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Pakistan Rupee: दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में शामिल हुआ पाकिस्तानी रुपया, इमरान की किरकिरी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 28 Dec 2021 10:25 PM IST

सार

आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है। यहां की मुद्रा पाकिस्तानी रुपया दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में शामिल हो गया है। इसकी कीमत में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

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नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुद्रा पाकिस्तानी रुपये दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गया है। इस साल की शुरुआत से इसमें 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। मई मध्य में इसके मूल्य में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी जब एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 152.50 रुपये हो गई थी। 

डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के अंत तक देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए पाकिस्तान की सरकार को एक बार फिर अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रुख करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान स्टेट बैंक (पीबीआई) की ओर से रुपये को स्थिर रखने के लिए कई मानक लागू किए गए हैं।

इमरान खान की सरकार में खराब रहा मुद्रा का प्रदर्शन
इसके अलावा यहां की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) डॉलर को बाहर जाने से रोकने के लिए तस्करों और जमाखोरों पर भी लगातार कार्रवाई कर रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के दौरान पिछले तीन साल चार महीने में पाकिस्तानी रुपये की कीमत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 30.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

डॉलर के मुकाबले 40 महीने में 30.5 फीसदी की गिरावट
न्यूज इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2021 में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 177 रुपये है, अगस्त 2018 में डॉलर की कीमत 123 रुपये थी। इस हिसाब से पिछले 40 महीनों में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में 30.5 फीसदी कमी आई है। यह देश के इतिहास में मुद्रा की सबसे बड़ी गिरावट में से एक है।

बांग्लादेश के विभाजन के समय आई थी सबसे बड़ी कमी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 1971-72 में बांग्लादेश के अलग देश बनने के बाद पाकिस्तान की मुद्रा में इससे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। जानकारी के अनुसार तब आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तानी रुपये की कीमत में 58 फीसदी की कमी आई थी। एक डॉलर की कीमत 4.60 रुपये से उछल कर 11.10 रुपये पर पहुंच गई थी

विस्तार

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुद्रा पाकिस्तानी रुपये दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गया है। इस साल की शुरुआत से इसमें 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। मई मध्य में इसके मूल्य में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी जब एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 152.50 रुपये हो गई थी। 

डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के अंत तक देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए पाकिस्तान की सरकार को एक बार फिर अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रुख करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान स्टेट बैंक (पीबीआई) की ओर से रुपये को स्थिर रखने के लिए कई मानक लागू किए गए हैं।

इमरान खान की सरकार में खराब रहा मुद्रा का प्रदर्शन

इसके अलावा यहां की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) डॉलर को बाहर जाने से रोकने के लिए तस्करों और जमाखोरों पर भी लगातार कार्रवाई कर रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के दौरान पिछले तीन साल चार महीने में पाकिस्तानी रुपये की कीमत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 30.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

डॉलर के मुकाबले 40 महीने में 30.5 फीसदी की गिरावट

न्यूज इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2021 में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 177 रुपये है, अगस्त 2018 में डॉलर की कीमत 123 रुपये थी। इस हिसाब से पिछले 40 महीनों में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में 30.5 फीसदी कमी आई है। यह देश के इतिहास में मुद्रा की सबसे बड़ी गिरावट में से एक है।

बांग्लादेश के विभाजन के समय आई थी सबसे बड़ी कमी

उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 1971-72 में बांग्लादेश के अलग देश बनने के बाद पाकिस्तान की मुद्रा में इससे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। जानकारी के अनुसार तब आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तानी रुपये की कीमत में 58 फीसदी की कमी आई थी। एक डॉलर की कीमत 4.60 रुपये से उछल कर 11.10 रुपये पर पहुंच गई थी

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