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Economic Survey 2022: प्रधान आर्थिक सलाहकार बोले- लॉकडाउन में सर्विस सेक्टर सर्वाधिक प्रभावित, कृषि क्षेत्र पर असर सबसे कम

Economic Survey 2022: प्रधान आर्थिक सलाहकार बोले- लॉकडाउन में सर्विस सेक्टर सर्वाधिक प्रभावित, कृषि क्षेत्र पर असर सबसे कम

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 31 Jan 2022 04:50 PM IST

सार

Economic Survey 2022: देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022 प्रस्तुत करते हुए इससे जुड़ी जानकारी को साझा किया। सान्याल ने कहा कि पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट के बाद इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
 

आर्थिक सर्वेक्षण 2022
– फोटो : एएनआई

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देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022 प्रस्तुत करते हुए इससे जुड़ी जानकारी को साझा किया। सान्याल ने कहा कि पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट के बाद इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।

आर्थिक गतिविधियां पूर्व महामारी स्तर पर
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि भले ही कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य पर खर्च ज्यादा हुआ और आर्थिक लागत में बढ़ोतरी हुई हो। इसके बावजूद भी वर्ष 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में पूर्व-महामारी के स्तर पर पुनरुद्धार हुआ है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि 2022-23 में चुनौतियों का सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से तैयार है। आर्थिक गतिविधियां पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गई हैं। 

सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
सान्याल ने कहा कि कृषि क्षेत्र लॉकडाउन में बहुत कम प्रभावित हुआ। इस क्षेत्र में 2020-21 और फिर 2021-22 में भी बढ़ोतरी देखी गई। औद्योगिक क्षेत्र में इस दौरान गिरावट देखी गई और लेकिन अभी भी यह महामारी से पहले के स्तर से लगभग 4.1 फीसदी ऊपर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। हालांकि, अब यह क्षेत्र भी महामारी से पहले के स्तर से थोड़ा नीचे ही है। 

हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन पर बुरा असर
प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के विकास का एक प्रमुख पहलू रहा है और अब वे कोविड महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर है। लेकिन आयात में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर जीडीपी कोविड से पहले के स्तर से 1.3 फीसदी ऊपर है। कुल खपत में महामारी से पहले की तुलना में कमी आई है। अब सरकारी खपत में काफी मज़बूती देखी जा रही है लेकिन निजी खपत अभी भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर का वो हिस्सा जिसमें पर्यटन, यात्रा और होटल शामिल है, अभी भी महामारी से पहले के स्तर से 8.5 फीसदी नीचे है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अभी भी बुरी तरह प्रभावित है।

विस्तार

देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022 प्रस्तुत करते हुए इससे जुड़ी जानकारी को साझा किया। सान्याल ने कहा कि पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट के बाद इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।

आर्थिक गतिविधियां पूर्व महामारी स्तर पर

प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि भले ही कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य पर खर्च ज्यादा हुआ और आर्थिक लागत में बढ़ोतरी हुई हो। इसके बावजूद भी वर्ष 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में पूर्व-महामारी के स्तर पर पुनरुद्धार हुआ है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि 2022-23 में चुनौतियों का सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से तैयार है। आर्थिक गतिविधियां पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गई हैं। 

सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित

सान्याल ने कहा कि कृषि क्षेत्र लॉकडाउन में बहुत कम प्रभावित हुआ। इस क्षेत्र में 2020-21 और फिर 2021-22 में भी बढ़ोतरी देखी गई। औद्योगिक क्षेत्र में इस दौरान गिरावट देखी गई और लेकिन अभी भी यह महामारी से पहले के स्तर से लगभग 4.1 फीसदी ऊपर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। हालांकि, अब यह क्षेत्र भी महामारी से पहले के स्तर से थोड़ा नीचे ही है। 

हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन पर बुरा असर

प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के विकास का एक प्रमुख पहलू रहा है और अब वे कोविड महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर है। लेकिन आयात में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर जीडीपी कोविड से पहले के स्तर से 1.3 फीसदी ऊपर है। कुल खपत में महामारी से पहले की तुलना में कमी आई है। अब सरकारी खपत में काफी मज़बूती देखी जा रही है लेकिन निजी खपत अभी भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर का वो हिस्सा जिसमें पर्यटन, यात्रा और होटल शामिल है, अभी भी महामारी से पहले के स्तर से 8.5 फीसदी नीचे है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अभी भी बुरी तरह प्रभावित है।

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