सार
आयकर अधिकारियों ने हुवावे, उसके भारतीय कारोबार और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की है। कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किया गया है।
ख़बर सुनें
विस्तार
सूत्रों ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय कारोबार और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की है। कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों, बहीखातों और कंपनी के रिकॉर्ड की पड़ताल जारी है। कंपनी का कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किया गया है।
उधर, हुवावे ने कहा है कि भारत में उसका कामकाज कानून के अनुसार चल रहा है। हुवावे ने बयान जारी कर कहा कि हमें आयकर टीम के हमारे कार्यालय में आने और कुछ कर्मियों के साथ पूछताछ की सूचना मिली है। कंपनी को विश्वास है कि भारत में उसका कामकाज सभी कानूनों और नियमों के अनुरूप है। अधिक जानकारी के लिए हम संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेंगे। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
सरकार ने 5 जी परीक्षण से बाहर रखा
केंद्र सरकार ने इस हुवावे को देश में 5 जी सेवाओं के परीक्षण से बाहर रखा है। हालांकि दूरसंचार आपरेटरों को उनके पुराने अनुबंध के अनुसार हुवावे और जेडटीई से दूरसंचार उपकरण खरीदने की इजाजत दी है। लेकिन इन कंपनियों के साथ किसी भी नए अनुबंध से पहले इन आपरेटरों को दूरसंचार क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार की मंजूरी लेना होगी।
पिछले साल शियोमी व ओप्पो पर मारे थे छापे
आयकर विभाग ने पिछले साल चीनी मोबाइल कंपनियों शियोमी व ओपो व उनसे जुड़े लोगों पर छापे मारे थे। जांच के बाद आयकर विभाग ने इन छापों में 6500 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ने का दावा किया था। उसने आरोप लगाया था कि चीनी कंपनियों ने कर कानूनों व नियमों का उल्लंघन कर यह चोरी की।
54 और ऐप बंद किए गए
इस सप्ताह की शुरुआत में सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने 54 और चीनी ऐप्स को बंद कर दिया है। इनें टेंसेंट ड्राइवर, नाइस वीडियो बाइडू, वीवा वीडियो एडिटर, गैमिंग ऐप गैरेना फ्री फायर इल्युमिनेट शामिल हैं। सुरक्षा कारणों से यह रोक लगाई गई है। इसके पूर्व भी कई चीनी ऐप्स सुरक्षा कारणों से बंद किए जा चुके हैं।
ईडी ने चीन नियंत्रित एनबीएफसी पर की कार्रवाई
इससे पहले ईडी ने भी चीन नियंत्रित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर छापे मारे थे। यह कार्रवाई मोबाइल पर तत्काल लोन देने के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता के चलते की गई थी।
माना जा रहा है कि लद्दाख में चीनी सेना के साथ जारी सैन्य गतिरोध को देखते हुए भारत में कारोबार करने वाली चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसा गया है।