वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Wed, 23 Feb 2022 02:12 AM IST
सार
रूस-यूक्रेन विवाद को लेकर अमेरिका ने रूस के दो बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इनमें वीईबी और रूसी सैन्य बैंक शामिल हैं। वहीं इससे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस की पांच बैंकों पर प्रतिबंध का एलान कर दिया। इनमें रोसिया बैंक, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रोमस्याज बैंक और द ब्लैक सी बैंक शामिल हैं। पढ़ें किस देश ने रूस पर क्या-क्या प्रतिबंध लगाए?
रूस-यूक्रेन विवाद
– फोटो : Istock
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विस्तार
यूक्रेन के दो राज्यों को स्वतंत्र घोषित करने और वहां अलगाववादियों की मदद के लिए सेना भेजने के एलान के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका-यूके और उनके सहयोगियों के निशाने पर आ गए हैं। इसके बाद अमेरिका, यूके और उनके सहयोगियों ने रूस पर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि सेना भेजने के आदेश के बाद से अब तक रूस पर क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए?
अमेरिका ने लगाए दो बड़े बैंकों पर प्रतिबंध
प्रतिबंधों की कड़ी में जो बाइडन ने दो बैंकों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है। इसे उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की “पहली किश्त” बताया। बाइडन ने दो बड़े बैंकों- वीईबी और रूसी सैन्य बैंक से जुड़े व्यापार को अवरुद्ध करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणालियों से रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को काटने की घोषणा की।
रूस पर अब तक क्या-क्या प्रतिबंध लगे?
अमेरिका ने अलगाववादियों के कब्जे वाले लुहांस्क और डोनेत्स्क में अमेरिकी नागरिकों द्वारा कारोबार किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, कुछ अमेरिकी कंपनियां अब भी इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं। व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, अगर रूस यूक्रेन पर हमले की तैयारी करता है तो वह उस पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगे।
ब्रिटेन ने रूस पर की यह कार्यवाही
उधर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस की पांच बैंकों पर प्रतिबंध का एलान कर दिया। इनमें रोसिया बैंक, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रोमस्याज बैंक और द ब्लैक सी बैंक शामिल हैं। इसके अलावा ब्रिटेन ने रूस के तीन दिग्गज कारोबारियों गेनेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और आइगर रोटेनबर्ग पर भी प्रतिबंध लगाया है। इन लोगों की यूके में मौजूद संपत्ति जब्त की जाएंगी। साथ ही, उनके ब्रिटेन में आने पर भी बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन के नागरिकों और कंपनियों को रूस के साथ कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रतिबंध की पहली किस्त है। अगर रूस यूक्रेन पर अपनी कार्रवाई जारी रखता है तो प्रतिबंध और सख्त किए जाएंगे।
गैस पाइपलाइन खोलने की अनुमति पर बैन लगाएगा जर्मनी
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने कहा कि वह नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को खोलने की अनुमति पर प्रतिबंध लगा देंगे। बता दें कि यह पाइपलाइन बाल्टिक सागर से गुजरकर रूस से जर्मनी को जोड़ती है। वहीं, ब्रिटेन के नेता रूस की राजनीतिक शख्सियतों और बैंकों पर निशाना साधने की योजना बना रहे हैं। साथ ही, फाइनेंशियल मार्केट में रूस पर प्रतिबंध लगाने की भी तैयारी कर रहे हैं। रूस के विदेश मंत्री सेरगई लावरोव ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के खतरे को नकार दिया। उन्होंने कहा कि हम पर हर हाल में प्रतिबंध लगाए जाएंगे। चाहे कोई कारण हो या न हो।
तुर्की ने भी किया रूस के फैसले का विरोध
तुर्की के राष्ट्रपति तैईप एर्दोगन ने यूक्रेन के अपने समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की। साथ ही, कहा कि वह यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को निशाना बनाने वाली रूस की नीति का विरोध करते हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दो राज्यों को स्वतंत्र घोषित कर दिया है। अगर रूस यूक्रेन पर अपनी कार्रवाई जारी रखता है तो प्रतिबंध और सख्त किए जाएंगे।
प्रतिबंध का मतलब क्या?
प्रतिबंध का मतलब एक देश द्वारा दूसरे देश के प्रति की गई कार्यवाही है, जिन्हें आक्रामक रवैया अपनाने या अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने पर लागू किया जाता है। इन प्रतिबंधों को लागू करने का मकसद संबंधित देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उस देश के रईसों और शीर्ष नेताओं को वित्तीय चोट देना होता है। इसके अलावा यात्रा संबंधी और सैन्य साज-ओ-सामान पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।