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Budget 2022 SBI Report: सरकार ने पेश किया 25 वर्षों का रोडमैप, कोरोना प्रभावित अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट

Budget 2022 SBI Report: सरकार ने पेश किया 25 वर्षों का रोडमैप, कोरोना प्रभावित अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 02 Feb 2022 05:00 PM IST

सार

SBI Chairman Dinesh Khara Said On Budget 2022:  भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने बजट 2022 पर कहा कि केंद्रीय बजट 2022 दरअसल पिछले दो बजटों की निरंतरता है। यह दो मामलों में सबसे अहम है, एक कर व्यवस्था को स्थिर रखा जाना और दूसरा निरंतरता और गति का विजन। यह 25 वर्षों का रोडमैन है। 
 

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मंगलवार को सदन में पेश हुए देश के आम बजट में की गई घोषणाओं को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। एसबीआई की ओर से कहा गया कि केंद्रीय बजट 2022 दरअसल पिछले दो बजटों की निरंतरता है। यह दो मामलों में सबसे अहम है, एक कर व्यवस्था को स्थिर रखा जाना और दूसरा निरंतरता और गति का विजन। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि यह बजट 25 साल के [email protected] का रोडमैप तैयार करता है। 

सात मोर्चों पर काम करेगी सरकार
दिनेश खारा ने कहा कि बजट आने वाले 25 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे की ओर ले जाने के लिए एक खाका पेश करता है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि बजट में कोविड-19 की चुनौतियों और महामारी से पहुंची आर्थिक क्षति को पूरा करने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाया गया है। इससे साफ है कि आने वाले समय में देश में सात समानांतर मोचों पर जोर दिया जाएगा। इनमें पीएम गतिशक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि और निवेश, रोजगार के अवसर, ऊर्जा भंडारण, जलवायु खतरे के खिलाफ कार्रवाई और निवेश का वित्तपोषण शामिल हैं।

बुनियादी ढांचे पर सरकार का फोकस
रिपोर्ट में कहा गया कि आर्थिक मोर्चे पर देखें तो 9.2 फीसदी की अनुमानित आर्थिक वृद्धि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.4 फीसदी के भीतर रहने की उम्मीद है। बजट में 2022-23 में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 35.4 फीसदी तक बढ़ाकर इस बार 7.50 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव है। खारा ने कहा कि सरकार का देश के बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण फोकस बना हुआ है। प्रधान मंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान के साथ राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का विस्तार करते हुए, बुनियादी ढांचे के खर्च का दायरे को व्यापक किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डाटा केंद्रों और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा देकर अच्छा कदम उठाया है, इससे बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान
रिपोर्ट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान किए गए 5जी की शुरुआत, राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 25,000 किमी तक विस्तार, वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट की अवधारणा, 44,605 करोड़ रुपये की केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए फैसलों की सराहना की गई। एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार के बजट में कृषि को बढ़ावा देने और उसे फायदे का सौदा बनाने के साथ-साथ कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जो कि देश की लगभग 50 फीसदी अर्थव्यवस्था को कवर करता है। एमएसएमई के संबंध में उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और ASEEM पोर्टल को आपस में जोड़ने का एलान किया गया। इसके साथ ही हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य क्षेत्रों को बूस्ट देने का इंतजाम भी बजट में किया गया है। 

डिजिटल बैंक एक सराहनीय पहल
रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, बैंकिंग और वित्त पक्ष पर घोषणाएं कम हुई हैं, लेकिन जो हुई हैं वो बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनमें देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्थापित करने का प्रस्ताव सबसे अहम है। यह भी प्रस्तावित है कि समाधान प्रक्रिया की प्रभावशीलता बढ़ाने और सीमा पार दिवाला समाधान की सुविधा के लिए आईबीसी में संशोधन किए जाएंगे। इसके अलावा एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत है जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। अब जल्द ही यानी इसी वर्ष आरबीआई द्वारा जारी किया जाने वाला डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक वास्तविकता बन जाएगा। 

‘वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन’ फायदेमंद
खारा ने कहा कि बजट में हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बजट में सिंगल विंडो पोर्टल ‘परिवेश’ का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव है। वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन की पहल के साथ आईटीआर भरने वालों को इसमें संशोधन करने के लिए दो साल का समय देना एक सराहनीय फैसला है। कुल मिलाकर, इस बजट ने आउटपुट गैप को ठीक करने के लिए एक संतुलित मांग प्रोत्साहन हासिल किया है। बजट अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। 

विस्तार

मंगलवार को सदन में पेश हुए देश के आम बजट में की गई घोषणाओं को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। एसबीआई की ओर से कहा गया कि केंद्रीय बजट 2022 दरअसल पिछले दो बजटों की निरंतरता है। यह दो मामलों में सबसे अहम है, एक कर व्यवस्था को स्थिर रखा जाना और दूसरा निरंतरता और गति का विजन। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि यह बजट 25 साल के [email protected] का रोडमैप तैयार करता है। 

सात मोर्चों पर काम करेगी सरकार

दिनेश खारा ने कहा कि बजट आने वाले 25 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे की ओर ले जाने के लिए एक खाका पेश करता है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि बजट में कोविड-19 की चुनौतियों और महामारी से पहुंची आर्थिक क्षति को पूरा करने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाया गया है। इससे साफ है कि आने वाले समय में देश में सात समानांतर मोचों पर जोर दिया जाएगा। इनमें पीएम गतिशक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि और निवेश, रोजगार के अवसर, ऊर्जा भंडारण, जलवायु खतरे के खिलाफ कार्रवाई और निवेश का वित्तपोषण शामिल हैं।

बुनियादी ढांचे पर सरकार का फोकस

रिपोर्ट में कहा गया कि आर्थिक मोर्चे पर देखें तो 9.2 फीसदी की अनुमानित आर्थिक वृद्धि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.4 फीसदी के भीतर रहने की उम्मीद है। बजट में 2022-23 में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 35.4 फीसदी तक बढ़ाकर इस बार 7.50 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव है। खारा ने कहा कि सरकार का देश के बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण फोकस बना हुआ है। प्रधान मंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान के साथ राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का विस्तार करते हुए, बुनियादी ढांचे के खर्च का दायरे को व्यापक किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डाटा केंद्रों और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा देकर अच्छा कदम उठाया है, इससे बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान

रिपोर्ट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान किए गए 5जी की शुरुआत, राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 25,000 किमी तक विस्तार, वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट की अवधारणा, 44,605 करोड़ रुपये की केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए फैसलों की सराहना की गई। एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार के बजट में कृषि को बढ़ावा देने और उसे फायदे का सौदा बनाने के साथ-साथ कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जो कि देश की लगभग 50 फीसदी अर्थव्यवस्था को कवर करता है। एमएसएमई के संबंध में उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और ASEEM पोर्टल को आपस में जोड़ने का एलान किया गया। इसके साथ ही हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य क्षेत्रों को बूस्ट देने का इंतजाम भी बजट में किया गया है। 

डिजिटल बैंक एक सराहनीय पहल

रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, बैंकिंग और वित्त पक्ष पर घोषणाएं कम हुई हैं, लेकिन जो हुई हैं वो बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनमें देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्थापित करने का प्रस्ताव सबसे अहम है। यह भी प्रस्तावित है कि समाधान प्रक्रिया की प्रभावशीलता बढ़ाने और सीमा पार दिवाला समाधान की सुविधा के लिए आईबीसी में संशोधन किए जाएंगे। इसके अलावा एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत है जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। अब जल्द ही यानी इसी वर्ष आरबीआई द्वारा जारी किया जाने वाला डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक वास्तविकता बन जाएगा। 

‘वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन’ फायदेमंद

खारा ने कहा कि बजट में हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बजट में सिंगल विंडो पोर्टल ‘परिवेश’ का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव है। वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन की पहल के साथ आईटीआर भरने वालों को इसमें संशोधन करने के लिए दो साल का समय देना एक सराहनीय फैसला है। कुल मिलाकर, इस बजट ने आउटपुट गैप को ठीक करने के लिए एक संतुलित मांग प्रोत्साहन हासिल किया है। बजट अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। 

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