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Facebook: क्या फेसबुक से हो रहा यूजर्स का मोहभंग, जानें इसकी शुरुआत से अब तक की पूरी कहानी

सार

Facebook Interesting Facts And History: 4 फरवरी 2004 में मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक की शुरुआत की और अब 18 साल तक बुलंदियों पर रहने के बाद इस साल फरवरी में ही पहली बार इसे डेली एक्टिव यूजर्स कम हो गए। यही नहीं कंपनी को 230 अरब डॉलर से ज्यादा का घाटा भी उठाना पड़ा। आइए जानते हैं कंपनी से जुड़ी कुछ रोचक बातें और हालिया हुए नुकसान का कारण। 
 

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फेसबुक एक ऐसा नाम है जो बच्चे, बूढ़े और जवान सभी के लिए खास है। इसका यूजर लगभग हर उम्र का है और यही कारण है कि डेढ़ दशक से ज्यादा समय से ये सोशल नेटवर्किंग साइट यूजर्स की पहली पसंद बनी हुई थी, लेकिन अचानक से आखिर क्या हुआ कि इसके यूजर घट गए और कंपनी को अब तक का सबसे बड़ी एक दिनी नुकसान उठाना पड़ा। आइए जानते हैं कि आसमान की बुलंदियों पर पहुंची फेसबुक को आखिर इतना बड़ा घटा क्यों उठाना पड़ा जिससे इसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की सूची तक से बाहर हो गए। 

2004 में हुई थी फेसबुक की शुरुआत
फेसबुक की शुरुआत 4 फरवरी 2004 को हुई थी। दरअसल, हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मार्क जकरबर्ग ने अपने कुछ दोस्तों के साथ कॉलेज में एक-दूसरे से जुड़े रहने के लिए फेसबुक को बनाया था। लॉन्चिंग के समय इसका नाम ‘द फेसबुक’ रखा गया था, जिसे बाद में सिर्फ फेसबुक कर दिया गया। फेसबुक को 18 साल पूरे हो गए हैं। लेकिन फरवरी में शुरू हुई इस कंपनी को इस साल के फरवरी महीने में ही सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। यूजर बेस से लेकर मुनाफे तक के लिए फरवरी काला महीना साबित हुआ। 

लॉन्च होते ही बुलंदियों पर फेसबुक
गौरतलब है कि हार्वर्ड में छात्रों को एक-दूसरे से जुड़े रखने के मकसद से फेसबुक से पहले 28 अक्तूबर 2003 को मार्क जकरबर्ग ने ‘फेसमास’ नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की थी। फेसमास ने ही जकरबर्ग को फेसबुक बनाने के लिए प्रेरित किया और 2004 में फेसबुक लॉन्च कर दी। लॉन्च के बाद कुछ ही समय में यह बुलंदियों पर पहुंच गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में शुरू होने के बाद दिसंबर 2004 तक 11 महीने में ही इसके यूजर्स की संख्या 1 अरब को पार कर गई। फिर तो जकरबर्ग ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

23 साल की उम्र जकरबर्ग बने अरबपति
फेसबुक के यूजर बेस में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी होती गई और यह दुनिया की सबसे लोकप्रिया सोशल नेटवर्किंग साइट बनकर उभरी। फेसबुक की लोकप्रियता ने इसमें निवेश करने वालों की लाइन लगा दी और इसके संस्थापक और सीईओ जकरबर्ग महज 23 साल की उम्र में ही अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए। फेसबुक की लोकप्रियता का यह सफर शुरुआत से अब तक जारी है, हालांकि तीन फरवरी का दिन फेसबुक के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हुआ है, जब इसके यूजर की संख्या और मुनाफे दोनों में भारी गिरावट आई। 

अक्तूबर 2021 में फेसबुक हो गया मेटा 
मार्क जकरबर्ग ने बीते साल 29 अक्तूबर में पेरेंट कंपनी का नाम बदलकर मेटा किया है। इसके साथ ही फेसबुक बन गया मेटा। इसका मकसद दरअसल ये था कि कंपनी मेटावर्स के निर्माण पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहती है। मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल और इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है। मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी शारीरिक तौर पर मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है।  फेसबुक इंक के अंडर आने वाले फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के नाम वही बने रहेंगे, जो हैं। जकरबर्ग का कहना है कि कंपनी का नाम बदले जाने के बाद भी हमारा मिशन वही रहेगा, जो है यानी लोगों को साथ लाना। हमारे ऐप्स औ उनके ब्रांड नहीं बदल रहे हैं।

18 साल में पहली बार घटे यूजर
जकरबर्ग को फेसबुक का नाम बदलने से बहुत ज्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है। नाम बदलने के बाद कंपनी को सबसे बड़ा नुकासान बीती 3-4 फरवरी को उठाना पड़ा। मेटा की ओर से जारी तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने तिमाही के आधार पर करीब 10 लाख ग्लोबल डेली यूजर्स को खो दिया। 2004 में शुरुआत के बाद से ऐसा पहली बार है जबकि सोशल नेटवर्किंग साइट के डेली एक्टिव यूजर्स (डीएयू) की संख्या में गिरावट आई। सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि जकरबर्ग की मेटा के स्वामित्व वाले वॉट्सएप और इंस्टाग्राम के लिए यूजर ग्रोथ भी ना के बराबर ही रही। रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक के डेली एक्टिव ग्लोबल यूजर्स की संख्या एक तिमाही पहले 1.930 अरब थी, जो 1.929 अरब रह गई है। 

मार्केट कैप 200 बिलियन से ज्यादा गिरा 
एक ओर फेसबुक के इतिहास में पहली बार डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या में गिरावट आई तो दूसरी ओर कंपनी के मुनाफे पर भी बुरा असर पड़ा।न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में 3-4 फरवरी को मेटा के शेयरों में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के चलते कंपनी का बाजार मूल्य लगभग 230 अरब डॉलर घट गया। यह किसी कंपनी के शेयरों में गिरावट के कारण आई सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट के मामले में दूसरा बड़ा नुकसान था। गौरतलब है कि इससे पहले नवंबर 2021 में टेस्ला इंक के शेयर टूटने के चलते दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क को एक दिन में 35 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। 

टॉप 10 की सूची से बाहर जकरबर्ग
कंपनी के बाजार मूल्य में भारी गिरावट के चलते फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की संपत्ति एक दिन में 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा कम हो गई। इसके साथ ही वे दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की सूची से भी बाहर हो गए। इस सूची से उनके बाहर होने के चलते भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी इसमें शामिल हो गए। इस गिरावट के बाद गौतम अडाणी ही नहीं, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी नेट वर्थ के मामले में मार्क जकरबर्ग से आगे निकल गए। 

भारत में डाटा की बढ़ती कीमतों का असर 
बड़ा नुकसान और यूजर बेस में गिरावट के बाद मेटा की ओर से जारी किए गए एक बयान में इसके लिए भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया गया। मेटा के अनुसार, उसके यूजर्स की कम होती संख्या के लिए भारत में डाटा की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं। गौरतलब है कि दिसंबर 2021 के अंत में भारतीय टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और जियो ने अपने प्री-पेड प्लान की कीमतों में 25 फीसदी तक का इजाफा किया था।

नुकसान के और भी कई कारण  
मेटा को पड़ी दोहरी मार के लिए और भी वजह कारण हैं। दरअसल, पिछले एक साल में फेसबुक को शॉर्ट वीडिए प्लेटफॉर्म टिकटॉक और सोशल नेटवर्किंग साइट टेलिग्राम से कड़ी चुनौती मिली है। इसके अलावा एपल की प्राइवेसी पॉलिसी से भी समस्या बढ़ी है। मार्क जकरबर्ग ने अपने इस घाटे के लिए एपल की नई प्राइवेसी पॉलिसी को जिम्मेदार ठहराया है। कंपनी ने आरोप लगाया कि एपल की नई प्राइवेसी पॉलिसी की वजह से उसे यूजर्स का 100 फीसदी डाटा उपलब्ध नहीं हो पाता, जिससे विज्ञापन दिखाने में परेशानी होती है और कंपनी के भारी नुकसान हो रहा है। 

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फेसबुक एक ऐसा नाम है जो बच्चे, बूढ़े और जवान सभी के लिए खास है। इसका यूजर लगभग हर उम्र का है और यही कारण है कि डेढ़ दशक से ज्यादा समय से ये सोशल नेटवर्किंग साइट यूजर्स की पहली पसंद बनी हुई थी, लेकिन अचानक से आखिर क्या हुआ कि इसके यूजर घट गए और कंपनी को अब तक का सबसे बड़ी एक दिनी नुकसान उठाना पड़ा। आइए जानते हैं कि आसमान की बुलंदियों पर पहुंची फेसबुक को आखिर इतना बड़ा घटा क्यों उठाना पड़ा जिससे इसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की सूची तक से बाहर हो गए। 

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