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सियासत: विपक्ष का चेहरा बनने की तैयारी में टीएमसी, कांग्रेस की बैठक से बनाई दूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 28 Nov 2021 11:56 AM IST

सार

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बनर्जी ने बताया कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगी। 

सोनिया गांधी और ममता बनर्जी
– फोटो : एएनआई

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ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी अब विपक्ष का मुख्य चेहरा बनने की तैयारी में है। यही कारण है कि टीएमसी ने एक-एक करके अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को अपने पाले में करके टीएमसी ने इसका सबूत दे दिया था, अब खबर है कि कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी टीएमसी शामिल नहीं हो रही है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बनर्जी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगी। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले हमनें सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, जिससे सभी अपने विचार रख सकें। लेकिन वह टीएमसी पर है कि वह इसमें शामिल होते हैं कि नहीं। 

संसद सत्र में भी टीएमसी के साथ समन्वय नहीं
इससे पहले टीएमसी के एक नेता ने कहा था कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में भी टीएमसी कांग्रेस के साथ समन्वय नहीं करेगी। संसद सत्र में कांग्रेस के साथ पार्टी सहयोग नहीं करेगी। हालांकि, आमजन के हित से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर पार्टी अन्य विपक्षी दलों का साथ जरूर देगी। 

लगातार कांग्रेस को दे रही झटका 
तृणमूल कांग्रेस लगातार कांग्रेस पर हमलावर है और एक के बाद एक झटके पार्टी को दे रही है। अभी हाल ही में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने हाथ का साथ छोड़कर टीएमसी की सदस्यता ली तो मेघालय में भी पार्टी ने कांग्रेस के घर में सेंध लगा दी थी। यहां मेघालय विधानसभा में 17 विधायकों वाली कांग्रेस के 12 विधायक एक साथ टीएमसी में शामिल हो गए। यह सोनिया गांधी के लिए बड़ा झटका था। इसके अलावा गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव से पहले टीएमसी में चले गए हैं। 

2024 में विकल्प बनने के लिए जमीन बना रही टीएमसी
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। यही कारण है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल से बाहर निकलकर अन्य राज्यों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है और अन्य पार्टियों के बड़े नेताओं को अपने पक्ष में कर रही है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में तो भाजपा को भी पार्टी ने कई झटके दिए हैं। तो वहीं भाजपा से नाराज चल रहे कुछ वरिष्ठ नेता भी टीएमसी के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पार्टी 2024 चुनाव में विपक्ष का मुख्य चेहरा बन भाजपा से दो-दो हाथ करने के मूड में है। 

विस्तार

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी अब विपक्ष का मुख्य चेहरा बनने की तैयारी में है। यही कारण है कि टीएमसी ने एक-एक करके अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को अपने पाले में करके टीएमसी ने इसका सबूत दे दिया था, अब खबर है कि कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी टीएमसी शामिल नहीं हो रही है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बनर्जी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगी। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले हमनें सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, जिससे सभी अपने विचार रख सकें। लेकिन वह टीएमसी पर है कि वह इसमें शामिल होते हैं कि नहीं। 

संसद सत्र में भी टीएमसी के साथ समन्वय नहीं

इससे पहले टीएमसी के एक नेता ने कहा था कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में भी टीएमसी कांग्रेस के साथ समन्वय नहीं करेगी। संसद सत्र में कांग्रेस के साथ पार्टी सहयोग नहीं करेगी। हालांकि, आमजन के हित से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर पार्टी अन्य विपक्षी दलों का साथ जरूर देगी। 

लगातार कांग्रेस को दे रही झटका 

तृणमूल कांग्रेस लगातार कांग्रेस पर हमलावर है और एक के बाद एक झटके पार्टी को दे रही है। अभी हाल ही में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने हाथ का साथ छोड़कर टीएमसी की सदस्यता ली तो मेघालय में भी पार्टी ने कांग्रेस के घर में सेंध लगा दी थी। यहां मेघालय विधानसभा में 17 विधायकों वाली कांग्रेस के 12 विधायक एक साथ टीएमसी में शामिल हो गए। यह सोनिया गांधी के लिए बड़ा झटका था। इसके अलावा गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव से पहले टीएमसी में चले गए हैं। 

2024 में विकल्प बनने के लिए जमीन बना रही टीएमसी

राजनैतिक जानकारों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। यही कारण है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल से बाहर निकलकर अन्य राज्यों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है और अन्य पार्टियों के बड़े नेताओं को अपने पक्ष में कर रही है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में तो भाजपा को भी पार्टी ने कई झटके दिए हैं। तो वहीं भाजपा से नाराज चल रहे कुछ वरिष्ठ नेता भी टीएमसी के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पार्टी 2024 चुनाव में विपक्ष का मुख्य चेहरा बन भाजपा से दो-दो हाथ करने के मूड में है। 

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