Astrology

Shani Sade Sati : 29 अप्रैल को शनिदेव करेंगे राशि परिवर्तन, किन राशियों पर होगी साढ़ेसाती और ढैय्या ?

Shani Sade Sati : 29 अप्रैल को शनिदेव करेंगे राशि परिवर्तन, किन राशियों पर होगी साढ़ेसाती और ढैय्या ?

astrology 2022
– फोटो : अमर उजाला

Shani Sade Sati : नए वर्ष 2022 में शनिदेव करीब ढाई वर्षों बाद राशि परिवर्तन करने वाले हैं। 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगें, जहां पर एक करीब ढाई वर्ष तक रहेंगे। हालांकि मई के महीने में शनि का एक बार फिर से परिवर्तन होगा जहां पर वे दोबारा से मकर राशि में आ जाएंगे। शनि के वक्री होने से ऐसा होगा। शनि के 29 अप्रैल 2022 को राशि परिवर्तन करने से साढ़ेसाती और ढैय्या कुछ राशि से खत्म हो जाएगी तो कुछ राशियों पर शुरू हो जाएगी। आइए जानते हैं शनि के साल 2022 में राशि परिवर्तन करने से किन-किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव।

 

जानिए आपके लिए साल 2022 कैसा रहेगा?

मकर राशि में शनि

मीन, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती

मौजूदा समय में शनिदेव मकर राशि में हैं। ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव है। 29 अप्रैल 2022 को शनि जब मकर राशि की अपनी यात्रा खत्म करके कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। मीन राशि के जातकों की परेशानियां शुरू हो जाएंगी। कार्यों में असफलता, बीमारियां और आर्थिक परेशानियों का दौर प्रारंभ हो जाएगा। 29 अप्रैल 2022 के बाद मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। 

इन राशियों पर रहेगी ढैय्या

29 अप्रैल 2022 के पहले तक शनि के मकर राशि में यात्रा करने की वजह से मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी। इसके बाद जब शनि कुंभ राशि में आएंगे तो कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। ऐसे में कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। 

साल 2022 में साढ़ेसाती का कौन सा चरण किन राशियों पर

जब 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो वर्तमान समय में चल रही धनु, मकर और कुंभ राशि में से धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। ऐसे में मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण, कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा और मकर राशि पर अंतिम चरण शुरू हो जाएगा। 

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

शनिदेव न्याय के देवता माने गए हैं। शनि अच्छे कर्म करने पर व्यक्ति को अच्छा फल और बुरे कर्म करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने और शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर तेल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शनिवार के दिन हनुमानजी के दर्शन और पूजा करने से भी शनिदोष से मुक्ति मिलती है। शनिवार के दिन तेल का दान करना शुभ माना गया है। इसके अलावा शनि के मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी बताया गया है।

 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: