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Amol Palekar: अभिनेता अमोल पालेकर की तबीयत में तेजी से सुधार, पुणे के अस्पताल में चल रहा इलाज

अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: अपूर्वा राय
Updated Thu, 10 Feb 2022 12:17 PM IST

सार

अभिनेता अमोल पालेकर की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। फेफड़ों में दिक्कत के चलते उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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हिंदी सिनेमा में लगातार तीन सिल्वर जुबली फिल्मों से डेब्यू करने वाले इकलौते अभिनेता अमोल पालेकर की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। फेफड़ों में दिक्कत के चलते उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह पिछले कई साल से फेफड़ों की परेशानी से पीड़ित रहे हैं। उनकी पत्नी संध्या गोखले के मुताबिक, “अमोल पालेकर ठीक हो रहे हैं और पहले से उनका स्वास्थ्य काफी बेहतर है।”

24 नवंबर 1944 को जन्मे अमोल पालेकर को ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक कॉमेडी फिल्म ‘गोल माल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। लेकिन, उनके करियर का सबसे बड़ा पुरस्कार रही हैं उनकी पहली तीन हिंदी फिल्में ‘रजनीगंधा’, ‘छोटी सी बात’ और ‘चितचोर’। ये तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रहीं और तीनों फिल्मों ने सिनेमाघरों में 25 हफ्ते चलकर सिल्वर जुबली मनाई। गौरतलब है कि ये तीनों फिल्मों 1974 से 1976 के बीच रिलीज हुईं जिस दौर को हिंदी सिनेमा में एंग्री यंग मैन का दौर कहा जाता है। उस दौर में भी सरल, सहज और पारिवारिक फिल्मों के जरिये अमोल पालेकर ने जो शोहरत हासिल की, उसी के चलते उन्हें ‘सिनेमा का आम आदमी’ कहा जाता है।   

हिंदी सिनेमा की चर्चित फिल्मों में किया है काम
‘बाजीरावचा बेटा’ (1969) और ‘शांतता! कोर्ट चालू आहे’ (1971) जैसी मराठी फिल्मों से अपना करियर शुरू करने वाले अमोल पालेकर ने हिंदी सिनेमा की तमाम चर्चित फिल्मों में काम किया है। अपने फिल्म निर्देशन करियर की शुरुआत भी उन्होंने 1981 में रिलीज मराठी मराठी फिल्म ‘आक्रियेत’ से की। बाद में साल 2005 में अमोल पालेकर ने शाहरुख खान और रानी मुखर्जी को लेकर फिल्म ‘पहेली’ बनाई जिसे भारत की तरफ से आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में ऑस्कर तक भेजा गया। उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म साल 2011 में रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘धूसर’ रही।

विस्तार

हिंदी सिनेमा में लगातार तीन सिल्वर जुबली फिल्मों से डेब्यू करने वाले इकलौते अभिनेता अमोल पालेकर की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। फेफड़ों में दिक्कत के चलते उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह पिछले कई साल से फेफड़ों की परेशानी से पीड़ित रहे हैं। उनकी पत्नी संध्या गोखले के मुताबिक, “अमोल पालेकर ठीक हो रहे हैं और पहले से उनका स्वास्थ्य काफी बेहतर है।”

24 नवंबर 1944 को जन्मे अमोल पालेकर को ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक कॉमेडी फिल्म ‘गोल माल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। लेकिन, उनके करियर का सबसे बड़ा पुरस्कार रही हैं उनकी पहली तीन हिंदी फिल्में ‘रजनीगंधा’, ‘छोटी सी बात’ और ‘चितचोर’। ये तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रहीं और तीनों फिल्मों ने सिनेमाघरों में 25 हफ्ते चलकर सिल्वर जुबली मनाई। गौरतलब है कि ये तीनों फिल्मों 1974 से 1976 के बीच रिलीज हुईं जिस दौर को हिंदी सिनेमा में एंग्री यंग मैन का दौर कहा जाता है। उस दौर में भी सरल, सहज और पारिवारिक फिल्मों के जरिये अमोल पालेकर ने जो शोहरत हासिल की, उसी के चलते उन्हें ‘सिनेमा का आम आदमी’ कहा जाता है।   

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