष्ट कर दिया है। दोनबास के दोनेस्क और लुहांस्क में बड़ी संख्या में रूसीभाषी लोग रहते हैं और ये यूक्रेन से अलग होने का अभियान चला रहे हैं। 24 फरवरी को इस इलाके को मुक्त कराने के नाम पर ही  पुतिन ने सैन्य अभियान शुरू किया था।

रूस 2014 से ही इस इलाके को यूक्रेन से काट कर अलग करना चाहता है। हालांकि रूस ने स्पष्ट नहीं किया है कि बाकी यूक्रेन से वह सेना वापस लेगा या नहीं। अब भी उसके हजारों सैनिक कीव, खारकीव, जैपोरिझिया, सुमी, मैरियूपोल, मेलितोपोल, खेरसान में मौजूद हैं। मैरियूपोल पर कब्जे के लिए रूस प्रयास कर रहा है क्योंकि लुहांस्क, दोनेस्क से जमीनी रास्ते से मैरियूपोल होते हुए क्रीमिया तक पहुंचा जा सकता है जो पहले ही रूस के कब्जे में है।

दावा : 1,587 यूक्रेनी टैंक, वाहन नष्ट किए

रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 24 फरवरी से अब तक 1,587 यूक्रेनी टैंक और इसी तरह के लड़ाकू वाहनों को नष्ट किया जा चुका है। रूसी सशस्त्र बलों द्वारा हेलीकॉप्टर और ड्रोन सहित 112 सैन्य विमानों को कार्रवाई से बाहर कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने रूस के लड़ाकू नुकसान पर भी एक अपडेट जारी किया है जिसके अनुसार युद्ध में 3,825 सैनिक घायल हुए हैं।

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