videsh

Russia Ukraine War: भारतीय छात्रों पर गुस्सा निकाल रहे यूक्रेनी सैनिक और नागरिक, ईयू ने कहा- 70 लाख से ज्यादा लोगों पर विस्थापन का खतरा

एजेंसी, कीव/ ब्रुसेल्स
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 01 Mar 2022 02:46 AM IST

सार

Russia Ukraine War Indian students stranded in Ukraine: छात्रों का आरोप है कि उनके साथ ऐसा बर्ताव इसलिए किया गया क्योंकि भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई। छात्रों ने ऐसे वीडियो भी साझा किए, जिनमें सैनिकों को हवा में गोलियां चलाते और छात्रों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करते देखा गया है।

ख़बर सुनें

यूक्रेन में भारत सरकार लगातार अभियान चलाकर वहां फंसे भारतीय छात्रों को निकाल रही है। ये छात्र पोलैंड, रोमानिया और हंगरी के रास्ते घर लौट रहे हैं। लेकिन इस वापसी में इन छात्रों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मेडिकल छात्रों ने आरोप लगाया कि यूक्रेन-पोलैंड सीमा के चेकपाइंटों पर उन्हें बंधकों जैसे रखा गया और जमा देने वाली ठंड में उन्हें भोजन-पानी के लिए भी तरसना पड़ा।

छात्रों का आरोप है कि उनके साथ ऐसा बर्ताव इसलिए किया गया क्योंकि भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई। छात्रों ने ऐसे वीडियो भी साझा किए, जिनमें सैनिकों को हवा में गोलियां चलाते और छात्रों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करते देखा गया है। छात्रों ने कहा, उन्हें कड़ाके की सर्दी में किसी कैदी की तरह रखा गया और खाना, पानी और शेल्टर तक के लिए मना कर दिया गया।

उनका दावा है कि यूएन में रूसी हमले के निंदा प्रस्ताव पर मतदान से इनकार के बाद बॉर्डर गार्ड्स उन्हें गालियां भी दीं। एक अन्य वीडियो क्लिप में एक यूक्रेनी गार्ड एक भारतीय लड़की को दूर धकेलता दिखता है। ये लड़की सैनिक के पैरों में गिरकर उनसे सीमा पार करने देने की गुहार लगा रही है। कुछ छात्रों का कहना है कि यूक्रेन लोग भी अब उनके विरोधी हो गए हैं।

रातभर पैदल चलकर पोलैंड सीमा पहुंचे छात्र
कुछ छात्रों का दावा है कि कई छात्र ट्रेन, कार, बस या रात-रातभर पैदल चलकर यहां पहुंचे हैं। रविवार को करीब 250 छात्र पोलैंड के चेकपॉइंट्स तक पहुंचे। इन्हें पोलैंड के एक होटल में ठहराया गया है। कई छात्र कीव और लवीव में अपने कॉलेज हॉस्टल की ओर जा रहे हैं। लेकिन छात्रों को रास्ते में यूक्रेनी सैनिकों-नागरिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। टेर्नोपिल शहर के छात्र रोमानिया सीमा पर एकत्र हो रहे हैं जिसमें हरियाणा और दिल्ली के मेडिकल छात्र-छात्राएं शामिल हैं। यूक्रेन के एक चेकपाइंट पर बॉर्डर गार्ड्स ने उनसे हंटर गेम खेलने के लिए भी कहा। 

यूरोपीय संघ : 70 लाख से ज्यादा लोगों पर विस्थापन का खतरा
रूसी हमले के कारण यूक्रेन के करीब 70 लाख लोगों पर विस्थापन का खतरा मंडराने लगा है। हजारों लोग यूक्रेन की सीमा पार कर पोलैंड में दाखिल हो रहे हैं। यूक्रेन से आते शरणार्थियों पर केंद्रित यूरोपीय संघ आंतरिक मंत्रियों की बैठक के बाद आयुक्त यानेज लेनार्सिन ने बताया कि हम कई वर्षों में यूरोपीय महाद्वीप पर सबसे बड़ा मानवीय संकट देख रहे हैं। उन्होंने कहा, वर्तमान में विस्थापित यूक्रेनियों की अपेक्षित संख्या 70 लाख से अधिक है। उन्होंने चेतावनी दी कि वह संयुक्त राष्ट्र से मिला सिर्फ मोटा अनुमान दे रहे हैं क्योंकि लड़ाई ने सटीक गिनती को थाम दिया है।

विस्तार

यूक्रेन में भारत सरकार लगातार अभियान चलाकर वहां फंसे भारतीय छात्रों को निकाल रही है। ये छात्र पोलैंड, रोमानिया और हंगरी के रास्ते घर लौट रहे हैं। लेकिन इस वापसी में इन छात्रों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मेडिकल छात्रों ने आरोप लगाया कि यूक्रेन-पोलैंड सीमा के चेकपाइंटों पर उन्हें बंधकों जैसे रखा गया और जमा देने वाली ठंड में उन्हें भोजन-पानी के लिए भी तरसना पड़ा।

छात्रों का आरोप है कि उनके साथ ऐसा बर्ताव इसलिए किया गया क्योंकि भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई। छात्रों ने ऐसे वीडियो भी साझा किए, जिनमें सैनिकों को हवा में गोलियां चलाते और छात्रों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करते देखा गया है। छात्रों ने कहा, उन्हें कड़ाके की सर्दी में किसी कैदी की तरह रखा गया और खाना, पानी और शेल्टर तक के लिए मना कर दिया गया।

उनका दावा है कि यूएन में रूसी हमले के निंदा प्रस्ताव पर मतदान से इनकार के बाद बॉर्डर गार्ड्स उन्हें गालियां भी दीं। एक अन्य वीडियो क्लिप में एक यूक्रेनी गार्ड एक भारतीय लड़की को दूर धकेलता दिखता है। ये लड़की सैनिक के पैरों में गिरकर उनसे सीमा पार करने देने की गुहार लगा रही है। कुछ छात्रों का कहना है कि यूक्रेन लोग भी अब उनके विरोधी हो गए हैं।

रातभर पैदल चलकर पोलैंड सीमा पहुंचे छात्र

कुछ छात्रों का दावा है कि कई छात्र ट्रेन, कार, बस या रात-रातभर पैदल चलकर यहां पहुंचे हैं। रविवार को करीब 250 छात्र पोलैंड के चेकपॉइंट्स तक पहुंचे। इन्हें पोलैंड के एक होटल में ठहराया गया है। कई छात्र कीव और लवीव में अपने कॉलेज हॉस्टल की ओर जा रहे हैं। लेकिन छात्रों को रास्ते में यूक्रेनी सैनिकों-नागरिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। टेर्नोपिल शहर के छात्र रोमानिया सीमा पर एकत्र हो रहे हैं जिसमें हरियाणा और दिल्ली के मेडिकल छात्र-छात्राएं शामिल हैं। यूक्रेन के एक चेकपाइंट पर बॉर्डर गार्ड्स ने उनसे हंटर गेम खेलने के लिए भी कहा। 

यूरोपीय संघ : 70 लाख से ज्यादा लोगों पर विस्थापन का खतरा

रूसी हमले के कारण यूक्रेन के करीब 70 लाख लोगों पर विस्थापन का खतरा मंडराने लगा है। हजारों लोग यूक्रेन की सीमा पार कर पोलैंड में दाखिल हो रहे हैं। यूक्रेन से आते शरणार्थियों पर केंद्रित यूरोपीय संघ आंतरिक मंत्रियों की बैठक के बाद आयुक्त यानेज लेनार्सिन ने बताया कि हम कई वर्षों में यूरोपीय महाद्वीप पर सबसे बड़ा मानवीय संकट देख रहे हैं। उन्होंने कहा, वर्तमान में विस्थापित यूक्रेनियों की अपेक्षित संख्या 70 लाख से अधिक है। उन्होंने चेतावनी दी कि वह संयुक्त राष्ट्र से मिला सिर्फ मोटा अनुमान दे रहे हैं क्योंकि लड़ाई ने सटीक गिनती को थाम दिया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: