क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि भारत में आखिर 10 डिजिट के मोबाइल नंबर क्यों होते हैं? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज दुनिया भर में बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस आधुनिक युग को गति देने में मोबाइल फोन ने एक अहम भूमिका निभाई है। अब दुनिया, दुनिया ना रहकर एक वैश्विक परिवार बन गई है। इसी वजह से इस युग को वैश्वीकरण की संज्ञा दी गई है। आज हम दूर होकर भी पास हैं। मोबाइल फोन ने भौगोलिक दूरियों को खत्म करने का काम किया है। इस तकनीक के आने से अब दूर स्थित अपने सगे संबंधियों से हम घंटों बात कर सकते हैं। हालांकि फोन पर किसी दूसरे व्यक्ति से बात करने से पहले हमें उसका नंबर डायल करना होता है। ऐसे में आप में से ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर भारत में मोबाइल नंबर 10 डिजिट के क्यों होते हैं? आज हम इसी के बारे में जानेंगे –
भारत में 10 डिजिट के फोन नंबर क्यों होते हैं? इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण सरकार की राष्ट्रीय नंबरिंग योजना है। इसे इस तरह से समझिए मान लीजिए अगर मोबाइल नंबर 1 संख्या का होता, जैसे 0 से लेकर 9 तक तो उसको केवल 10 लोगों के बीच ही बांटा जा सकता था।
वहीं अगर वह 2 डिजिट को होता, तो उसे 100 लोगों के बीच वितरित किया जा सकता था। ऐसे में सभी लोगों को एक यूनिक फोन नंबर नहीं मिल पाता। ऐसे में आप समझ गए होंगे कि भारत में 10 डिजिट के नंबर्स क्यों बनाए गए हैं? इसके पीछे का कारण भारत की 131 करोड़ की आबादी है। इसी वजह से मोबाइल नंबर की संख्या को 10 डिजिट का रखा गया।
मोबाइल नंबर के 10 डिजिट होने के कारण हर एक यूनिक नंबर को आसानी से लोगों के बीच वितरित किया जा सकता है। अगर गणना के मुताबिक देखा जाए तो 10 नंबरों के सहारे 1 हजार करोड़ अलग अलग नंबर बनाए जा सकते हैं।
शुरुआत में भारत के भीतर केवल 9 डिजिट के नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि जिस तेजी से भारत की आबादी में वृद्धि हुई, उसे देखते हुए नंबरों के डिजिट की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई।
