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Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर बड़ी खबर, बजट सत्र में भी पेश होने की संभावना बेहद कम, जानें वजह

Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर बड़ी खबर, बजट सत्र में भी पेश होने की संभावना बेहद कम, जानें वजह

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 18 Jan 2022 11:27 AM IST

सार

Cryptocurrency Bill Latest Update In Hindi: क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी के प्रति लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ी है। भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में तेज इजाफा देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10.7 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। सरकार द्वारा तैयार किया गया क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं हो सका और आगामी बजट सत्र में भी इसके पेश होने की कम ही संभावना है। 

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क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी के प्रति लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ी है। भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में तेज इजाफा देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10.7 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। इस अनियमित बाजार को प्रबंधित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा तैयार किया गया क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं हो सका और आगामी बजट सत्र में भी इसके पेश होने की कम ही संभावना है। 

क्रिप्टो बिल को और समय देने की जरूरत
वित्त मंत्रालय के जुड़े अधिकारी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो बिल शायद इस बजट सत्र में भी पेश नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद जटिल विषय है और इसे अभी और समय देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस जटिल मुद्दे पर और ज्यादा विचार-विमर्श व चर्चा की जरूरत है। इसके साथ ही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में आम सहमति बनाना भी जरूरी है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले कुछ महीने में डिजिटल मुद्रा के लॉन्च की तैयारी कर रहा, केंद्र सरकार को इसका भी इंतजार है।

इस बात पर भी सरकार की पैनी नजर 
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार इस बात पर भी पैनी नजर रख रही है कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) और बाकी जगह क्रिप्टोकरेंसी पर ग्लोबल स्टैंडर्ड कैसे डेवलप होते हैं। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क के बारे में और गहराई से समझने के लिए सरकार और आरबीआई स्विट्जरलैंड में स्थित बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) से भी जानकारी इकठ्ठा कर रहे हैं। 

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्या है इसका मकसद?
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियम को मजबूत बनाने के लिए जो विधेयक ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021। यह विधेयक 2019 में बने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2019 से अलग है। जिसे कुछ साल पहले वित्त मंत्रालय के अर्थशास्त्र मामलों के विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सेबी और आरबीआई के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने जिसकी सिफारिश की थी, लेकिन इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जा सका था। 

भारत में क्रिप्टो निवेशक सबसे ज्यादा
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बेहद ही अनियमित और जोखिम भरा है। जहां एक पल में निवेशक आसमान की बुलंदियों पर पहुंच जाता है और एक झटके में गिरकर जमीन पर भी आ जाता है। इसके बावजूद भारत समेत दुनियाभर में क्रिप्टो के प्रति लोगों की दीवानगी का आलम सिर चढ़कर बोल रहा है। इस संबंध में जारी कई रिपोर्टों के अनुसार, इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेश भारत में मौजूद हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 10.7 करोड़ हो चुकी है और 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों द्वारा निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। 

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी के प्रति लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ी है। भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में तेज इजाफा देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10.7 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। इस अनियमित बाजार को प्रबंधित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा तैयार किया गया क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं हो सका और आगामी बजट सत्र में भी इसके पेश होने की कम ही संभावना है। 

क्रिप्टो बिल को और समय देने की जरूरत

वित्त मंत्रालय के जुड़े अधिकारी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो बिल शायद इस बजट सत्र में भी पेश नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद जटिल विषय है और इसे अभी और समय देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस जटिल मुद्दे पर और ज्यादा विचार-विमर्श व चर्चा की जरूरत है। इसके साथ ही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में आम सहमति बनाना भी जरूरी है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले कुछ महीने में डिजिटल मुद्रा के लॉन्च की तैयारी कर रहा, केंद्र सरकार को इसका भी इंतजार है।

इस बात पर भी सरकार की पैनी नजर 

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार इस बात पर भी पैनी नजर रख रही है कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) और बाकी जगह क्रिप्टोकरेंसी पर ग्लोबल स्टैंडर्ड कैसे डेवलप होते हैं। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क के बारे में और गहराई से समझने के लिए सरकार और आरबीआई स्विट्जरलैंड में स्थित बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) से भी जानकारी इकठ्ठा कर रहे हैं। 

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्या है इसका मकसद?

सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियम को मजबूत बनाने के लिए जो विधेयक ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021। यह विधेयक 2019 में बने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2019 से अलग है। जिसे कुछ साल पहले वित्त मंत्रालय के अर्थशास्त्र मामलों के विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सेबी और आरबीआई के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने जिसकी सिफारिश की थी, लेकिन इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जा सका था। 

भारत में क्रिप्टो निवेशक सबसे ज्यादा

क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बेहद ही अनियमित और जोखिम भरा है। जहां एक पल में निवेशक आसमान की बुलंदियों पर पहुंच जाता है और एक झटके में गिरकर जमीन पर भी आ जाता है। इसके बावजूद भारत समेत दुनियाभर में क्रिप्टो के प्रति लोगों की दीवानगी का आलम सिर चढ़कर बोल रहा है। इस संबंध में जारी कई रिपोर्टों के अनुसार, इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेश भारत में मौजूद हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 10.7 करोड़ हो चुकी है और 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों द्वारा निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। 

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