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China On QUAD: चीन ने कहा-  क्वाड हम पर लगाम लगाने के लिए एक उपकरण जैसा, इसे सफलता नहीं मिलेगी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 11 Feb 2022 07:57 PM IST

सार

क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है।

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चीन ने शुक्रवार को एक बार फिर क्वाड का विरोध किया। चीन ने कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक उपकरण की तरह है। इससे टकराव और तेज हो सकता है और यह ऐसा करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है। यह कभी सफल नहीं होगा। 

क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है।

क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में मीटिंग शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन का मानना है कि क्वाड केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है। यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खींच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा। इससे पहले झाओ ने बुधवार को कहा था कि चीन विशेष गुट बनाने और टकराव को उकसाने संबंधी किसी भी कदम को खारिज करता है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य संबंधित देश समय के रुख को समझेंगे। वे उचित मानसिकता रखेंगे और शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग देंगे।

जयशंकर ने क्वाड के अधिक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया

  • वहीं, यूक्रेन को लेकर रूस और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों के बीच बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंताओं के बीच क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को मेलबर्न में बातचीत की। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने मेलबर्न में वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की।
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने  हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में चार देशों के गठबंधन ‘क्वाड’ के बड़ी भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया। विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने ट्वीट किया कि ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टिट्यूट का दौरा कर और हमारे बढ़ते संबंधों पर चर्चा के लिए लीजा सिंह के साथ बातचीत कर खुश हूं।

क्वाड देशों ने मुक्त, खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने का संकल्प लिया
इस बीच क्वाड समूह ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का लक्ष्य हासिल करने तथा आतंकवाद जैसे साझा खतरों से मिलकर निपटने के लिए जोर-शोर से काम करने का आह्वान किया। वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि क्वाड के विदेश मंत्रियों ने खुलेपन, राष्ट्रीय संप्रभुत्ता की सुरक्षा, नियमों के पालन और निष्पक्षता के सिद्धांतों के समर्थन की पुष्टि की। इसे चीन को एक संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है।

विस्तार

चीन ने शुक्रवार को एक बार फिर क्वाड का विरोध किया। चीन ने कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक उपकरण की तरह है। इससे टकराव और तेज हो सकता है और यह ऐसा करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है। यह कभी सफल नहीं होगा। 

क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है।

क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में मीटिंग शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन का मानना है कि क्वाड केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है। यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खींच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा। इससे पहले झाओ ने बुधवार को कहा था कि चीन विशेष गुट बनाने और टकराव को उकसाने संबंधी किसी भी कदम को खारिज करता है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य संबंधित देश समय के रुख को समझेंगे। वे उचित मानसिकता रखेंगे और शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग देंगे।

जयशंकर ने क्वाड के अधिक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया

  • वहीं, यूक्रेन को लेकर रूस और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों के बीच बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंताओं के बीच क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को मेलबर्न में बातचीत की। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने मेलबर्न में वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की।
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने  हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में चार देशों के गठबंधन ‘क्वाड’ के बड़ी भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया। विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने ट्वीट किया कि ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टिट्यूट का दौरा कर और हमारे बढ़ते संबंधों पर चर्चा के लिए लीजा सिंह के साथ बातचीत कर खुश हूं।


क्वाड देशों ने मुक्त, खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने का संकल्प लिया

इस बीच क्वाड समूह ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का लक्ष्य हासिल करने तथा आतंकवाद जैसे साझा खतरों से मिलकर निपटने के लिए जोर-शोर से काम करने का आह्वान किया। वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि क्वाड के विदेश मंत्रियों ने खुलेपन, राष्ट्रीय संप्रभुत्ता की सुरक्षा, नियमों के पालन और निष्पक्षता के सिद्धांतों के समर्थन की पुष्टि की। इसे चीन को एक संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है।

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