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Pravasi Bharatiya Divas: विदेश राज्यमंत्री ने कहा – भारत को दुनिया से जोड़ने में सेतु का काम कर रहे भारतीय प्रवासी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुभाष कुमार
Updated Sun, 09 Jan 2022 11:10 PM IST

सार

9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत आए और स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया। उनके वापसी के दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन (फाइल फोटो)
– फोटो : Twitter

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भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए भारतीय प्रवासी एक सेतु की तरह कार्यशील हैं। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय प्रवासियों की यह एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार इन प्रवासियों के नेतृत्व से जुड़कर विज्ञान और तकनीक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में रहने वाले भारतीय प्रवासी अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं। राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व तकनीक जैसी सेवाओं पर काबिज होने के बाद भी अपनी भारतीय परंपरा, संस्कृति, व्यंजन व भाषा की जड़ों से जुडे़ हुए हैं। इन्होंने अपनी मातृभूमि से संबंधित विरासत, संस्कृति व परंपरा को जीवंत कर रखा है।

कार्यक्रम में राज्यमंत्री ने गूगल सीईओ सुंदर पिचाई, ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल, नोकिया सीईओ राजीव सूरी और कैनल सीईओ लीना नायर जैसे प्रवासियों की सफलता के बारे में कहा कि इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय युवा नेतृत्व को साबित किया है। इन कार्यों ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय ताकत की एक मजबूत इमारत खड़ी कर दी है। आज का युवा भविष्य के सपने को देखते हुए समस्याओं को सुलझा रहा है और नवाचार की ओर अग्रसर है। ये भारतीय प्रवासी नवाचार, तकनीक और रचनात्मक के क्षेत्र में शानदार काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भारतीय प्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय प्रवासी अपने कार्यों से भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर रहे हैं।
 
बता दें कि 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत आए और स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया। उनके वापसी के दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विस्तार

भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए भारतीय प्रवासी एक सेतु की तरह कार्यशील हैं। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय प्रवासियों की यह एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार इन प्रवासियों के नेतृत्व से जुड़कर विज्ञान और तकनीक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में रहने वाले भारतीय प्रवासी अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं। राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व तकनीक जैसी सेवाओं पर काबिज होने के बाद भी अपनी भारतीय परंपरा, संस्कृति, व्यंजन व भाषा की जड़ों से जुडे़ हुए हैं। इन्होंने अपनी मातृभूमि से संबंधित विरासत, संस्कृति व परंपरा को जीवंत कर रखा है।

कार्यक्रम में राज्यमंत्री ने गूगल सीईओ सुंदर पिचाई, ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल, नोकिया सीईओ राजीव सूरी और कैनल सीईओ लीना नायर जैसे प्रवासियों की सफलता के बारे में कहा कि इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय युवा नेतृत्व को साबित किया है। इन कार्यों ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय ताकत की एक मजबूत इमारत खड़ी कर दी है। आज का युवा भविष्य के सपने को देखते हुए समस्याओं को सुलझा रहा है और नवाचार की ओर अग्रसर है। ये भारतीय प्रवासी नवाचार, तकनीक और रचनात्मक के क्षेत्र में शानदार काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भारतीय प्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय प्रवासी अपने कार्यों से भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर रहे हैं।

 

बता दें कि 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत आए और स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया। उनके वापसी के दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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