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Russia Ukraine War: किसने छीना रूस से सबसे पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा, कौन-कौन से प्रतिबंध लगे हैं?

सार

विश्व व्यापार संगठन के 164 सदस्य देश जिस राष्ट्र को मोस्ट फेवर्ड नेशन की कैटेगरी में रखते हैं उस राष्ट्र को व्यापारिक संबंधों में वरीयता देते है। हालांकि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने का मतलब यह कतई नहीं होता दर्जा देने और लेने वाले दोनों देश सबसे अच्छे मित्र बन गए हों।  

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यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से रूस कई अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों का सामना कर रहा है। दुनिया के कई देशों ने रूस को अलग-थलग कर दिया है।  तमाम पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कदमों की घोषणा कर रहे हैं। इसका मतलब रूस को सबक सिखाना और उसे युद्ध रोकने के लिए मजबूर करना है। इसी क्रम में अब रूस से सबसे पसंदीदा राष्ट्र यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छिन गया है।

किसने वापस लिया यह दर्जा?
जापान ने रूस से यह दर्जा छीन लिया है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस जिस तरह की तबाही मचा रहा है उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 

क्यों मिला था रूस को यह दर्जा?
विश्व व्यापार संगठन का सदस्य होने के नाते जापान ने रूस को सबसे तरजीही देश या मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। यह दर्जा एक राष्ट्र द्वारा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है।

इसका क्या फायदा होता है? 
विश्व व्यापार संगठन के 164 सदस्य देश जिस राष्ट्र को मोस्ट फेवर्ड नेशन की कैटेगरी में रखते हैं उस राष्ट्र को व्यापारिक संबंधों में वरीयता देते है। दोनों देशों के बीच कई सामनों का आयात-निर्यात भी बिना किसी शुल्क के किया जाता है।

हालांकि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने का मतलब यह कतई नहीं होता दर्जा देने और लेने वाले दोनों देश सबसे अच्छे मित्र बन गए हों।  
क्या दर्जा छीने जाने की कोई औपचारिक प्रकिया होती है ?
एमएफएन को निलंबित करने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं होती। साथ ही यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सदस्य देश ऐसा करने से पहले विश्व व्यापार संगठन को सूचित करने के लिए बाध्य हैं?

इसका असर क्या होगा?
जापान ने कहा है कि अब जी-7 देशों के साथ मिलकर रूस के निवेश पर रोक लगाई जाएगी।  जापान ने यह भी कहा है कि वह रूस को लग्जरी सामान के निर्यात पर भी रोक लगाएगा और रूसी उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगेगा। 

दाइवा इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के एक अर्थशास्त्री वाकाबा कोबायाशी के एक बयान के मुताबिक जापान ने इसके जरिए एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश है कि वह रूस के कदम के खिलाफ अन्य देशों के साथ है। 

इससे पहले ये देश भी उठा चुके यह कदम
जापान से पहले रूस के हमले  से नाखुश कनाडा और अमेरिका भी यह कदम उठा चुका है। सबसे पहले कनाडा ने रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन  ने भी पिछले सप्ताह से रूस को दिए गए ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ का दर्जा वापस लेने की घोषणा की है। 
अब तक रूस पर कौन-कौन से प्रतिबंध लगे हैं?
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने रूस पर एकतरफा और सामूहिक रूप से कई आर्थिक और राजनयिक प्रतिबंध लगाए हैं। 

पश्चिमी देशों ने रूस के सेंट्रल बैंक के एसेट को फ्रीज कर दिया है। रूस का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 630 अरब डॉलर का है।

अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के दो सबसे बड़े बैंकों सबरबैंक और वीटीबी बैंक पर एकतरफा बंदिशें लगाई हैं।

कई रईसों की संपत्ति हो गई फ्रीज
ब्रिटेन ने रूस के कई कुबेरपतियों और रईसों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने से लेकर उनकी संपत्तियों को फ्रीज भी कर दिया है। 

कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा किया है। माना जा रहा है कि इन प्रतिबंधों के कारण रूस कर्ज चुकाने में डिफॉल्टर हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भी चेतावनी दी है कि रूस का अपने कर्जों की अदायगी में ‘डिफॉल्टर होना तय’ है।

रूसी सरकार और गजप्रोम, ल्युकऑइल, स्बेरबैंक जैसी सरकारी कंपनियों पर विदेशी निवेशकों का 150 अरब डॉलर का कर्ज है।

रूस इस समय वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहा है। यूक्रेन पर हमले से पहले रूस कर्ज चुकाने के मामले में सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल था। रूस पर कर्ज भी बहुत ज्यादा नहीं था, लेकिन अब हालात तेजी से बदल गए हैं। 

 

विस्तार

यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से रूस कई अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों का सामना कर रहा है। दुनिया के कई देशों ने रूस को अलग-थलग कर दिया है।  तमाम पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कदमों की घोषणा कर रहे हैं। इसका मतलब रूस को सबक सिखाना और उसे युद्ध रोकने के लिए मजबूर करना है। इसी क्रम में अब रूस से सबसे पसंदीदा राष्ट्र यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छिन गया है।

किसने वापस लिया यह दर्जा?

जापान ने रूस से यह दर्जा छीन लिया है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस जिस तरह की तबाही मचा रहा है उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 

क्यों मिला था रूस को यह दर्जा?

विश्व व्यापार संगठन का सदस्य होने के नाते जापान ने रूस को सबसे तरजीही देश या मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। यह दर्जा एक राष्ट्र द्वारा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है।

इसका क्या फायदा होता है? 

विश्व व्यापार संगठन के 164 सदस्य देश जिस राष्ट्र को मोस्ट फेवर्ड नेशन की कैटेगरी में रखते हैं उस राष्ट्र को व्यापारिक संबंधों में वरीयता देते है। दोनों देशों के बीच कई सामनों का आयात-निर्यात भी बिना किसी शुल्क के किया जाता है।

हालांकि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने का मतलब यह कतई नहीं होता दर्जा देने और लेने वाले दोनों देश सबसे अच्छे मित्र बन गए हों।  

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