बीएसई को भेजी सूचना में स्पाइसजेट ने कहा कि अदालत ने स्विट्जरलैंड की एक कंपनी क्रेडिट सुइस एजी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को स्पाइसजेट के परिसमापन और उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक (लिक्विडेटर) को एयरलाइन की संपत्तियों पर कब्जा लेने का आदेश दिया था।
2.40 करोड़ डॉलर के बकाये का भुगतान को लेकर याचिका
क्रेडिट सुइस ने इंजन रखरखाव सेवा कंपनी एसआरटी टेक्निक्स के 2.40 करोड़ डॉलर के बकाये का भुगतान नहीं करने के लिए स्पाइसजेट के खिलाफ याचिका दायर की थी। स्पाइसजेट ने कहा, मद्रास हाई कोर्ट ने यह मानने के बावजूद कि समझौते की अवधि के दौरान इंजन रखरखाव करने के लिए एसआर टेक्निक्स एसआरटी के पास नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से वैध अधिकार नहीं था, कंपनी की दलील को खारिज करते हुए उसके परिसमापन का आदेश दिया था।
विमानन कंपनी ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने पिछले आदेश पर हालांकि उसी दिन रोक लगा दी। साथ ही कंपनी को दो सप्ताह के भीतर पचास लाख डॉलर के बराबर राशि जमा करने की शर्त पर तीन सप्ताह तक की राहत दी है। स्पाइसजेट ने कहा कि कंपनी इस आदेश की समीक्षा कर रही है। और मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दी गई समयसीमा के भीतर उचित कदम उठाएगी।
एयरलाइन ने एयरक्राफ्ट के इंजन, मॉड्यूल, कॉम्पोनेंट्स, असेंबली और पार्ट्स की मेंटेनेंस और मरम्मत के लिए स्विस कंपनी एसआर टेक्निक्स (SR Technics) को 2.4 करोड़ डॉलर (करीब 181 करोड़ रुपये) का भुगतान नहीं किया है।
संपत्ति अधिग्रहण करने का निर्देश
मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश आर सुब्रमण्यम ने सोमवार को अपने आदेश में स्विस कंपनी एसआर टेक्निक्स को एयरलाइन की संपत्ति का अधिग्रहण करने का निर्देश दिया। उन्होंने आदेश में कहा कि मेरा मानना है कि इस कंपनी की याचिका को स्वीकार किया जाना चाहिए और प्रतिवादी कंपनी को बंद करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधिकारिक लिक्वडेटर को प्रतिवादी कंपनी स्पाइसजेट की संपत्ति का अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
तीन हफ्ते का दिया गया समय
कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि अगर स्पाइसजेट उक्त नोटिस के तहत मांगे गए कर्ज का भुगतान तीन हफ्ते के भीतर नहीं कर पाती है, तो ऐसा माना जाएगा कि कंपनी भुगतान करने में असमर्थ है। गौरतलब है कि यह याचिका क्रेडिट स्विस एजी की तरफ से दायर की गई थी, जिसे एसआर टेक्निक्स की ओर से लंबित बकाया लेने के लिए अनिवार्य किया गया है।
दस साल का किया गया था समझौता
याचिकाकर्ता के अनुसार, स्पाइसजेट ने नवंबर 2011 को 10 साल के पीरियड के लिए मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग (एमआरओ) सर्विस के लिए एसआर टेक्निक्स के साथ एक समझौता किया था। दोनों पक्षों ने अगस्त 2012 में समझौते की कुछ शर्तों को बदलने के लिए एक सप्लीमेंटल समझौता किया, जिसमें एसआर टेक्निक्स की तरफ से उठाए गए कई इनवॉइस के तहत पेमेंट के लिए टाइम बढ़ाने और एक डेफर्ड पेमेंट स्कीम भी शामिल थी।