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हिजाब विवाद: कर्नाटक में सद्भाव, सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाले वस्त्रों पर रोक

एजेंसी, बेंगलुरु।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 06 Feb 2022 12:28 AM IST

सार

आदेश में स्पष्ट किया गया कि विद्यार्थियों को कालेज विकास समिति या प्री यूनिवर्सिटी कालेजों के प्रशासनिक बोर्ड की अपीलीय समिति द्वारा तय यूनिफार्म को ही पहनना होगा।

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हिजाब पर बढ़ते विवाद को शांत करने के लिए कर्नाटक सरकार ने शनिवार को प्रदेश में सद्भाव व सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने वाले वस्त्रों पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने आदेश जारी कर कर्नाटक शिक्षा अधिनियम -1983 की धारा 133 (2) को लागू कर दिया। जिसमें शिक्षण संस्थानों में पहने जाने वाले कपड़ों के लिए एक समान शैली वाले वस्त्रों को अनिवार्य किया गया। इसमें निजी स्कूल प्रशासन को अपनी पसंद की यूनिफार्म चुनने की छूट दी गई। 

आदेश में स्पष्ट किया गया कि विद्यार्थियों को कालेज विकास समिति या प्री यूनिवर्सिटी कालेजों के प्रशासनिक बोर्ड की अपीलीय समिति द्वारा तय यूनिफार्म को ही पहनना होगा।

अगर कालेज की प्रशासनिक समिति ने कोई यूनिफार्म नहीं तय की हो तो ऐसी स्थिति में वह कपड़े पहनकर कालेज या स्कूल नहीं जाया जाए जिससे समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा हो।

विस्तार

हिजाब पर बढ़ते विवाद को शांत करने के लिए कर्नाटक सरकार ने शनिवार को प्रदेश में सद्भाव व सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने वाले वस्त्रों पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने आदेश जारी कर कर्नाटक शिक्षा अधिनियम -1983 की धारा 133 (2) को लागू कर दिया। जिसमें शिक्षण संस्थानों में पहने जाने वाले कपड़ों के लिए एक समान शैली वाले वस्त्रों को अनिवार्य किया गया। इसमें निजी स्कूल प्रशासन को अपनी पसंद की यूनिफार्म चुनने की छूट दी गई। 

आदेश में स्पष्ट किया गया कि विद्यार्थियों को कालेज विकास समिति या प्री यूनिवर्सिटी कालेजों के प्रशासनिक बोर्ड की अपीलीय समिति द्वारा तय यूनिफार्म को ही पहनना होगा।

अगर कालेज की प्रशासनिक समिति ने कोई यूनिफार्म नहीं तय की हो तो ऐसी स्थिति में वह कपड़े पहनकर कालेज या स्कूल नहीं जाया जाए जिससे समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा हो।

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