वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मास्को
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Tue, 22 Feb 2022 11:33 AM IST
सार
पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन और सेना भेजने के आदेश की जो भी वीडियो सामने आईं, वो पांच घंटे देरी से जारी की गई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में रूसी रक्षा मंत्री की घड़ी पांच घंटे देरी से चलते दिखाई दे रही है।
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विस्तार
नतीजतन, जब अमेरिका और यूक्रेन को यह सब कुछ पता चला, रूसी फौज दोनों शहर पर कब्जे के लिए तैयार हो चुकी थी। अब तो यह खबर सामने आ रही है कि डोनेत्स्क के रास्ते पर रूसी टैंकों को देखा गया है।
घड़ी ने खोले राज
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सामने सबूत के लिए रूस सिर्फ एक तमाशे का मंचन कर रहा था। देखा गया कि, पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन, डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र देश घोषित करने का वीडियो जारी होने के समय रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु की घड़ी पांच घंटे धीमी गति से चल रही थी। यह सब बातें इस बात का इशारा करती हैं कि, यह सुनवाई पांच घंटे पहले ही रिकॉर्ड कर ली गई थी। यानी दुनिया के सामने आने से पांच घंटे पहले पुतिन फैसला ले चुके थे।
क्या है डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्थिति?
पूर्वी यूक्रेन में रूस की सीमा से लगे डोनेत्स्क की गिनती एक समय यूक्रेन के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर होती थी। यह डोनबास राज्य का मुख्य शहर है, जहां कई अहम खनिजों का भंडार है। यह शहर यूक्रेन के बड़े स्टील उत्पादक केंद्रों में से है। यहां की जनसंख्या करीब 20 लाख है। वहीं, लुहांस्क जिसे पहले वोरोशिलोवग्राद के नाम से जाना जाता था, यूक्रेन के लिए कोयले का अहम भंडार है। यह शहर भी डोनबास क्षेत्र का हिस्सा है और रूस के साथ सीमा साझा करता है। इस शहर का उत्तरी हिस्सा ब्लैक सी से लगता है।
रक्षा मंत्रालय को पुतिन का आदेश
पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में अलगाववादियों के कब्जे वाले डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र करार दे दिया। ये दोनों ही क्षेत्र रूस की सीमा के करीब हैं। इसके ठीक बाद पुतिन ने अपने रक्षा मंत्रालय को आदेश दिया कि वह रूसी सैनिकों को इन दोनों शहरों में भेजकर शांति अभियान चलाए। यानी रूस ने सीधे तौर पर यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का आदेश दे दिया।