स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 07 Feb 2022 10:37 PM IST
सार
मैक्स ने कहा कैंसर की खबर उनके लिए दुस्वप्न थी। वह अपनी पीड़ा को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। शरीर में ताकत, ऊर्जा नहीं बची लेकिन फिर भी पोडियम का सफर अद्भुत है।
मैक्स पैरट
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
कनाडा के मैक्स पैरट ने यहां शीतकालीन ओलंपिक में स्नोबोर्ड स्लोपस्टाइल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मैक्स ने इसे अपनी जिंदगी की सबसे श्रेष्ठ रेस बताया। तीन साल पहले उन्हें अपने कैंसर से पीड़ित होने का पता चला था।
उन्होंने दूसरी रेस के दौरान 90.96 के प्रदर्शन से स्वर्ण जीता, हालांकि उनके विजेता बनने को लेकर विवाद भी हुआ कि उन्होंने रेस के दौरान एक महत्वपूर्ण चीज पूरी नहीं की लेकिन उनका कहना है कि यह जज को देखना चाहिए था।
मैक्स पैरट के अलावा चीन के सु यिमिंग को रजत और कनाडा के ही मार्क मक्मोरिस को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। फाइनल राउंड में मैक्स और 17 साल के यिमिंग के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली, लेकिन यहां मैक्स ने बाजी मारते हुए स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया।
कैंसर जैसे गंभीर बीमारी को मात देकर लौटे पैरट ने पहले राउंड में 79.86 का स्कोर बनाया और तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन दूसरे राउंड में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 90.96 अंक हासिल करते हुए पहले स्थान पर आ गए। वहीं, यिमिंग ने 88.70 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर किया।
मैक्स को 2018 की दूसरी छमाही में कैंसर का पता लगा था लेकिन जुलाई 2019 में 12 दौर की कीमोथेरेपी के बाद वह रोगमुक्त हो गए थे। प्योंगचोंग में हुए पिछले खेलों में उन्होंने रजत जीता था।
मैक्स ने कहा कैंसर की खबर उनके लिए दुस्वप्न थी। वह अपनी पीड़ा को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। शरीर में ताकत, ऊर्जा नहीं बची लेकिन फिर भी पोडियम का सफर अद्भुत है।
