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Sharmaji Namkeen: दिल्ली के लड़के को मिला ऋषि कपूर के साथ फ्रेम साझा करने का मौका, बताई सेट की पूरी राम कहानी

वैसे तो यूट्यूब पर वीडियो बनाकर पैसे कमाने के आपने कई किस्से सुने होंगे लेकिन यूट्यूब पर वीडियो बनाते बनाते एक दिन फिल्म अभिनेता बन जाने का सपना तो तारुक रैना ने सोते हुए भी नहीं देखा था। लेकिन, इस हकीकत को खुली आंखों से उन्होंने देखा फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ के सेट पर। फिल्म में एक मौका ऐसा भी आया जब उन्हें जीते जी किंवदंती बन चुके अभिनेता ऋषि कपूर के साथ एक ही फ्रेम में संवाद बोलने का मौका मिला और इस ऐन मौके पर उनकी हिम्मत जवाब दे गई। तारुक के मुताबिक उस पल को वह कभी भुला नहीं पाएंगे और साथ नहीं भुला पाएंगे उस दिन ऋषि कपूर से मिले भरोसे और दुलार को जिसने उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने, जोखिम उठाने और हौसला बनाए रखने की हिम्मत दी। तारुक कहते हैं, ‘अनुभवी लोगों से मिलने वाला प्यार और दुलार किसी भी न्यूकमर की तकदीर बदल सकता है।’

तारुक रैना अभी छह सात साल पहले तक यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर और संगीतकार के रूप में ही पहचाने जाते थे, अब भी अभिनेता के रूप में कामयाबी मिलने के बाद भी उनकी पहली पसंद संगीत ही है। वह कहते हैं,  “मैं एक अभिनेता होने से पहले एक संगीतकार था, इसलिए मैं हमेशा पहले एक संगीतकार रहूंगा।  मैं एक गायक हूं, गीतकार हूं और अपने गानों का संगीत भी खुद ही बनाता हूं। ये मेरे दिल के बहुत करीब है। मेरी इबादत यही है। प्रार्थना यही है और दुआ भी यही कि अभिनय और संगीत के बीच ये संतुलन बनाए रखने में मुझे मदद मिलती रही। अपनी तरफ से भी मैं पूरी कोशिश करता रहता हूं।”

तारुक ने यू ट्यूब प्रेजेंस ने स्टार प्लस के रियलिटी शो “दिल है हिंदुस्तानी” में होस्ट के रूप में उनकी पहली स्क्रीन उपस्थिति दर्ज कराई। वह बताते हैं, “ये धारावाहिक मेरा पहला ब्रेक था। मुझे यह उस यू ट्यूब कंटेंट के माध्यम से मिला जिसे हमने उस समय यशराज फिल्म्स के साथ बनाया था।” तारुक इसके अलाव ‘मिसमैच’ और ‘जुगाड़िस्तान’ में भी नजर आ चुके हैं। लेकिन फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ उनके करियर की अहम पड़ाव रहा। 22 वर्षीय तारुक का ऋषि कपूर जैसे अभिनेता के साथ एक फ्रेम में आना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा रहा। वह बताते हैं कि सुपरस्टार होने के बावजूद ऋषि कपूर में किसी भी तरह की घमंड का घमंड नहीं था।

ऋषि कपूर के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए तारुक कहते हैं, “मैंने उनके  साथ हर दिन कुछ न कुछ नया सीखा। जब वह सेट पर होते थे तो उन्हें किसी चीज की जरूरत नहीं थी, वह सिर्फ एक किरदार थे। वह कैसा दिखने वाला है, इसकी कोई चिंता उन्हें नहीं रहती थी। जैसे ही कैमरा रोल होता तो वह बस अपने भीतर के कलाकार का स्विच ऑन कर देते। फिल्म में उनका किरदार जो था सो तो था ही, वैसे भी वह खाने के बहुत शौकीन थे। तरह तरह के पकवानों की जानकारियों वह हमारे साथ साझा किया करते थे।”

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