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रूस-अमेरिका: यूक्रेन पर शीर्ष वार्ता के बावजूद दोनों देशों में गहरे मतभेद, 9 व 10 जनवरी को राजनयिक वार्ता 

एजेंसी, विलमिंगटन।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 02 Jan 2022 12:49 AM IST

सार

जिनेवा में रूसी-अमेरिकी राजनयिकों की बैठक के बाद 12 जनवरी को रूस और नाटो परिषद के बैठक होगी और 13 को विएना में सुरक्षा व सहयोग संगठन में बातचीत होनी है।

जो बाइडन और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

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यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन में सख्त बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने आगामी राजनयिक वार्ता में तनाव घटने की उम्मीद जताई है। अमेरिका और रूस दोनों ने जोर दिया कि उन्हें 9 और 10 जनवरी को राजनयिकों के बीच जिनेवा में तनाव घटने का मार्ग खुलने की आशा है। हालांकि दोनों के बीच मतभेद गहरे हैं, अत: भरोसा कम है।

जिनेवा में रूसी-अमेरिकी राजनयिकों की बैठक के बाद 12 जनवरी को रूस और नाटो परिषद के बैठक होगी और 13 को विएना में सुरक्षा व सहयोग संगठन में बातचीत होनी है। लेकिन जिनेवाल में दोनों पक्षों के अधिकारियों की बैठक में दो सप्ताह से भी कम समय चा है जबकि यूक्रेन को लेकर दोनों देशों में खाई काफी गहरा चुकी है और संकट से बाहर निकलने की संभावना में जटिलताएं हैं।

शुक्रवार को जहां बाइडन ने पुतिन से कहा कि आगामी बातचीत तभी कारगर हो सकती है जब रूसी नेता तनाव घटाने के लिए कदम आगे बढ़ाएं जबकि रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि यदि रूस पर हमला किया गया तो नतीजे गंभीर होंगे। अब 9 व 10 जनवरी को यूक्रेन सीमा पर रूस के एक लाख सैनिकों की तैनाती पर चर्चा की जाएगी लेकिन आपसी मतभेद के चलते इसमें कोई हल निकल पाए, यह मुश्किल दिख रहा है।

आगामी दो सप्ताह बेहद कठिन
पोलैंड में पूर्व अमेरिकी राजदूत डेनियल फ्राइड ने कहा है कि आगामी दो सप्ताह बेहद कठिन होने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन के शीर्ष सलाहकार रहे फ्राइड ने कहा, बाइडन प्रशासन की कोशिशों के बावजूद सबसे कठिन परीक्षा अभी बाकी है क्योंकि रूस सुरक्षा गारंटी की अपनी मांग पर कायम है। ऐसे में आगामी वार्ताओं से ठोस नतीजे की गुंजाइश नहीं दिखाई देती है।

युद्ध की समाप्ति मुख्य लक्ष्य : यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने नए साल पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में डोनबास के पूर्वी क्षेत्र में युद्ध की समाप्ति को अपना प्रमुख लक्ष्य बताया। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हमने देश के पूर्वी हिस्से में युद्ध खत्म नहीं किया है लेकिन मेरा लक्ष्य नए साल की बेहतरी पर है। इस क्षेत्र में सैन्य झड़पें अब भी जारी हैं।

विस्तार

यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन में सख्त बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने आगामी राजनयिक वार्ता में तनाव घटने की उम्मीद जताई है। अमेरिका और रूस दोनों ने जोर दिया कि उन्हें 9 और 10 जनवरी को राजनयिकों के बीच जिनेवा में तनाव घटने का मार्ग खुलने की आशा है। हालांकि दोनों के बीच मतभेद गहरे हैं, अत: भरोसा कम है।

जिनेवा में रूसी-अमेरिकी राजनयिकों की बैठक के बाद 12 जनवरी को रूस और नाटो परिषद के बैठक होगी और 13 को विएना में सुरक्षा व सहयोग संगठन में बातचीत होनी है। लेकिन जिनेवाल में दोनों पक्षों के अधिकारियों की बैठक में दो सप्ताह से भी कम समय चा है जबकि यूक्रेन को लेकर दोनों देशों में खाई काफी गहरा चुकी है और संकट से बाहर निकलने की संभावना में जटिलताएं हैं।

शुक्रवार को जहां बाइडन ने पुतिन से कहा कि आगामी बातचीत तभी कारगर हो सकती है जब रूसी नेता तनाव घटाने के लिए कदम आगे बढ़ाएं जबकि रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि यदि रूस पर हमला किया गया तो नतीजे गंभीर होंगे। अब 9 व 10 जनवरी को यूक्रेन सीमा पर रूस के एक लाख सैनिकों की तैनाती पर चर्चा की जाएगी लेकिन आपसी मतभेद के चलते इसमें कोई हल निकल पाए, यह मुश्किल दिख रहा है।

आगामी दो सप्ताह बेहद कठिन

पोलैंड में पूर्व अमेरिकी राजदूत डेनियल फ्राइड ने कहा है कि आगामी दो सप्ताह बेहद कठिन होने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन के शीर्ष सलाहकार रहे फ्राइड ने कहा, बाइडन प्रशासन की कोशिशों के बावजूद सबसे कठिन परीक्षा अभी बाकी है क्योंकि रूस सुरक्षा गारंटी की अपनी मांग पर कायम है। ऐसे में आगामी वार्ताओं से ठोस नतीजे की गुंजाइश नहीं दिखाई देती है।

युद्ध की समाप्ति मुख्य लक्ष्य : यूक्रेन

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने नए साल पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में डोनबास के पूर्वी क्षेत्र में युद्ध की समाप्ति को अपना प्रमुख लक्ष्य बताया। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हमने देश के पूर्वी हिस्से में युद्ध खत्म नहीं किया है लेकिन मेरा लक्ष्य नए साल की बेहतरी पर है। इस क्षेत्र में सैन्य झड़पें अब भी जारी हैं।

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