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Hijab Controversy: प्रिंसिपल ने छात्रों को गेट पर रोका, कहा- हिजाब के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं

सार

प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा कि उन्हें क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। अगर क्लासरूम में बैठना है तो उन्हें हिजाब हटाना पड़ेगा। इस दौरान छात्रों और प्रिंसिपल के बीच तीखी बहस भी हुई। छात्रों ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

हिजाब विवाद।
– फोटो : सोशल मीडिया

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कर्नाटक के उडुपी स्थित कॉलेज में कुछ लड़कियों के हिजाब पहनकर आने का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। उडुपी जिले के कुंदापुर स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की प्रिंसिपल ने हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं को बृहस्पतिवार को मेन गेट पर ही रोक दिया।

प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा कि उन्हें क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। अगर क्लासरूम में बैठना है तो उन्हें हिजाब हटाना पड़ेगा। हालांकि, इस दौरान छात्रों और प्रिंसिपल के बीच तीखी बहस भी हुई। छात्रों ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

हिजाब के विरोध में 100 छात्र भगवा शॉल पहनकर कॉलेज पहुंचे
इससे पहले बुधवार को कॉलेज में लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में लगभग 100 हिंदू लड़के क्लासरूम में भगवा शॉल ओढ़ कर आए थे। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए विधायक हालदे श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज प्रशासन और छात्रों के परिजनों के साथ मीटिंग की थी। इस दौरान बैठक में सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि माता-पिता हिजाब पहनने के अधिकार पर जोर दे रहे थे। वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि छात्रों को एकसमान नियम का पालन करना चाहिए। फिलहाल, इस मामले ने हिजाब विवाद को और गर्मा दिया है।

वहीं, कुंदापुर के विधायक श्रीनिवास शेट्टी ने इस मुद्दे पर शिक्षामंत्री बीसी नागेश से बात की और मुस्लिम छात्रों के माता-पिता को लड़कियों को बिना हिजाब के कॉलेज में आने के लिए मनाने की कोशिश की। लेकिन उनका प्रयास विफल रहा। 

क्लासरूम में हिजाब पहनने पर रोक का मामला हाईकोर्ट पहुंचा 
कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को लेकर लड़कियां कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि हिजाब पहनना उनका मूल अधिकार है। इस प्रतिबंध से संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 का हनन हो रहा है।

कर्नाटक के उडुपी जिले स्थित एक सरकारी महिला कॉलेज की छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। इसके तहत छात्रा ने क्लासरूम में भी हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया है।

छात्रा रेशम फारूक की ओर से रिट उसके भाई मुबारक फारूक ने की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्राओं को हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत दिया गया मौलिक अधिकार है। इसके अलावा इस्लाम के तहत यह एक आवश्यक प्रथा है। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों के हिजाब पहनकर क्लासरूम में बैठने पर रोक लगा दी। इस मामले में पहली सुनवाई इस सप्ताह के अंत में होनी है।

वहीं, प्रशासन का कहना है कि लड़कियां कॉलेज कैंपस में तो हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में नहीं। वहीं, लड़कियों का कहना है कि वे हिजाब बिना पढ़ेंगी ही नहीं। छह छात्राओं ने दिसंबर से क्लास का बहिष्कार किया था।

विस्तार

कर्नाटक के उडुपी स्थित कॉलेज में कुछ लड़कियों के हिजाब पहनकर आने का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। उडुपी जिले के कुंदापुर स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की प्रिंसिपल ने हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं को बृहस्पतिवार को मेन गेट पर ही रोक दिया।

प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा कि उन्हें क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। अगर क्लासरूम में बैठना है तो उन्हें हिजाब हटाना पड़ेगा। हालांकि, इस दौरान छात्रों और प्रिंसिपल के बीच तीखी बहस भी हुई। छात्रों ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

हिजाब के विरोध में 100 छात्र भगवा शॉल पहनकर कॉलेज पहुंचे

इससे पहले बुधवार को कॉलेज में लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में लगभग 100 हिंदू लड़के क्लासरूम में भगवा शॉल ओढ़ कर आए थे। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए विधायक हालदे श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज प्रशासन और छात्रों के परिजनों के साथ मीटिंग की थी। इस दौरान बैठक में सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि माता-पिता हिजाब पहनने के अधिकार पर जोर दे रहे थे। वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि छात्रों को एकसमान नियम का पालन करना चाहिए। फिलहाल, इस मामले ने हिजाब विवाद को और गर्मा दिया है।

वहीं, कुंदापुर के विधायक श्रीनिवास शेट्टी ने इस मुद्दे पर शिक्षामंत्री बीसी नागेश से बात की और मुस्लिम छात्रों के माता-पिता को लड़कियों को बिना हिजाब के कॉलेज में आने के लिए मनाने की कोशिश की। लेकिन उनका प्रयास विफल रहा। 

क्लासरूम में हिजाब पहनने पर रोक का मामला हाईकोर्ट पहुंचा 

कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को लेकर लड़कियां कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि हिजाब पहनना उनका मूल अधिकार है। इस प्रतिबंध से संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 का हनन हो रहा है।

कर्नाटक के उडुपी जिले स्थित एक सरकारी महिला कॉलेज की छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। इसके तहत छात्रा ने क्लासरूम में भी हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया है।

छात्रा रेशम फारूक की ओर से रिट उसके भाई मुबारक फारूक ने की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्राओं को हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत दिया गया मौलिक अधिकार है। इसके अलावा इस्लाम के तहत यह एक आवश्यक प्रथा है। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों के हिजाब पहनकर क्लासरूम में बैठने पर रोक लगा दी। इस मामले में पहली सुनवाई इस सप्ताह के अंत में होनी है।

वहीं, प्रशासन का कहना है कि लड़कियां कॉलेज कैंपस में तो हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में नहीं। वहीं, लड़कियों का कहना है कि वे हिजाब बिना पढ़ेंगी ही नहीं। छह छात्राओं ने दिसंबर से क्लास का बहिष्कार किया था।

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