सुरों की मल्लिका कही जाने वालीं लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया। लता जी के निधन की खबर आते ही संगीत जगत के साथ ही पूरा देश गमहीन हो गया। रविवार की सुबह जिस किसी ने भी इस खबर को सुना वह स्तब्ध रह गया। बीते दिन लता जी की तबीयत में सुधार की खबर से सभी के मन में आशा जगी थी कि वह जल्द ही अपनी पसंदीदा गायिका के पूर्ण स्वस्थ होने की खबर सुनेगा। लेकिन रविवार सुबह मिली खबर पर किसी के लिए भी विश्वास करना मुश्किल मुश्किल था।
रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लता मंगेशकर ने अपनी अंतिम सांस ली। कोरोना और निमोनिया के चपेट में आने के बाद गायिका 8 जनवरी से अस्पताल में भर्ती थी। 28 दिन तक जारी इस जंग के बाद लता जी ने इस लड़ाई पर विराम लगाते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया। ऐसे में अब सभी लता जी के गाने सुन उन्हें याद कर रहे हैं। लता मंगेशकर भले ही अब हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनके गाने हमेशा यादगार रहेंगे। इसी बीच सोशल मीडिया पर लता जी का ऐसा ही एक गाना सामने आया है।
लता मंगेशकर ने यूं तो अपने लंबे करियर के दौरान 36 भाषाओं में अरे 30000 गानों को अपनी आवाज दी। लेकिन लता जी के आखिरी गाने की बात की जाए तो यह गाना साल 2019 में रिलीज हुआ था। लता जी ने इस गाने को राष्ट्रीय और भारतीय सेना के सम्मान में अपनी आवाज दी थी। ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की’ शीर्षक वाले इस गाने को मयूरेश पई ने कंपोज किया था।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज में रिकॉर्ड किया यह गाना 30 मार्च 2019 को रिलीज किया गया था। लता जी ने इस गाने को देश के वीर जवानों और राष्ट्र के नाम समर्पित किया था। संगीत जगत में लता मंगेशकर ने 80 साल का अमिट योगदान दिया है। इन 80 सालों में उन्होंने कई सुपरहिट और सदाबहार गाने दिए हैं। लता मंगेशकर की आवाज में गाए यह गाने उनके जाने के बाद भी हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे।
लता जी ने यूं तो हिंदी सिनेमा में कई फिल्मों में सुपरहिट गानों को अपनी आवाज दी है। लेकिन अगर उनके आखिरी फिल्मी गाने की बात की जाए तो लता मंगेशकर ने साल 2006 में रिलीज हुई देशभक्ति फिल्म ‘रंग दे बसंती’ के मशहूर गाने ‘लुका छुपी’ को अपने सुरों से सजाया था। लता जी की आवाज में यह गाना आज भी हर मां के जज्बात दर्शाता है। लता जी के दुनिया से जाने के बाद यह गाना आज सही मायने में अपने शब्दों का अर्थ बयां कर रहा है।
लता मंगेशकर ने अपनी आवाज से देश- दुनिया में वह मुकाम हासिल किया है, जिसे पाना हर किसी के बस की बात नहीं। लता मंगेशकर ने सबसे ज्यादा हिंदी गानों को अपनी आवाज दी है। यही वजह है कि उनके जाने पर हर आयु वर्ग का व्यक्ति ना सिर्फ गमहीन है, बल्कि उनके जाने से खालीपन भी महसूस कर रहा है। लता मंगेशकर भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह अपने गानों और मधुर आवाज के जरिए हमेशा हमारे बीच जिंदा रहेंगी।