पीएम मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कला की रक्षा, विकास और प्रचार के उद्देश्य से स्थापित गैर लाभकारी संगठन पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन का शुक्रवार को वर्चुअल शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पं.जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन की स्थापना के लिए इससे जुड़े लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि ये इन लोगों ने अपने प्यार और भक्ति को पवित्र दुनिया को समर्पित करने का जिम्मा लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित जसराज के साथ बिताए समय को याद करते हुए कहा कि उन्हें भी समय-समय पर पंडित जसराज को सुनने और उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने इस बात बात पर खुशी जताई कि फाउंडेशन के संचालक उनकी शास्त्रीय संगीत की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
अनूप जलोटा
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन शुरू में चार कार्यक्रमों को क्रियान्वित करेगा। सरगम के शुरू के चार स्वरों अर्थात सा, रे, गा, मा के अनुसार इनका नामकरण किया गया है। सा के तहत पारंपरिक संगीत का संरक्षण और प्रचार किया जाएगा और इसमें सभी रंगों और शैलियों के संगीतकारों के अंतरराष्ट्रीय मानक रिकॉर्डिंग सेशन के साथ वीडियो पेश किए जाएंगे। वैश्विक स्तर पर बड़े स्तर के संगीत समारोहों का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के प्रदर्शन कला सुविधाओं के संवर्धन की कोशिश की जाएगी।
अनूप जलोटा
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
रे के तहत पुन: स्थायी आजीविका का प्रयास होगा। इसके तहत कौशल आधारित रोजगार के अवसरों को सक्षम करने के लिए पारंपरिक उपकरण निर्माताओं और संगीतकारों का एक इकोसिस्टम बनाना, उनकी प्रतिभा का उपयोग करके विभिन्न भूमिकाओं में उनकी क्षमता को बेहतर करना शामिल है। गा का संबंध आर्टिस्ट वेलफेयर से है औऱ इसमें फाउंडेशन सभी क्षेत्रों के कलाकारों को समय पर चिकित्सा सहायता और बीमा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। और मा में होगी शिक्षा और शोध की सहूलियत। इस पहल के साथ पारंपरिक भारतीय संगीत और संस्कृत भाषा में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू करने की योजना है।
दुर्गा जसराज
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन की सह-संस्थापक दुर्गा जसराज ने इस मौके पर कहा, “मैं वास्तव में धन्य महसूस करती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित जसराज 92वीं जयंती पर सांस्कृतिक फाउंडेशन का शुभारंभ किया। इसकी नींव के लिए हमने जो विजन रखा है, वह कुछ ऐसा है जिसकी उन्होंने परिकल्पना की थी। यह संगीत समुदाय, संगीत की विभिन्न शैलियों से संबंधित वाद्ययंत्र निर्माताओं और आने वाली पीढ़ी के उत्थान का एक प्रयास है। इसके माध्यम से हम अपने देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।”
दुर्गा जसराज
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दुर्गा जसराज के मुताबिक नीरज जेटली के साथ मिलकर और हरि प्रसाद चौरसिया, पंडित शिवकुमार शर्मा, अनूप जलोटा, डॉ. एल सुब्रमण्यम, डीआर एन राजन और एम के सिंह जैसे लोगों संग एक परिवार के रूप में जिस लक्ष्य की कल्पना की गई है, उसे हासिल करने के लिए ये सभी मार्गदर्शक शक्ति और ताकत हैं। पंडित जसराज के बेटे शारंगदेव और मां मधुरा पंडित जसराज ने भी सभी के प्रति कृतज्ञता जताई।