न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 17 Mar 2022 11:53 AM IST
सार
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में BBMP सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में BBMP सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। यहां रोजाना प्रति 19 किलोमीटर पर 20 जानलेवा दुर्घटनाएं होती हैं। जबकि रिपोर्ट में राज्य के राजमार्गों पर 8.87, प्रमुख जिला सड़कों पर 8.43 और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 7.39 पर प्रति किमी खतरों की ओर इशारा किया गया है। इसमें कहा गया है कि सड़कों के संयुक्त निरीक्षण से पता चला है कि बीबीएमपी सड़कें राज्य की किसी भी अन्य प्रमुख सड़कों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। वहीं सड़क प्रबंधन एजेंसियां भी ब्लैक स्पॉट की समय पर पहचान और सुधार करने में विफल रही हैं, जहां बार-बार और घातक दुर्घटनाएं होती हैं।
लॉकडाउन के कारण 2020 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में लॉकडाउन के कारण 2020 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण के कामकाज पर सीएजी की रिपोर्ट को बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटनाओं की संख्या 2015 में 44,011 से घटकर 2020 में 34,178 हो गई।
क्या था सरकार का लक्ष्य
बता दें कि सरकार ने 2015 में कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा नीति और कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2017 को विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयास के माध्यम से 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को क्रमशः 25% और 30% तक कम करने के उद्देश्य से लाया गया था।
रिपोर्ट में भारी लापरवाही की बात आई सामने
रिपोर्ट में कहा गया है कि वाहनों को ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस प्रमाण पत्र बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए जारी किए गए क्योंकि मोटर वाहनों के निरीक्षक के कैडर में भारी रिक्तियां मौजूद थीं। स्वास्थ्य विभाग ने 22 जिलों में ट्रॉमा केयर सेंटर (टीसीसी) की स्थापना के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना पीड़ितों को 90,000 मामलों में समय पर चिकित्सा देखभाल नहीं मिली।
विस्तार
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में BBMP सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। यहां रोजाना प्रति 19 किलोमीटर पर 20 जानलेवा दुर्घटनाएं होती हैं। जबकि रिपोर्ट में राज्य के राजमार्गों पर 8.87, प्रमुख जिला सड़कों पर 8.43 और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 7.39 पर प्रति किमी खतरों की ओर इशारा किया गया है। इसमें कहा गया है कि सड़कों के संयुक्त निरीक्षण से पता चला है कि बीबीएमपी सड़कें राज्य की किसी भी अन्य प्रमुख सड़कों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। वहीं सड़क प्रबंधन एजेंसियां भी ब्लैक स्पॉट की समय पर पहचान और सुधार करने में विफल रही हैं, जहां बार-बार और घातक दुर्घटनाएं होती हैं।
लॉकडाउन के कारण 2020 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में लॉकडाउन के कारण 2020 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण के कामकाज पर सीएजी की रिपोर्ट को बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटनाओं की संख्या 2015 में 44,011 से घटकर 2020 में 34,178 हो गई।
क्या था सरकार का लक्ष्य
बता दें कि सरकार ने 2015 में कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा नीति और कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2017 को विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयास के माध्यम से 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को क्रमशः 25% और 30% तक कम करने के उद्देश्य से लाया गया था।
रिपोर्ट में भारी लापरवाही की बात आई सामने
रिपोर्ट में कहा गया है कि वाहनों को ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस प्रमाण पत्र बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए जारी किए गए क्योंकि मोटर वाहनों के निरीक्षक के कैडर में भारी रिक्तियां मौजूद थीं। स्वास्थ्य विभाग ने 22 जिलों में ट्रॉमा केयर सेंटर (टीसीसी) की स्थापना के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना पीड़ितों को 90,000 मामलों में समय पर चिकित्सा देखभाल नहीं मिली।
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