वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Mon, 04 Apr 2022 07:20 PM IST
सार
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक वहां चुनाव तटस्थ सरकार की देखरेख में कराए जाते हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद बताया गया कि इमरान खान 15 दिन में प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री को मिलने वाली तमाम सुविधाएं छोड़ देंगे। उसके बाद तटस्थ सरकार का गठन किया जाएगा। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (4) के मुताबिक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक निवर्तमान प्रधानमंत्री अपने पद पर बने रहेंगे…
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने जिस तरह संसदीय नियमों की अनदेखी की, उससे सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को मीडिया में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। अखबार डॉन ने एक विशेष संपादकीय का शीर्षक दिया है- लोकतंत्र को विकृत कर दिया गया है। इसमें अखबार ने कहा है- ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया को उस नेता के आदेश पर तार-तार कर दिया गया है, जिसके नजरिए में इन प्रक्रियाओं के प्रति गंभीर अपमान का भाव है।’ लेकिन कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय है कि रविवार को इमरान खान सरकार और उनके समर्थकों की तरफ से जो असाधारण कदम उठाए गए, उससे इमरान खान को भविष्य की राजनीति के लिए एक नैरेटिव मिल गया है।
पीटीआई और उसके सहयोगी दलों के नेता अब खुल कर रहे हैं कि इमरान खान ने पाकिस्तान को ‘अमेरिका से आजाद’ कराने का अभियान छेड़ दिया है। वे पाकिस्तान के आत्म-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका मतलब यह समझा गया है कि अगले चुनाव में यही पीटीआई का प्रमुख मुद्दा होगा। इसके अलावा संकेत हैं कि पार्टी भारत विरोधी प्रचार को भी हवा देगी। रविवार को गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इमरान खान ने ‘जिस तरह बाजी पलटी है, उससे भारत में मातम छा गया है।’
पद से मुक्त करने की अधिसूचना जारी
जिस तरह अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में ठुकराने के बाद नेशनल असेंबली भंग की गई, उस पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर सुनवाई कर दी है। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए इमरान खान सरकार अगले चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। रविवार रात को कैबिनेट डिवीजन ने इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से मुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी।
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक वहां चुनाव तटस्थ सरकार की देखरेख में कराए जाते हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद बताया गया कि इमरान खान 15 दिन में प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री को मिलने वाली तमाम सुविधाएं छोड़ देंगे। उसके बाद तटस्थ सरकार का गठन किया जाएगा। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (4) के मुताबिक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक निवर्तमान प्रधानमंत्री अपने पद पर बने रहेंगे। लेकिन उनके मंत्री और सलाहकार अब अपने पद पर नहीं हैं।
अमेरिकी अधिकारी डॉनल्ड लू का लिया नाम
इस बीच अमेरिका विरोधी अपने नैरेटिव को आगे बढ़ाते हुए इमरान खान ने आरोप लगाया है कि दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी अमेरिकी अधिकारी डॉनल्ड लू पीटीआई सरकार को गिराने की ‘विदेशी साजिश’ में शामिल रहे हैं। लेकिन लू ने एक भारतीय अखबार को दिए इंटरव्यू में इस आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कहा- हम पाकिस्तान की घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। हम पाकिस्तान की संवैधानिक प्रक्रिया और कानून के शासन का सम्मान करते हैं। इनके प्रति हमारा पूरा समर्थन है।
इमरान खान का दावा है कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी के सामने ‘विदेशी साजिश’ से संबंधित दस्तावेज रखे थे। वहां मौजूद तमाम अधिकारी और विशेषज्ञ इस बात से सहमत हुए कि साजिश की बात गंभीर है। इमरान खान ने रविवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि जब ये दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में रखे जाएंगे, तब अदालत भी इसी नतीजे पर पहुंचेगी।
विस्तार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने जिस तरह संसदीय नियमों की अनदेखी की, उससे सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को मीडिया में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। अखबार डॉन ने एक विशेष संपादकीय का शीर्षक दिया है- लोकतंत्र को विकृत कर दिया गया है। इसमें अखबार ने कहा है- ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया को उस नेता के आदेश पर तार-तार कर दिया गया है, जिसके नजरिए में इन प्रक्रियाओं के प्रति गंभीर अपमान का भाव है।’ लेकिन कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय है कि रविवार को इमरान खान सरकार और उनके समर्थकों की तरफ से जो असाधारण कदम उठाए गए, उससे इमरान खान को भविष्य की राजनीति के लिए एक नैरेटिव मिल गया है।
पीटीआई और उसके सहयोगी दलों के नेता अब खुल कर रहे हैं कि इमरान खान ने पाकिस्तान को ‘अमेरिका से आजाद’ कराने का अभियान छेड़ दिया है। वे पाकिस्तान के आत्म-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका मतलब यह समझा गया है कि अगले चुनाव में यही पीटीआई का प्रमुख मुद्दा होगा। इसके अलावा संकेत हैं कि पार्टी भारत विरोधी प्रचार को भी हवा देगी। रविवार को गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इमरान खान ने ‘जिस तरह बाजी पलटी है, उससे भारत में मातम छा गया है।’
पद से मुक्त करने की अधिसूचना जारी
जिस तरह अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में ठुकराने के बाद नेशनल असेंबली भंग की गई, उस पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर सुनवाई कर दी है। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए इमरान खान सरकार अगले चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। रविवार रात को कैबिनेट डिवीजन ने इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से मुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी।
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक वहां चुनाव तटस्थ सरकार की देखरेख में कराए जाते हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद बताया गया कि इमरान खान 15 दिन में प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री को मिलने वाली तमाम सुविधाएं छोड़ देंगे। उसके बाद तटस्थ सरकार का गठन किया जाएगा। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (4) के मुताबिक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक निवर्तमान प्रधानमंत्री अपने पद पर बने रहेंगे। लेकिन उनके मंत्री और सलाहकार अब अपने पद पर नहीं हैं।
अमेरिकी अधिकारी डॉनल्ड लू का लिया नाम
इस बीच अमेरिका विरोधी अपने नैरेटिव को आगे बढ़ाते हुए इमरान खान ने आरोप लगाया है कि दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी अमेरिकी अधिकारी डॉनल्ड लू पीटीआई सरकार को गिराने की ‘विदेशी साजिश’ में शामिल रहे हैं। लेकिन लू ने एक भारतीय अखबार को दिए इंटरव्यू में इस आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कहा- हम पाकिस्तान की घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। हम पाकिस्तान की संवैधानिक प्रक्रिया और कानून के शासन का सम्मान करते हैं। इनके प्रति हमारा पूरा समर्थन है।
इमरान खान का दावा है कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी के सामने ‘विदेशी साजिश’ से संबंधित दस्तावेज रखे थे। वहां मौजूद तमाम अधिकारी और विशेषज्ञ इस बात से सहमत हुए कि साजिश की बात गंभीर है। इमरान खान ने रविवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि जब ये दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में रखे जाएंगे, तब अदालत भी इसी नतीजे पर पहुंचेगी।
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