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सिंगापुर दौरा: क्रांजी युद्ध स्मारक पर पहुंचे जनरल नरवणे, द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सिंगापुर
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 04 Apr 2022 09:42 PM IST

सार

जनरल एमएम नरवणे ने सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक का दौरा किया। यहां उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि दी।

सिंगापुर में जनरल नरवणे ने बैटल बॉक्स बंकर का दौरा किया।
– फोटो : ADG PI, भारतीय सेना

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भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सिंगापुर के दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक का दौरा किया। यहां उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि दी। क्रांजी युद्ध स्मारक को भारत, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, श्रीलंका, मलाया, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के उन पुरुषों और महिलाओं को समर्पित है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमलावर जापानी सेनाओं के खिलाफ सिंगापुर और मलाया की रक्षा करते हुए मारे गए थे। 

भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई) ने ट्वीट कर बताया यात्रा के पहले दिन जनरल एमएम नरवणे ने क्रांजी युद्ध स्मारक पर जाकर माल्यार्पण किया और सिंगापुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

जनरल नरवणे ने इसके बाद फोर्ट कैनिंग में बैटल बॉक्स बंकर का दौरा किया। बैटल बॉक्स बंकर द्वितीय विश्व युद्ध में सेना का गुप्त कमांड सेंटर था, जिसे 1936 के अंत में ब्रिटिश सेना द्वारा 9 मीटर जमीन के अंदर बनाया गया था। उन्हें बंकर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया गया। उन्हें बताया गया कि इसका इस्तेमाल जापानी सेनाओं द्वारा सिंगापुर पर आक्रमण के दौरान एक आपातकालीन बम-प्रूफ कमांड सेंटर के रूप में किया गया था। मलाया 1963 में नॉर्थ बोर्नियो, सरवाक और सिंगापुर के साथ मिलकर मलेशिया बना। और 1965 में सिंगापुर को महासंघ से अलग कर दिया गया था।

भूमिगत कमांड सेंटर सिंगापुर शहर के बीच में पहाड़ी पर स्थित है।ये भूमिगत कमांड सेंटर औपनिवेशिक सेना, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में मलाया और सिंगापुर की रक्षा की थी , के मलाया कमांड के मुख्यालय का हिस्सा था। 13 फरवरी, 2016 को भूमिगत कमांड सेंटर को एक संग्रहालय के रूप में फिर से खोला गया।

जनरल नरवणे द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए सिंगापुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह 4 अप्रैल से 6 अप्रैल तक अपनी यात्रा के दौरान सिंगापुर के वरिष्ठ सैन्य और नागरिक नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। वह सिंगापुर में कई सैन्य प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे। भारतीय सेना प्रमुख का रक्षा मंत्री, सिंगापुर सेना के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से मिलने का कार्यक्रम है, जहां वह भारत-सिंगापुर रक्षा संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

विस्तार

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सिंगापुर के दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक का दौरा किया। यहां उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि दी। क्रांजी युद्ध स्मारक को भारत, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, श्रीलंका, मलाया, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के उन पुरुषों और महिलाओं को समर्पित है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमलावर जापानी सेनाओं के खिलाफ सिंगापुर और मलाया की रक्षा करते हुए मारे गए थे। 

भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई) ने ट्वीट कर बताया यात्रा के पहले दिन जनरल एमएम नरवणे ने क्रांजी युद्ध स्मारक पर जाकर माल्यार्पण किया और सिंगापुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

जनरल नरवणे ने इसके बाद फोर्ट कैनिंग में बैटल बॉक्स बंकर का दौरा किया। बैटल बॉक्स बंकर द्वितीय विश्व युद्ध में सेना का गुप्त कमांड सेंटर था, जिसे 1936 के अंत में ब्रिटिश सेना द्वारा 9 मीटर जमीन के अंदर बनाया गया था। उन्हें बंकर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया गया। उन्हें बताया गया कि इसका इस्तेमाल जापानी सेनाओं द्वारा सिंगापुर पर आक्रमण के दौरान एक आपातकालीन बम-प्रूफ कमांड सेंटर के रूप में किया गया था। मलाया 1963 में नॉर्थ बोर्नियो, सरवाक और सिंगापुर के साथ मिलकर मलेशिया बना। और 1965 में सिंगापुर को महासंघ से अलग कर दिया गया था।

भूमिगत कमांड सेंटर सिंगापुर शहर के बीच में पहाड़ी पर स्थित है।ये भूमिगत कमांड सेंटर औपनिवेशिक सेना, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में मलाया और सिंगापुर की रक्षा की थी , के मलाया कमांड के मुख्यालय का हिस्सा था। 13 फरवरी, 2016 को भूमिगत कमांड सेंटर को एक संग्रहालय के रूप में फिर से खोला गया।

जनरल नरवणे द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए सिंगापुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह 4 अप्रैल से 6 अप्रैल तक अपनी यात्रा के दौरान सिंगापुर के वरिष्ठ सैन्य और नागरिक नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। वह सिंगापुर में कई सैन्य प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे। भारतीय सेना प्रमुख का रक्षा मंत्री, सिंगापुर सेना के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से मिलने का कार्यक्रम है, जहां वह भारत-सिंगापुर रक्षा संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

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