सीआईडी’ फिल्म का गीत ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां, जरा हटके जरा बचके ये है बॉम्बे मेरी जां’ गाना तो आपको याद ही होगा। ये गाना कॉमेडी किंग जॉनी वॉकर पर फिल्माया गया था। एक वक्त ऐसा आया जब उन्हें देखते ही लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते थे। वह अधिकतर फिल्मों में शराबी का किरदार निभाया करते थे। लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि जॉनी वॉकर ने खुद कभी शराब को हाथ नहीं लगाया। उन्होंने अपने अलग अंदाज से लगभग 4 दशक तक दर्शकों का मनोरंजन किया। वहीं जॉनी वॉकर के लिए फिल्मों का रास्ता आसान नहीं था। आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानिए कैसे बस कंडक्टर से बॉलीवुड के कॉमेडी किंग बने जॉनी वॉकर।
जॉनी वॉकर
– फोटो : सोशल मीडिया
शराब के नाम पर रखा नाम
11 नवंबर 1926 को इंदौर में जन्मे वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। जब वह एक्टिंग की दुनिया में आए तो एक्टर गुरुदत्त ने उनका नाम बदल दिया। गुरुदत्त ने उनका नाम एक प्रसिद्ध शराब के ब्रॉन्ड के नाम पर रखा। लेकिन खास बात ये है कि फिल्मों में बेशक जॉनी वॉकर शराबी का किरदार निभाते थे, लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने कभी शराब को हाथ नहीं लगाया।
बस कंडक्टर का किया काम
जॉनी वॉकर जब मुंबई आए तो शुरुआत में उन्होंने अपना पेट पालने के लिए बस कंडक्टर का काम किया। इसके लिए उन्हें महीने के 26 रुपये सैलरी मिलती थी। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने एक्टिंग करना नहीं छोड़ा। वह बस में सफर के दौरान अपनी एक्टिंग और कॉमेडी से लोगों का मनोरंजन किया करते थे।
गुरुदत्त ने बनाया स्टार
एक बार जब जॉनी वॉकर कॉमेडी कर रहे थे, तो गुरुदत्त उनसे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने वॉकर को फिल्मों में काम करने का मौका दिया। फिल्म ‘बाजी’ में वह पहली बार नजर आए। जिसके बाद जॉनी वाकर ने गुरुदत्त की कई सुपर हिट फिल्मों ‘आर-पार’, ‘प्यासा’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘कागज के फूल’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ में काम किया।
Johnny Walker
– फोटो : twitter
जॉनी वॉकर के नाम कई अवॉर्ड्स
जॉनी वॉकर को उनकी शानदार अदाकारी के लिए पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड 1959 में ‘मधुमती’ में सहायक अभिनेता के लिए मिला। इसके बाद फिल्म ‘शिकार’ के लिए उन्हें बेस्ट कॉमिक एक्टर के फिल्मफेयर मिला था। ताउम्र दर्शकों को हंसाने वाले जॉनी वॉकर ने 29 जुलाई, 2003 को दुनिया से अलविदा करह दिया था। लेकिन आज भी फिल्मों के माध्यम से वह लोगों के चहरे पर हंसी दे जाते हैं।