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Offline Digital Payments: आरबीआई का बड़ा फैसला, ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को दी हरी झंडी 

Offline Digital Payments: आरबीआई का बड़ा फैसला, ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को दी हरी झंडी 

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 03 Jan 2022 10:08 PM IST

सार

आरबीआई ने कहा कि ऑफलाइन लेनदेन से खराब या कमजोर इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की उम्मीद है। 
 

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ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक रूपरेखा जारी की जिसमें प्रति लेनदेन 200 रुपये तक ऑफलाइन भुगतान की अनुमति दी गई है, जो कुल 2,000 रुपये तक की हो सकती है। एक ऑफलाइन डिजिटल भुगतान का अर्थ है एक ऐसा लेनदेन जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। ऑफलाइन मोड के तहत भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके आमने-सामने किया जा सकता है।

200 रुपये तक का लेनदेन
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी। लेनदेन ऑफलाइन है और ग्राहक द्वारा अलर्ट एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। यह प्रति लेनदेन 200 रुपये की सीमा के अधीन होगा और खाते में शेष राशि की भरपाई होने तक सभी लेनदेन के लिए 2,000 रुपये की कुल सीमा होगी। 

दूरदराज इलाकों में होगा फायदा
इस रूपरेखा में सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए ऑफलाइन लेनदेन पर पायलट प्रयोगों से हासिल प्रतिक्रिया शामिल है। आरबीआई ने कहा कि ऑफलाइन लेनदेन से खराब या कमजोर इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, खासकर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में। नया ढांचा तत्काल प्रभाव से लागू होगा। 

भुगतान का ऑफलाइन तरीका ग्राहक की सहमति के बाद ही सक्षम किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि ग्राहक को प्रावधानों के तहत सुरक्षा मिलेगी और शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना का सहारा लेंगे। ऑफलाइन भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके किया जा सकता है।  

विस्तार

ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक रूपरेखा जारी की जिसमें प्रति लेनदेन 200 रुपये तक ऑफलाइन भुगतान की अनुमति दी गई है, जो कुल 2,000 रुपये तक की हो सकती है। एक ऑफलाइन डिजिटल भुगतान का अर्थ है एक ऐसा लेनदेन जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। ऑफलाइन मोड के तहत भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके आमने-सामने किया जा सकता है।

200 रुपये तक का लेनदेन

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी। लेनदेन ऑफलाइन है और ग्राहक द्वारा अलर्ट एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। यह प्रति लेनदेन 200 रुपये की सीमा के अधीन होगा और खाते में शेष राशि की भरपाई होने तक सभी लेनदेन के लिए 2,000 रुपये की कुल सीमा होगी। 

दूरदराज इलाकों में होगा फायदा

इस रूपरेखा में सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए ऑफलाइन लेनदेन पर पायलट प्रयोगों से हासिल प्रतिक्रिया शामिल है। आरबीआई ने कहा कि ऑफलाइन लेनदेन से खराब या कमजोर इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, खासकर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में। नया ढांचा तत्काल प्रभाव से लागू होगा। 

भुगतान का ऑफलाइन तरीका ग्राहक की सहमति के बाद ही सक्षम किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि ग्राहक को प्रावधानों के तहत सुरक्षा मिलेगी और शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना का सहारा लेंगे। ऑफलाइन भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके किया जा सकता है।  

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