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कोरोना कॉलर ट्यून: अब नहीं सुनाई देगी महामारी से चेताने वाली आवाज, सरकार कर रही बंद करने की तैयारी

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sun, 27 Mar 2022 06:15 PM IST

सार

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इन कॉल-पूर्व घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है। दूरसंचार विभाग ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त अनुभवों का हवाला दिया।
 

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कोरोना महामारी की शुरुआत में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा निर्धारित कोरोना कॉलर ट्यून  जल्द ही इतिहास बन सकती है। बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लगभग दो वर्षों के बाद, सरकार अब इसे हटाने पर विचार कर रही है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इन कॉल-पूर्व घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है। दूरसंचार विभाग ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त अनुभवों का हवाला दिया।

एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के बाद इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वायरल बीमारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को COVID-19 प्री-कॉल घोषणाओं और कॉलर ट्यून्स को लागू करने के निर्देश दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किए गए थे।

दूरसंचार विभाग ने कहा कि लगभग 21 महीने बीतने के बाद इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इसका कोई मूल्य नहीं है। ये कॉलर ट्यून और कोरोना घोषणाएं टीएसपी नेटवर्क पर ज्यादा भार डालते हैं और इससे कॉल कनेक्शन में देरी पैदा होती है। दूरसंचार विभाग के पत्र में आरटीआई के माध्यम से कई शिकायतों को जोड़कर आरबीटी (रिंग बैक टोन) को निष्क्रिय करने का अनुरोध किया गया है। 

विस्तार

कोरोना महामारी की शुरुआत में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा निर्धारित कोरोना कॉलर ट्यून  जल्द ही इतिहास बन सकती है। बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लगभग दो वर्षों के बाद, सरकार अब इसे हटाने पर विचार कर रही है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इन कॉल-पूर्व घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है। दूरसंचार विभाग ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त अनुभवों का हवाला दिया।

एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के बाद इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वायरल बीमारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को COVID-19 प्री-कॉल घोषणाओं और कॉलर ट्यून्स को लागू करने के निर्देश दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किए गए थे।

दूरसंचार विभाग ने कहा कि लगभग 21 महीने बीतने के बाद इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इसका कोई मूल्य नहीं है। ये कॉलर ट्यून और कोरोना घोषणाएं टीएसपी नेटवर्क पर ज्यादा भार डालते हैं और इससे कॉल कनेक्शन में देरी पैदा होती है। दूरसंचार विभाग के पत्र में आरटीआई के माध्यम से कई शिकायतों को जोड़कर आरबीटी (रिंग बैक टोन) को निष्क्रिय करने का अनुरोध किया गया है। 

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