बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 18 Feb 2022 05:08 PM IST
सार
SBI Research Report Ecowrap: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिसर्च इकोरैप में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इसके साथ ही इसमें अर्थशास्त्रियों ने सुझाव दिया है कि सरकार गरीबों को 50,000 रुपये तक आजीविका ऋण की पेशकश कर सकती है।
देश की जीडीपी ग्रोथ अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 5.8 फीसदी रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट इकोरैप में यह अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया कि देश की अर्थव्यवस्था 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी थी। हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में इससे पिछली तिमाही के 20.1 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम रही थी।
एनएसओ का अनुमान 28 फरवरी को
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान घोषित करेगा। एसबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी इस शोध रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहेगी। इसमें पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.3 फीसदी से घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया गया है।
गरीबों को मिल सकते हैं 50 हजार रुपये
बता दें कि नाउकास्टिंग मॉडल औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतकों पर आधारित है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ग्रामीण गरीबों को 50,000 रुपये तक आजीविका ऋण की पेशकश कर सकती है।
विस्तार
देश की जीडीपी ग्रोथ अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 5.8 फीसदी रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट इकोरैप में यह अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया कि देश की अर्थव्यवस्था 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी थी। हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में इससे पिछली तिमाही के 20.1 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम रही थी।
एनएसओ का अनुमान 28 फरवरी को
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान घोषित करेगा। एसबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी इस शोध रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहेगी। इसमें पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.3 फीसदी से घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया गया है।
गरीबों को मिल सकते हैं 50 हजार रुपये
बता दें कि नाउकास्टिंग मॉडल औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतकों पर आधारित है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ग्रामीण गरीबों को 50,000 रुपये तक आजीविका ऋण की पेशकश कर सकती है।
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