क्रेडिट कार्ड
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लोग अपने पैसों को रखने के लिए और अपनी जरूरत के समय इस्तेमाल करने के लिए उन्हें बैंक खाते में रखते हैं। वहीं आप अपने बैंक खाते से जुड़े डेबिट कार्ड का इस्तेमाल तो करते ही होंगे। लेकिन ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल करते हैं। ये भी डेबिट कार्ड की तरह ही होता है, लेकिन इसमें बैंक अपने ग्राहकों को उनके सिबिल स्कोर और सैलरी के हिसाब से पैसों की एक लिमिट देता है। ये लिमिट कार्ड पर तय कर दी जाती है, जिसके हिसाब से ग्राहक उसे खर्च कर पाता है और फिर हर महीने इसका बिल आता है जिसे आपको भरना पड़ता है। लेकिन देखा जाता है कि कई लोग अपने कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन वो भूल जाते हैं कि इसका गलत असर उनके सिबिल स्कोर और कई अन्य चीजों पर भी पड़ता है। अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं, तो चलिए इस बारे मे जानते हैं…
प्रतीकात्मक तस्वीर
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- दरअसल, अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट एक लाख रुपये है और आप महीने के आखिर तक पूरी लिमिट खर्च कर लेते हैं, और फिर आपका बैलेंस जीरो हो जाता है। क्रेडिट कार्ड धारक को इससे कई नुकसान होने लगते हैं।
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- माना जाता है कि जो लोग अपने क्रेडिट कार्ड का बैलेंस जीरो कर देते हैं, उन्हें काफी खर्चीला माना जाता है। ऐसे में उनका खाता तक निष्क्रिय हो सकता है। साथ ही जीरो बैलेंस ये भी दर्शाता है कि कार्ड धारक किसी आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है।
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क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है असर
- क्रेडिट कार्ड का बैलेंस जीरो होने पर बैंक आपकी लिमिट घटा सकता है, साथ ही आपकी लिमिट बढ़ाने पर भी रोक लगा देता है। वहीं, इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है। कार्ड में कम से कम 30 फीसदी लिमिट मौजूद होनी चाहिए, क्योंकि इसे सही माना जाता है।
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समय पर भरते रहें बिल
- एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपको अपने क्रेडिट का बिल हमेशा समय पर भरना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक तो देरी से बिल भरने के कारण आप पर जुर्माना लगता है। साथ ही इससे आपका सिबिल स्कोर भी खराब होता है, जिससे आपको भविष्य में लोन लेने पर दिक्कतें आ सकती हैं।