वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 09 Feb 2022 07:34 AM IST
सार
हालांकि ओमिक्रॉन ने भारत में डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन पूरी दुनिया के मामलों को देखें तो इसके पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। WHO के मैनेजर अब्दी महमूद ने इससे हुई मौतों को लेकर अफसोस जताया है।
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ भी मनुष्य का बड़ा दुश्मन निकला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार नवंबर में ओमिक्रॉन को चिंताजनक वैरिएंट घोषित किया गया था। इसके बाद से पूरी दुनिया में इससे पांच लाख मौतें हो चुकी हैं। यह अब तक 13 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है।
ओमिक्रॉन के बारे में शुरू से ही कहा गया था कि यह बेहद संक्रामक है। यह अब भी दुनियाभर में सक्रिय है। हालांकि इसने भारत में डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन पूरी दुनिया के मामलों को देखें तो इसके पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ के इंसीडेंट मैनेजर अब्दी महमूद ने इससे हुई मौतों को लेकर अफसोस जताया है।
ओमिक्रॉन को लेकर भारत व दुनियाभर में पाया गया है कि इससे उन लोगों की मौत ज्यादा हुई है, जिन्होंने कोरोना रोधी वैक्सीन नहीं लगवाए थे। इससे संक्रमित उन्हीं लोगों को अस्पताल में भर्ती करने भी जरूरत पड़ी, जिन्होंने टीकों की खुराक नहीं ली थी।
डब्ल्यूएचओ के मैनेजर महमूद ने सोशल मीडिया चैनलों से चर्चा में कहा कि ओमिक्रॉन अब डेल्टा के मुकाबले का वैरिएंट बन चुका है, हालांकि इससे संक्रमित लोगों को कम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन वैक्सीन ईजाद होने के बाद भी पांच लाख लोगों की मौत होना अफसोजनक है। सभी लोग कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन हल्का है, लेकिन वे भूल रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे ‘चिंताजनक वैरिएंट’ घोषित किए जाने के बाद से अब तक यह पांच लाख लोगों की जान ले चुका है।
विस्तार
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ भी मनुष्य का बड़ा दुश्मन निकला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार नवंबर में ओमिक्रॉन को चिंताजनक वैरिएंट घोषित किया गया था। इसके बाद से पूरी दुनिया में इससे पांच लाख मौतें हो चुकी हैं। यह अब तक 13 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है।
ओमिक्रॉन के बारे में शुरू से ही कहा गया था कि यह बेहद संक्रामक है। यह अब भी दुनियाभर में सक्रिय है। हालांकि इसने भारत में डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन पूरी दुनिया के मामलों को देखें तो इसके पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ के इंसीडेंट मैनेजर अब्दी महमूद ने इससे हुई मौतों को लेकर अफसोस जताया है।
ओमिक्रॉन को लेकर भारत व दुनियाभर में पाया गया है कि इससे उन लोगों की मौत ज्यादा हुई है, जिन्होंने कोरोना रोधी वैक्सीन नहीं लगवाए थे। इससे संक्रमित उन्हीं लोगों को अस्पताल में भर्ती करने भी जरूरत पड़ी, जिन्होंने टीकों की खुराक नहीं ली थी।
डब्ल्यूएचओ के मैनेजर महमूद ने सोशल मीडिया चैनलों से चर्चा में कहा कि ओमिक्रॉन अब डेल्टा के मुकाबले का वैरिएंट बन चुका है, हालांकि इससे संक्रमित लोगों को कम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन वैक्सीन ईजाद होने के बाद भी पांच लाख लोगों की मौत होना अफसोजनक है। सभी लोग कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन हल्का है, लेकिन वे भूल रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे ‘चिंताजनक वैरिएंट’ घोषित किए जाने के बाद से अब तक यह पांच लाख लोगों की जान ले चुका है।
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