नारी हमारे समाज, अपने घर और परिवार में अनगिनत योगदान देती है। लेकिन कभी-कभी हम उनकी अहमियत को पहचाने बिना उनकी उपेक्षा कर देते हैं या ऐसा कहें कि उनकी मूल्यवान स्थिति को हल्के में ले लेते हैं। तो आइए इस महिला दिवास के मौके पर नजर डालते हैं, कुछ ऐसी फिल्मों पर जो नारी शक्ति को सलाम करती हैं और महिलाओं की ताकत का जश्न मनाती हैं। पढ़िए..
मदर इंडिया
हम अपनी सूची की शुरुआत एक ऐसी फिल्म से कर रहे हैं, जो नारी शक्ति को बखुबी दर्शाती है। जी हां, हम साल 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ की बात कर रहे हैं। यह फिल्म राधा (नरगिस) की यात्रा को दर्शाती है, जो अपने बच्चों की परवरिश करती है और बाद में उन्हीं के खिलाफ न्यायालय में खड़ी होती है।
दामिनी
मीनाक्षी शेषाद्री स्टारर दामिनी ऐसी फिल्मों में से एक है, जो सामाज को सोचने पर मजबूर कर देती है। यह फिल्म बलात्कार, भ्रष्टाचार जैसे जघन्य अपराध के बारे में बात करती है और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है। 1993 में राजकुमार संतोषी के निर्देशन में बनी यह फिल्म देखने लायक है।
पिंजर
2003 में आई फिल्म पिंजर में विभाजन की त्रासदी को दर्शाया गया है। यह उस समय की सबसे कम रेटिंग वाली फिल्मों में से एक है, लेकिन देखने लायक है। इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने शानदार अभिनय किया है। इसके साथ ही डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म में मनोज वाजपेयी, संजय सूरी, प्रियांशु चटर्जी और ईशा कोपिकर का भी बेहतरीन अभिनय देखने को मिलता है।
इंग्लिग विंग्लिश
2012 में आई दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी की फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ उनकी फिल्मी पर्दे पर कई सालों बाद वापसी थी। इस फिल्म में गौरी शिंदे ने एक गृहिणी की कहानी को बखूबी दर्शाया था। साथ ही श्रीदेवी का अभिनय भी फिल्म में चार चांद लगा देता था।